10 अगस्त 1947 के दिन प्रतिनिधियों का विभाजन के प्रति गहरा क्रोध दस अगस्त…. रविवार की एक अलसाई हुई सुबह. सरदार वल्लभभाई पटेल के बंगले अर्थात १, औरंगजेब रोड पर काफी हलचल शुरू हो गयी है. सरदार पटेल वैसे भी सुबह जल्दी सोकर उठते हैं. उनका दिन जल्दी प्रारम्भ होता है. बंगले में रहने वाले […]
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वह पंद्रह दिन : 9 अगस्त 1947
9 अगस्त 1947 का वो नवां दिन लेख माला “वे पंद्रह दिन” – प्रशांत पोल सोडेपुर आश्रम… कलकत्ता के उत्तर में स्थित यह आश्रम वैसे तो शहर के बाहर ही है. यानी कलकत्ता से लगभग आठ-नौ मील की दूरी पर. अत्यंत रमणीय, वृक्षों, पौधों-लताओं से भरापूरा यह सोडेपुर आश्रम, गांधीजी का अत्यधिक पसंदीदा है. जब […]
(वेद अग्रवाल- विभूति फीचर्स) भारतीय स्वतंत्रता का इतिहास जब-जब लिखा जाएगा, तब-तब 10 मई 1875 का दिन बड़ी श्रद्घा एवं सम्मान के साथ अंकित किया जाएगा। इस दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रथम चिंगारी मेरठ की ब्रिटिश सेना की बैरकों में फूटी थी। वैसे भारत के इस स्वतंत्रता संग्राम की नींव तो 1775 में ही […]
सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में जब कहीं से भी देश को तोडऩे की बात आती है तो स्वाभाविक रूप से उसका प्रतिकार भी जबरदस्त तरीके से होता है। यह प्रतिकार निश्चित रूप से उस राष्ट्रभक्ति का परिचायक है, जो इस भारत देश को देवभूमि भारत के रूप में प्रतिस्थापित करने का प्रमाण प्रस्तुत करने का अतुलनीय […]
भारतीय इतिहास का प्रथम जौहर !
सिंध के शासक राजा दाहर और मुहम्मद बिन कासिम के बीच पांच दिन का निर्णायक युध्द 16 जून 722 ईस्वी से शुरु हुआ । सिंध इतिहास के प्रसिध्द ग्रंथ चचनामा में इसका विस्तार से वर्णन है । युध्द के पांचवें दिन 20 जून 722 को दाहर अपने दो पुत्रों जैसिया , धरसिया और एक लाख […]
प्रशांत पोळ 8 अगस्त 1947 के दिन वेंकटाचार ने जोधपुर रियासत को पकिस्तान में जाने से बचा लिया शुक्रवार आठ अगस्त…. इस बार सावन का महीना ‘पुरषोत्तम (मल) मास’ हैं. इसकी आज छठी तिथि हैं, षष्ठी. गांधीजी की ट्रेन पटना के पास पहुंच रही है. सुबह के पौने छः बजने वाले हैं. सूर्योदय बस अभी […]
जब देश की आजादी का आंदोलन चल रहा था तो अक्सर राजाओं के बारे में यह प्रश्न हमारे मन मस्तिष्क में आता रहता है कि उस समय देशी राजाओं की स्थिति क्या थी ? वे देश के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग ले रहे थे या कहीं कुछ और कर रहे थे ? आज इसी तथ्य […]
राष्ट्रपति का भाषण, 2023 मेरे प्यारे देशवासियो, देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को मेरी हार्दिक बधाई! यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। यह प्रसन्नता और गर्व की बात है कि कस्बों और गांवों में, यानी देश […]
– प्रोफेसर हरी नरके “”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””” इसवी सन 1030 में मोहम्मद गजनवी के साथ भारत में आये फारसी इतिहासकार अल-बरुनी ने पहली बार हिंदू शब्द का लिखित तौर पर प्रयोग किया। हिंदू शब्द फारसी भाषा के “गया हूल सौगात” शब्दकोश से आया है। जिसका शाब्दिक अर्थ है – काला, चोर, बदमाश, काफिर, असभ्य, गुलाम। 1325 में […]
(कुमार कृष्णन – विनायक फीचर्स) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी आधुनिक भारत के अग्रदूतों में से एक थे और ब्रिटिश राज के भीतर स्वशासन के समर्थक थे। उन्होंने देश की आजादी में प्रभावशाली भूमिका निभाई। एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में करियर शुरू करने से लेकर कांग्रेस के माध्यम से राजनीति में कदम रखने तक, उनका प्रभाव और […]