Categories
इतिहास के पन्नों से

आजादी के साथ विभाजन की विभिषिका का दर्द नहीं भूल सकते देशवासी  

14 अगस्त विभाजन विभीषिका दिवस पर विशेष-          – सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”  भारत विभाजन का दौर देश और देश के लोगों के लिए सबसे कष्ट वाला दौर था। अनगिनत लोगों को अपना घर, जमीन सब कुछ छोड़ना पड़ा। और अपने ही देश में शरणार्थी बन कर रहना पड़ा। लूट-पाट और कत्लेआम की भयानक स्थिति […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

मालाबार और आर्यसमाज

1921 में केरल में मोपला के दंगे हुए। मालाबार में रहने वाले मुसलमान जिन्हें मोपला कहा जाता था मस्जिद के मौलवी के आवाहन पर जन्नत के लालच में हथियार लेकर हिन्दू बस्तियों पर आक्रमण कर देते हैं। पहले इस्लाम ग्रहण करने का प्रलोभन दिया जाता हैं और हिन्दुओं की चोटी-जनेऊ को काट कर अपनी जिहादी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारत तो स्वतंत्र हो गया. विभाजित होकर..!  परन्तु अब आगे क्या..? 

दुर्भाग्य से गांधीजी ने मुस्लिम लीग के बारे में जो मासूम सपने पाल रखे थे, वे टूट कर चूर चूर हो गए. गांधीजी को लगता था, की ‘मुस्लिम लीग को पकिस्तान चाहिये, उन्हें वो मिल गया. अब वो क्यों किसी को तकलीफ देंगे..?’ पांच अगस्त को ‘वाह’ के शरणार्थी शिबिर में उन्होंने यह कहा था, […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

लेख माला “वे पंद्रह दिन” प्रशांत पोळ … और 14 अगस्त 1947 को आधिकारिक रूप से पाकिस्तान बना

कलकत्ता…. गुरुवार, 14 अगस्त सुबह की ठण्डी हवा भले ही खुशनुमा और प्रसन्न करने वाली हो, परन्तु बेलियाघाट इलाके में ऐसा बिलकुल नहीं है. चारों तरफ फैले कीचड़ के कारण यहां निरंतर एक विशिष्ट प्रकार की बदबू वातावरण में भरी पड़ी है. गांधीजी प्रातःभ्रमण के लिए बाहर निकले हैं. बिलकुल पड़ोस में ही उन्हें टूटी […]

Categories
आतंकवाद इतिहास के पन्नों से

बटवारे में कलकत्ता भारत से अलग हो जाता यदि महावीर गोपाल पाठा खटीक न होते।

जिन्ना ने अपने डायरेक्ट एक्शन डे के लिए कोलकाता (कलकत्ता) को चुना क्योंकि वो चाहता था कि कोलकाता पाकिस्तान में हो। कोलकाता उस समय भारत का एक प्रमुख व्यापारिक शहर था, और जिन्ना कोलकाता को खोना नहीं चाहता था! कोलकाता को हिंदू मुक्त बनाने का मिशन सुहरावर्दी को दिया गया था, जो बंगाल का मुख्यमंत्री […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

13 अगस्त 1947 को जब अधिकृत रूप से पाकिस्तान बना लेख माला “वे पंद्रह दिन” प्रशांत पोळ

मुंबई… जुहू हवाई अड्डा टाटा एयर सर्विसेज के काउंटर पर आठ-दस महिलाएं खडी है. सभी अनुशासित हैं और उनके चेहरों पर जबरदस्त आत्मविश्वास दिखाई दे रहा है. यह सभी ‘राष्ट्र सेविका समिति’ की सेविकाएं हैं. इनकी प्रमुख संचालिका यानी लक्ष्मीबाई केलकर, अर्थात ‘मौसीजी’, कराची जाने वाली हैं. कराची में जारी अराजकता एवं अव्यवस्था के माहौल […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

वे पंद्रह दिन : 12 अगस्त 1947 ( प्रशांत पोल की लेखमाला )

आज मंगलवार, 12 अगस्त. आज परमा एकादशी है. चूंकि इस वर्ष पुरषोत्तम मास श्रावण महीने में आया है, इसलिए इस पुरषोत्तम मास में आने वाली एकादशी को परमा एकादशी कहते हैं. कलकत्ता के नजदीक स्थित सोडेपुर आश्रम में गांधीजी के साथ ठहरे हुए लोगों में से दो-तीन लोगों का परमा एकादशी का व्रत हैं. उनके […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

डायरेक्ट एक्शन डे और गोपाल पाठा की वीरता

क्या आपने गोपाल पाठा का नाम सुना है? 16 अगस्त 1946 को कलकत्ता में ‘डायरेक्ट एक्शन ‘ के रूप में जाना जाता है। इस दिन अविभाजित बंगाल के मुख्यमंत्री सुहरावर्दी के ईशारे पर मुस्लिम लीग के गुंडों ने कोलकाता की गलियों में भयानक नरसंहार आरम्भ कर दिया था। कोलकाता की गलियां शमशान सी दिखने लगी […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

भारतीय इतिहास का काला दिवस : सीधी कार्यवाही दिवस

16 अगस्त 1946 का दिन कलकत्ता में हजारों हिंदुओं के खून से सना हुआ दिन है। हुसैन सुहरावर्दी ने सारी पुलिस को 3 दिन की सामूहिक छुट्टी दे दी थी। डायरेक्ट एक्शन डे 16 अगस्त 1946 के दिन मोहम्मद अली जिन्ना की घोषणा का परिणाम था। जिन्ना ने कलकत्ता को इसलिए चुना क्योंकि बंगाल में […]

Categories
इतिहास के पन्नों से

वे पंद्रह दिन : 11 अगस्त 1947 (प्रशांत पोल की लेखमाला )

अगस्‍त 11, 1947: आज की सुबह की शुरूआत महात्‍मा गांधी के कोलकाता (तब का कलकत्‍ता) स्थिति आश्रम से करते हैं. शहर के बाहर इलाके स्थिति महात्‍मा गांधी के इस आश्रम में होने वाली प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए आज अच्‍छी खासी भीड़ लगी थी. आज प्रार्थना सभा में महात्‍मा गांधी के संबोधन का विषय […]

Exit mobile version