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इतिहास के पन्नों से

जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस आए थे सातरोड हिसार

लाला हरदेव सहाय स्वामी श्रद्धानन्द जी के शिष्य थे। आप मियांवाली जेल में स्वामी जी के साथ गुरु का बाग मोर्चा सत्याग्रह के अंतर्गत बंद रहे थे। यह मोर्चा सिखों को गुरु का बाग़ गुरूद्वारे को महंतों के चंगुल से मुक्त करवाने के लिए चलाया गया था। आर्यसमाज के शीर्घ नेता और प्रधान स्वामी श्रद्धानंद […]

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इतिहास के पन्नों से

शिवाजी ने जिन मुगलों को बार बार पराजित किया आज उन्हीं की मजारें लोहागढ़ किले में की जा रही है स्थापित

सुयश श्रीकर छत्रपति शिवाजी महाराज के शासन वाले कई किलों पर दरगाह, मजार, मस्जिद और इस्लामी संरचनाएँ बना दी गई हैं। इसके अलावा, देश भर में हिंदू राजाओं के किलों पर ऐसी ढाँचे खड़े कर दिए गए हैं। इससे हिंदू समाज में सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों पर हो रहे कब्जे को लेकर चिंता बढ़ रही […]

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इतिहास के पन्नों से

भारत की एकता और अखंडता और राष्ट्रीयता

१. द्वीप तथा वर्ष-पुराणों में ७ महाद्वीपों के साथ अष्टम महाद्वीप अनन्त (अण्टार्कटिका) का भी वर्णन किया है। इनके नाम हैं-जम्बू द्वीप (एशिया),प्लक्ष द्वीप (यूरोप), कुश द्वीप (विषुव के उत्तर का अफ्रीका), शाल्मलि द्वीप (विषुव के दक्षिण का अफ्रीका), शक या अग्नि द्वीप (आस्ट्रेलिया), क्रौञ्च द्वीप (उत्तर अमेरिका), पुष्कर द्वीप (दक्षिण अमेरिका)। यहां द्वीप का […]

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स्वर्णिम इतिहास

प्राचीन भारतीय गणतांत्रिक अवधारणा

-अशोक “प्रवृद्ध”     विभाजित भारतवर्ष में 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होने के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस मनाया जाता है। वर्तमान केंद्र सरकार के द्वारा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाये जाने और उस दिन से ही […]

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इतिहास के पन्नों से

स्वदेशी अपनाकर स्वावलम्बन का भाव भी जगाते रहे अमर शहीद हेमू कालाणी

 प्रहलाद सबनानी अमर शहीद हेमू कालाणी का जन्म अविभाजित भारत के सक्खर, सिंध प्रांत में 23 मार्च 1923 को हुआ था। आपके पिताश्री का नाम श्री पेसूमल जी कालाणी एवं माताश्री का नाम श्रीमती जेठीबाई कालाणी था। उन्हें केवल 19 वर्ष की अल्पआयु में ही बर्बर अंग्रेज सरकार द्वारा फांसी दे दी गई थी। अविभाजित […]

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सम्राट पौरस और सिकंदर युद्ध महान कौन. . . . ? ? ?

उगता भारत ब्यूरो मकदूनिया में स्त्रियों को कतार बद्ध खड़ा कर दिया गया सौंदर्य – कमयिता के इस प्रदर्शन में जो सबसे खूबसूरत होगी उसे यूनान के शासक सिकंदर को दिया जायेगा बाकी सैनिकों को बाँट दिया जायेगा । पर्शिया कि इस हार ने एशिया के द्वार खोल दिया भागते पर्शियन शासकों का पीछा करते […]

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इतिहास के पन्नों से

दिव्य गुणों से विभूषित थे गुर्जर सम्राट मिहिर भोज

  भारत के महान शासकों में गुर्जर सम्राट मिहिर भोज का नाम अग्रगण्य है । उनके विषय में प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ राकेश कुमार आर्य ने लिखा है कि अग्नि अर्थात प्रकाश के उपासक भारतवर्ष का सबसे पहला राजवंश वैवस्वत मनु के द्वारा सूर्यवंश के रूप में स्थापित किया गया । इस सूर्यवंश को ही इक्ष्वाकु […]

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इतिहास के पन्नों से

क्या धर्म अफीम है* जैसा कि कार्ल मार्क्स ने बताया है ?

कार्ल मार्क्स ने धर्म के स्थान पर मत को धर्म का स्वरुप समझ लिया । जैसा उन्होंने देखा और इतिहास में पढ़ा, उसको देख कर तो सभी कोई धर्म के विषय में इसी निष्कर्ष पर पहुँचेगा, जैसा मार्क्स ने बतलाया । कार्ल मार्क्स ने अपने चारों और क्या देखा ? मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा यूरोप, एशिया […]

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भारत में मंदिर संस्कृति और पर्यटन की असीम संभावनाएं

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल देवी – देवताओं, साधु – संतों,तपस्वियों, मुनियों के देश भारत में उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक मन्दिर प्राचीन काल से वर्तमान समय तक भारतवासियों की आत्मिक श्रद्धा और आस्था का केंद्र रहे हैं। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने में इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही हैं। धार्मिक यात्राएं प्राचीन समय […]

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इतिहास के पन्नों से

जब बाल गोभक्त बिशन सिंह ने अंग्रेज जिलाधीश कोवन की दाढ़ी खींच ली थी

डॉ. सुरेन्द्र कुमार जैन “17 जनवरी, 1872 को 12 वर्ष के बिशन सिंह के सामने उसके सद्गुरु राम सिंह कूका को जब अंग्रेज जिलाधीश कोवन ने गाली दी तो उस बालक ने कूद कर दोनों हाथों से कोवन की दाढ़ी पकड़ ली। लाख प्रयास करने के बाद भी कोवन अपनी दाढ़ी नहीं छुड़वा सका और […]

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