पाकिस्तानी सेना ने 22 अक्टूबर, 1947 को ‘ऑपरेशन गुलमर्ग’ नाम से पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर सैन्य हमला किया। वह ऑपरेशन गुलमर्ग की तैयारी महीनों से कर रहा था। 15 अगस्त, 1947 के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में जरूरत के बहुत से सामान की सप्लाई बंद कर दी थी, जिससे वहां के लोगों की रोजमर्रा की […]
Category: इतिहास के पन्नों से
महान देशभक्त अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ (जन्मदिवस 22 अक्टूबर के अवसर पर विशेष रूप से प्रकाशित) जन्म:22 अक्तूबर १९००, मृत्यु:१९२७ भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के सम्पूर्ण इतिहास में बिस्मिल और अशफ़ाक़ की भूमिका निर्विवाद रूप से हिन्दू-मुस्लिम एकता का अनुपम आख्यान है। बिस्मिल से मुलाकात अशफ़ाक़ अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। सब उन्हें प्यार से अच्छू कहते […]
गोस्वामी तुलसीदास रचित श्री रामचरित मानस के अनुसार युद्ध भूमि में लक्ष्मण रावण पुत्र मेघनाद द्वारा छोड़ी गई शक्ति से मूर्छित हुए है लेकिन आदि कवि राम रावण के समकालीन महर्षि वाल्मीकि के युद्ध कांड में वर्णित वर्णन के अनुसार लक्ष्मण को रावण ने मूर्छित किया था। वाल्मीकि रामायण में १ नहीं ६ से अधिक […]
——————————————-भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास जो पढ़ाया जा रहा है,उसके हिसाब से ब्रिटेन के प्रधान मन्त्री एटली भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन से सहानुभूति रखते थे,उनके हाथ में ब्रिटेन की सत्ता आयी,तो उन्होंने भारत को स्वतंत्र कर दिया । महात्मा गाँधी को भारत को स्वतंत्र कराने का एकमात्र श्रेय दिया जाता है। इतिहास लेखको का यही कहना […]
हितेश शंकर आजाद हिन्द सरकार ने एक ऐसा भारत बनाने का वादा किया था, जिसमें सभी के पास समान अधिकार हों, सभी के पास समान अवसर हों। आजाद हिन्द सरकार ने एक ऐसा भारत बनाने का वादा किया था जो अपनी प्राचीन परम्पराओं से प्रेरणा लेगा और गौरवपूर्ण बनाने वाले सुखी और समृद्ध भारत का […]
——————————————- २१ अक्तूबर का दिन भारतीय स्वाधीनता के इतिहास में एक स्वर्णिम दिन है। इस दिन सन १९४३ में जब अंडमान निकोबार द्वीप समूह का नियंत्रण सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आज़ाद हिंद फ़ौज के नियंत्रण में आया तब सुभाष चंद्र बोस ने अखंड भारत की पहली स्वाधीन सरकार की स्थापना की जिसे बिश्व […]
उन्हीं दिनों शाहजहाँपुर ( उ०प्र० ) के समीप चाँदपुर गाँव में मेला लग रहा था । पहले वर्ष इसी मेले में पादरियों , मुसलमानों और कबीर पंथियों में वाद – विवाद हुआ था । इस चर्चा में मुसलमानों का पलड़ा भारी रहा था । उस गाँव में कबीरपंथियों की संख्या ज्यादा थी । उनके कारोबार […]
——————————————— ब्रिटेन की संसद में भारत को स्वाधीन करने की मजबूरी के बारे में प्रधान मंत्री क्लिमेंट एटली ने कहा था कि भारत की ब्रिटिश सेना हमारे प्रति वफ़ादार नही रही है और हमारे पास वह ताक़त नही है कि हम उसे भारत में भेज कर भारत की विद्रोही सेना को नियंत्रण में […]
अवधेश कुमार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में जम्मू-कश्मीर से कार्यसमिति के सदस्य तारिक हामिद कर्रा ने जिस तरह सरदार पटेल की आलोचना करते हुए कहा कि कश्मीर पर वह उदासीन थे और यह कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने त्वरित पहल नहीं की होती तो वह पाकिस्तान के कब्जे में चला जाता, उससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ […]
हिंडोल सेनगुप्ता भारत का एकीकरण सरदार वल्लभ भाई पटेल का बड़ा सपना था। उन्होंने 1946 में ही के.एम. मुंशी को लिखा था: ‘हमने देश के सामने खड़े विनाश को सफलतापूर्वक टाल दिया है। इतने बरसों में पहली बार किसी भी रूप में पाकिस्तान की संभावना को साफ शब्दों में खारिज कर दिया गया है।’ उनका […]