अरुण उपाध्याय मूल नामों से प्राचीन इतिहास और परंपरा का पता चलता है। जैसे काशी क्षेत्र की पूर्वी सीमा (सोन-गंगा संगम) पर स्थित स्थानों के नाम उसी क्रम में हैं जैसे जगन्नाथ पुरी के निकट के क्षेत्र। विश्वनाथ और जगन्नाथ धाम में अधिक अन्तर नहीं है। उत्तर भारत में अधिक नाम बदलने से यह लुप्त […]
Category: इतिहास के पन्नों से
चौधरी जयदीप सिह ‘नैन’ चौधरी तख्तमल जी पंजाब के मुक्तसर के पास मत्ते की सराय(सराय नागा) के 70 गांवों के स्वतंत्र जाट जागीरदार थे। उनका जन्म 4 मार्च 1465 के आस पास हुआ बताया जाता है। वे बहुत वीर और धनी पुरुष थे। द्वितीय सिख गुरु अंगद देव जी के पिता फेरूमल(खत्री)जी जब आर्थिक रूप […]
भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे पुरानी एवं महान संस्कृति मानी जाती है एवं भारत में शिक्षा को अत्यधिक महत्व देकर इसे प्रकाश का स्त्रोत मानकर मानव जीवन के विभिन क्षेत्रों को आलोकित किया जाता रहा है एवं यहां आध्यात्मिक उत्थान तथा भौतिक एवं विभिन्न उत्तरदायित्वों के विधिवत निर्वहन के लिये शिक्षा की महती आवश्यकता को […]
उगता भारत ब्यूरो भारत या विश्व के कोई भी राजा महाराजा हों उनके पास दास- दासियों की बड़ी संख्या होती थी I इन दासों के द्वारा राज्य के प्रतिदिन के दिनचर्या के कार्य कार्यान्वित किये जाते थे, जब भी कोई राजा किसी दूसरे राज्य पर हमला करके उसे हरा देता था तो उस राज्य के […]
दयानंद पांडेय सावरकर का लिखा कभी पढ़ा है आप ने ? सिर्फ़ सावरकर का माफ़ीनामा ही जानते हैं या कुछ और भी ? या सिर्फ़ लतीफ़ा बन चुके राहुल गांधी के मार्फ़त जानते हैं सावरकर को ? कभी इंदिरा गांधी के मार्फ़त भी सावरकर को जानिए। कभी पता कीजिए कि इंदिरा गांधी ने सावरकर के […]
शहीद- ए -आजम भगत सिंह की मां” _______________________________________ अनादि काल से भारत माता वीरों की जननी रही है | यह एक काव्यात्मक अलंकारिक कथन है निसंदेह भारत मां वीरों को पैदा करती है लेकिन वीरों को जनने का यह पवित्र महान कार्य भारत माता अपनी पुत्रियों को सौंप देती है | ब्रिटिश साम्राज्यवादी भारत में […]
संतोष भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार 1984 का चुनाव विपक्षी दलों के लिए विनाश का तूफान लेकर आया। सारे दल और सारे नेता कांग्रेस या कहें कि राजीव गांधी की आंधी में तिनकों की तरह उड़ गए। चंद्रशेखर चुनाव हार गए। वह तीन दिनों तक अपनी झोंपड़ी में बंद रहे। उन्हें इतना धक्का लगा कि किसी से […]
उगता भारत ब्यूरो कालापानी मतलब यातना। कालापानी मतलब नरक। कालापानी मतलब क्रूर अत्याचार। कालापानी मतलब 24 घंटे त्रासदी वाला जीवन। क्या ये सबके वश की बात थी? कालापानी में कक्ष कारागारों को सेल्युलर जेल कहा जाता था। वहाँ कड़ा पुलिस पहरा रहता था। सावरकर अपनी पुस्तक ‘काला पानी’ में इस नारकीय यातना का वर्णन करते […]
(फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की दशमी की तिथि को स्वामी दयानंद की198 वी जयंती पर लेख की द्वितीय किस्त) ” स्वामीजी महाराज पहले महापुरूष थे जो पश्चिमी देशों के मनुष्यों के गुरू कहलाये।… जिस युग में स्वामीजी हुए उससे कई वर्ष पहले से आज तक ऐसा एक ही पुरूष हुआ है जो विदेशी भाषा नहीं […]
के विक्रम राव हमारी बिरादरी की यह अटल मान्यता है कि कैमरा कभी भी झूठ नहीं बोलता। यदि कहीं आवाज की रिकॉर्डिंग हुयी तो कदापि नहीं। बल्कि पुख्ता बन जाती है। फिर भी दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (एक टीवी एंकर ने उनके कुलनाम के दो अक्षरों के मध्य ”व” जोड़ दिया था) एक चौथायी […]