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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय – 17

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी ) पुस्तक से .. चंद्रगुप्त, चाणक्य और सिकंदर डॉ राकेश कुमार आर्य नेहरू जैसे इतिहास लेखकों की यह विशेषता रही है कि वह भारत के महान सम्राटों, शासकों और समाज सुधारकों या राष्ट्र निर्माताओं को किन्ही विदेशी सम्राट, शासक या समाज सुधारक अथवा राष्ट्र निर्माता […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय -16

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से .. (अध्याय -16 ) डॉ राकेश कुमार आर्य भारत में मांसाहार और नारी का सम्मान वैदिक संस्कृति के प्रति पूर्णतया उपेक्षित भाव रखने वाले नेहरू जी अपनी उक्त पुस्तक द डिस्कवरी ऑफ इंडिया के पृष्ठ 128 पर लिखते हैं कि- “शिकार एक बाकायदा […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय – 15

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) अध्याय – 15 महाकाव्य और खयाली इतिहास डॉ राकेश कुमार आर्य हम सभी जानते हैं कि जिस समय राम मंदिर आंदोलन चल रहा था और राम जन्मभूमि का मामला न्यायालय में भी विचाराधीन था तो उस समय कांग्रेस ने किस प्रकार रामायण और राम को […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 14)

डॉ राकेश कुमार आर्य इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) अध्याय – 14 तब था धरती पर अंधकार नेहरू जी द डिस्कवरी ऑफ इंडिया अर्थात हिंदुस्तान की कहानी नामक अपनी पुस्तक के पृष्ठ 101 पर मैक्स मूलर के इस कथन को भारत के संदर्भ में बड़े गर्व के साथ लिखते हैं […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 13)

डॉ. राकेश कुमार आर्य (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से … वेद मानव द्वारा निर्मित वेदों को लेकर भारतीय ऋषियों की मान्यता रही है कि यह सृष्टि प्रारंभ में ईश्वर प्रदत्त ज्ञान है। जो कि सृष्टि को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए दिया गया। इनमें धर्म की व्यवस्था है। भारतीय ऋषियों की इस […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 12)

डॉ राकेश कुमार आर्य (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) (अध्याय – 12) हिंदी-हिंदू-हिंदुस्तान के विरोधी नेहरू यद्यपि नेहरू जी की द डिस्कवरी ऑफ इंडिया में हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तान का भरपूर प्रयोग हुआ है, परंतु इसके उपरांत भी उनके बारे में यह भी सच है कि वे इन तीनों शब्दों का कुछ अलग ही अर्थ […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू अध्याय 11

डॉ राकेश कुमार आर्य (डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी) पुस्तक से … वर्ण-व्यवस्था का आधार रूप रंग था? पंडित जवाहरलाल नेहरू ने वर्ण-व्यवस्था को रूप रंग का आधार प्रदान किया। वर्ण-व्यवस्था की वैज्ञानिकता को वह समझ नहीं पाए। उनके जैसे लेखकों की इस प्रकार की मान्यताओं के चलते भारत वर्ष में वर्ण-व्यवस्था को अवैज्ञानिकता की […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय 10)

( डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी ) (अध्याय 10 ) – डॉ राकेश कुमार आर्य भारत आर्य और द्रविड़ में बंटा रहा? पिता के पत्र पुत्री के नाम नामक पुस्तक में नेहरू जी के द्वारा अपनी पुत्री इंदिरा गांधी के लिए लिखे गए पत्रों के संकलन में वह लिखते हैं- “रामायण पढ़ने से मालूम होता […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू

इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय 9)

डिस्कवरी ऑफ इंडिया की डिस्कवरी पुस्तक से .. नेहरू बोले – आर्य विदेशी थे डॉ राकेश कुमार आर्य पंडित जवाहरलाल नेहरू ने हिंदुस्तान की कहानी लिखनी तो आरंभकर दी, परंतु वह यह नहीं जानते थे कि इस कहानी का शुभारंभकहां से हुआ? इसके सूत्रधार कौन थे? इसीलिए उन्होंने अपनी पुस्तक के पृष्ठ संख्या 83 पर […]

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इतिहास का विकृतिकरण और नेहरू (अध्याय – 08)

भारत की स्थापत्य कला पर नेहरू जी के विचार (अध्याय – 08) डॉ राकेश कुमार आर्य हिंदुस्तान की खोज के चौथे अध्याय में नेहरू जी सिंध घाटी की सभ्यता से अपनी बात को आरंभ करते हैं। वह कहते हैं कि- ” हिंदुस्तान के गुजरे हुए जमाने की सबसे पहली तस्वीर हमें सिंध घाटी की सभ्यता […]

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