उगता भारत ब्यूरो महाराजा रंजीत सिंह सरीखे प्रतापी राजा, जिनके जीवित रहते ईस्ट इंडिया कंपनी ने कभी उनके संप्रदाय में दखल देने तक की हिम्मत नहीं की थी, के जाने के बाद उनके साम्राज्य और परिवार का इतना बुरा हश्र होगा इसकी कभी किसी ने सपने में भी कल्पना नहीं की थी। आज कल वे […]
Category: इतिहास के पन्नों से
स्वा. सावरकर एक दूरदर्शी राष्ट्रपुरुष तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के मानबिंदु थे । स्वा. सावरकरजी के विचारों के अनुसार आचरण न करने से देश की बडी हानि हुई । स्वा. सावरकरजी के विचारों के अनुसार यदि देश ने आचरण किया होता, तो देश का विभाजन नहीं हुआ होता । इसके विपरीत देश विश्वगुरु बन गया होता, […]
विवेक दर्शन पत्रिका जब प्यार किया तो डरना क्या – प्यार ..किस किस से….. प्रतापसिंह इस्लाम की खूबसूरती इसमें है कि पूरा कुनबा एक साथ एक ही “थाली” में खाये और उपयोग करे भारतीय इतिहास में जब भी अमर प्रेम कहानियों का जिक्र होता है तो सलीम और अनारकली का नाम जरूर आता है। इस […]
उगता भारत ब्यूरो बप्पा रावल- अरबो, तुर्को को कई हराया ओर हिन्दू धर्म रक्षक की उपाधि धारण की। भीम देव सोलंकी द्वितीय – मोहम्मद गौरी को 1178 मे हराया और 2 साल तक जेल मे बंधी बनाये रखा। पृथ्वीराज चौहान – गौरी को 16 बार हराया और और गोरी बार बार कुरान की कसम खा […]
जब भी किसी देश, जाति या समाज का पराभव होता है, वह एक सुखद अवसर नहीं होता। भारतीय इतिहास में अनेक ऐसे अवसर आये हैं, जब हमने अपने को पराजित, पददलित और शोषित अनुभव किया है। इस पराजय में हमने केवल राजनीतिक सत्ता का ही अपहरण कराया हो, ऐसी बात नहीं है, अपितु हमारी सांस्कृतिक […]
उगता भारत ब्यूरो गाँधीजी के निकटतम सहयोगी रहे स्व. धर्मपालजी ने गाँधीजी के कहने पर 17वीं व 18 वीं शताब्दी के भारत की राजनैतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर गहन शोध किया था। उन्होंने लाखों दस्तावेज इकठ्ठे किए और जगह-जगह जाकर तथ्यों की पड़ताल की। इस व्यापक शोध को उन्होंने पुस्तक के रुप में प्रकाशित […]
उगता भारत ब्यूरो शाचींद्रनाथ सान्याल भारत की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले प्रसिद्ध क्रांतिकारी थे। वे राष्ट्रीय व क्रांतिकारी आंदोलनों में सक्रिय भागीदार होने के साथ ही क्रांतिकारियों की नई पीढ़ी के प्रतिनिधि भी थे। इसके साथ ही वे ‘गदर पार्टी’ और ‘अनुशीलन संगठन’ के दूसरे स्वतंत्रता संघर्ष के प्रयासों के महान कार्यकर्ता और […]
गांधी वध और नाथूराम गोडसे
गांधी वध धर्म और राष्ट्र रक्षार्थ एक राजनैतिक वध था…उस समय साम्प्रदायिक समस्या के संबंध में गांधी जी की नीति अत्यंत हानिकारक सिद्ध हुई थी। क्योंकि इतिहास से हमें ज्ञात होता है कि भारत के मूल निवासियों पर बढ़ती आक्रान्ताओं की आक्रामकता में गांधी जी की उदासीनता उनका अप्रत्यक्ष समर्थन करती थी। वैसे भी अनेक […]
कृष्ण कुमार मिश्र तराई की जलधाराएं जो पूरी दुनिया में अद्भुत और प्रासंगिक हैं, क्योंकि इन्ही जलधाराओं से यहाँ के जंगल हरे भरे और जैव विविधिता अतुलनीय रही, यहाँ हिमालय से उतर कर शारदा घाघरा जैसी विशाल नदियां तराई की भूमि को सरोबार करती है अपने जल अमृत से, तो गोमती, पिरई, चौका, सरायन, जमुहारी, […]
उगता भारत ब्यूरो 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान विभाजन की कई दर्दनाक कहानियां है। ऐसी ही एक कहानी है तत्कालीन कश्मीर रियासत के एक शहर मीरपुर की। यहां के हिन्दू लोगों ने खुद को पाकिस्तानी सेना से बचाने के लिए तत्कलीन कश्मीर के प्रमुख शेख अब्दुल्ला से गुहार लगाई। लेकिन अब्दुल्ला ने इसे अनसुना कर दिया […]