स्वतंत्र भारत में कश्मीरी अलगाववाद की कहानी, भाग – 2 फारूक अब्दुल्लाह की सोच 1987 में जब जम्मू कश्मीर में विधानसभा के नए चुनाव हुए तो नेशनल कांफ्रेंस फिर से सरकार बनाने में सफल रही। इस बार उसके शासनकाल में जम्मू कश्मीर में भारत विरोधी शक्तियों ने मजबूती से उठना आरंभ किया। अपने पिता […]
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जब 26 अक्टूबर 1947 को महाराजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर रियासत का भारत में विलय कर दिया तो 27 अक्टूबर 1947 से जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बन गया ।हमें इस संदर्भ में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 1947 में भारत के साथ विलय पत्र पर जिन – जिन राजाओं ने अपनी- अपनी […]
*भाजपा नेता तरूण विजय हटवायेंगे भगवान गणेश की* *मूर्तियां* =============== *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ================ कुतुब मीनार जितना बड़ा है उतनी ही गहरा हिन्दुओं का बलिदान है। कुतुब मीनार हिन्दू मंदिर को दफन कर बनाया गया जहां पर हिन्दू देवी-देवताओं का अवशेष आज भी है। मीनार परिधि में भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं जो अति […]
उगता भारत ब्यूरो हैदराबाद में राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के इंद्रेश कुमार जी द्वारा हैदराबाद के अंतिम निजाम की प्रशंसा में वक्तव्य दिया गया है। इंद्रेश जी इतिहास उठाकर देखिये निजाम के सहयोगियों द्वारा चलाई जाने वाली मजलिस नामक संस्था और संरक्षित रजाकारों की फौज के साथ मिलकर हिन्दुओं पर कैसे कैसे अत्याचार करती थी। उस […]
विजय मोहन तिवारी अभी दो ताजे वीडियो आए। पहला राजौरी की एक मस्जिद में एक मौलाना की मारक तकरीर का, जो “द कश्मीर फाइल्स’ से बौखलाया हुआ लगा और दूसरा एक जोशीले जवान का, जो प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को गरिया रहा है। दोनों में एक बात बड़े जोर से कही गई-“हमने इस मुल्क पर 800 […]
अशोक मधुप ये घटना है उत्तर प्रदेश के बिजनौर जनपद के धामपुर नगर की। 1857 की क्रांति के समय उत्तर प्रदेश के धामपुर जनपद बिजनौर के सेठ हरसुख राय लोहिया चर्चित हस्ती थे। इस जंग ए आजादी के दौरान इनकी बेटी की शादी थी। बारात आई हुई थी। किसी के यहां बेटी की शादी हो। […]
हे सरदारों के सरदार ! राजाओं के राजा तथा भारत उद्यान की क्यारियों के माली व्यवस्थापक। हे रामचन्द्रजी के ह्रदय के चैतन्य अंश ! तुमसे क्षत्रियों की ग्रीवा गौरव से ऊँची है l तुमसे बाबर वंश की राज्य लक्ष्मी अधिक प्रबल हो रही है। तुम्हारा भाग्य तुम्हारा सहायक है। भाग्य के युवक और बुद्धि […]
श्री राम तिवारी 2 अप्रैल गुड़ी पड़वा पर विशेष लेख स्वाधीन भारत में संविधान स्वीकार करते समय राष्ट्र गान एवं राष्ट्र ध्वज के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर दो सम्वत् अंगीकार किये गये हैं. पहला ईस्वी सम्वत् और दूसरा शक सम्वत्। ये दोनों ही सम्वत् भारत आक्रांताओं और उसे पराधीन बनाने वाली शक्तियों द्वारा प्रवर्तित किये […]
नेहरू का झूठ व एटली का सच ———
इंजीनियर श्याम सुन्दर पोद्दार, महामन्त्री, वीर सावरकर फ़ाउंडेशन ——————————————— १९४५ के केंद्रीय धारा सभा के चुनाव में कांग्रेस के बहुमत पाने के बाद १९४६ की 2 सितंबर को नेहरू ने मुस्लिम लीग के सहयोग से भारत के प्रधानमंत्री की शपथ ली। फिर १९४७ में जिन्ना के साथ भारत के विभाजन के काग़ज़ातों पर हस्ताक्षर कर […]
1947 में देश की स्वाधीनता के समय अंग्रेजों ने बड़ी चालाकी दिखाते हुए भारत को खंड – खंड करने का लक्ष्य अपने समक्ष रखा। अपने इस गुप्त उद्देश्य की पूर्ति के लिए तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने भारत की सभी रियासतों के समक्ष यह प्रस्ताव रख दिया था कि वे चाहें तो भारत के साथ सम्मिलित […]