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इतिहास के पन्नों से

मुगलों का हिंदुस्तान पर कुल कितने दिन रहा था शासन

उगता भारत ब्यूरो बाबर ने मुश्किल से कोई 4 वर्ष राज किया। हुमायूं को ठोक पीटकर भगा दिया। मुग़ल साम्राज्य की नींव अकबर ने डाली और जहाँगीर, शाहजहाँ से होते हुए औरंगजेब आते आते उखड़ गया। कुल 100 वर्ष (अकबर 1556ई. से औरंगजेब 1658ई. तक) के समय के स्थिर शासन को मुग़ल काल नाम से […]

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ताजमहल के निर्माण संबंधी कुछ तथ्य जिन पर पड़ा है अभी तक भी रहस्य का पर्दा

उगता भारत ब्यूरो इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। अब सोचिए कि जब मुमताज का इंतकाल 1631 में हुआ तो फिर कैसे उन्हें 1631 में ही ताजमहल में दफना दिया गया, जबकि ताजमहल तो 1632 में बनना शुरू हुआ […]

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शिवाजी की हिंदू राष्ट्र निर्माण की योजना

अनुराग भारद्वाज मैं: ‘अच्छा बताओ. हम क्या बोलते हैं? अशोक महान था या अशोक महान थे?’ वह: ‘एक ही बात है.’ मैं: फिर भी…अक्सर क्या बोला जाता है?’ वह: ‘अशोक महान था.’ मैं: ‘अकबर महान था? या अकबर महान थे?’ वह: ‘फिर वही बात? अकबर भी महान ही था, भाई! हर एक के लिए ऐसे […]

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ताजमहल के निर्माण संबंधी कई तथ्यों पर पड़ा है आज भी रहस्य का पर्दा

उगता भारत ब्यूरो इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में इसका निर्माण कार्य पूर्ण हुआ। अब सोचिए कि जब मुमताज का इंतकाल 1631 में हुआ तो फिर कैसे उन्हें 1631 में ही ताजमहल में दफना दिया गया, जबकि ताजमहल तो 1632 में बनना शुरू हुआ […]

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बहुमुखी प्रतिभा के धनी समाज सुधारक और इतिहासकार भी थे वीर सावरकर

उगता भारत ब्यूरो जन्म- 28 मई, 1883, भगूर गाँव, नासिक; मृत्यु- 26 फ़रवरी, 1966, मुम्बई वीर सावरकर न सिर्फ़ एक क्रांतिकारी थे बल्कि एक भाषाविद, बुद्धिवादी, कवि, अप्रतिम क्रांतिकारी, दृढ राजनेता, समर्पित समाज सुधारक, दार्शनिक, द्रष्टा, महान् कवि और महान् इतिहासकार और ओजस्वी आदि वक्ता भी थे। उनके इन्हीं गुणों ने महानतम लोगों की श्रेणी […]

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“नेहरू के नेतृत्व में 1946 में बनने वाली अन्तरिम सरकार के मन्त्रियों की सुरक्षा” 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ : एक प्रेरक प्रसंग____ (1)  _1946 में अन्तरिम सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और मुस्लिम लीग में कोई समझौता नहीं हो सका, अतः मुस्लिम लीग ने अन्तरिम सरकार में शामिल होने से इंकार कर दिया। इस पर वाइसराय देवल ने बिना मुस्लिम लीग के ही जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस […]

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अपनी कही हुई बात पर कभी स्थिर नहीं रहते थे गांधी जी

शंकर शरण भारत के हिन्दूवादियों द्वारा महात्मा गाँधी की जयकार में एक भारी विडंबना है। विदेशी अतिथियों को गाँधी-समाधि पर ले जाने जैसे नियमित अनुष्ठानों से यह और गहरी होती है। ऐसा कर के हमारे नेता क्या संदेश देते हैं? निस्संदेह, गाँधी जी ने अनेक अच्छे काम किए। पर उन की राजनीतिक विरासत अत्यंत हानिकर […]

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जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा था – तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा

उगता भारत ब्यूरो 4 जुलाई 1944 को बर्मा में भारतीयों के सामने दिया गया नेताजी का ये प्रेरक भाषण शब्दशः प्रस्तुत है दोस्तो ! बारह महीने पहले “ पूर्ण संग्रहण ”(total mobilization) या “परम बलिदान ”(maximum sacrifice) का एक नया कार्यक्रम पूर्वी एशिया में मौजूद भारतीयों के समक्ष रखा गया था ! आज मैं आपको […]

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जिसके सिर पर तिलक ना दिखे उसका सर धड़ से अलग कर दो – सम्राट पं० पुष्यमित्र शुंग

यह बात आज से लगभग 2100 वर्ष पहले की है । एक किसान ब्राह्मण के घर एक पुत्र ने जन्म लिया , जिसका नाम रखा गया पुष्यमित्र था अर्थात पुष्यमित्र शुंग ……. और वह बना एक महान हिंदू सम्राट जिसने भारत देश को बौद्ध देश बनने से बचाया । अगर पुष्यमित्र शुंग जैसा कोई राजा […]

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जैन मत समीक्षा व जैन ग्रंथों के गपोडे-

………….. -डा मुमुक्षु आर्य ……………. चार्वाक,जैन, बौद्ध- ये तीन नास्तिक मत हैं जो ईश्वर की सत्ता को नहीं मानते, इनका मानना है कि यह सृष्टि अनादि काल से ऐसे ही चली आ रही है, इसको कोई बनाने वाला नहीं । इनके ग्रन्थों में भी तन्त्र पुराण कुरान बाइबिल आदि अनार्ष ग्रन्थों की तरह काल्पनिक किस्से […]

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