Acharya Bal krishna ji चीकू मूलतः दक्षिण अमेरिका में एवं अन्य उष्णकटिबंधीय भागों में प्राप्त होता है तथा भारत में भी इसकी खेती की जाती है | यह वृक्ष समुद्र के किनारों के प्रदेशों में विशेषतया उत्पन्न होते हैं | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल वर्ष में अत्यधिक समय तक होता है | इसके फल में […]
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– डॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com चिड़िया कहाँ मुक्त हैकहाँ हैंउसकी आजादी के मौलिक अधिकारमुक्ति, समानता और स्वतंत्रता कारह-रह कर उठने वाला शोरखोता रहा है संसद के गलियारों से हो करनिस्सीम जंगल में।चिड़िया चाहती है-उन्मुक्त हँसी-ठट्ठापरपिंजरा है कउसी की हँसी उड़ाता है,कोमल, भावुक, सुन्दर चिड़ियाचाहते हैं सभीऔरचाहत के अधीन ही सहीचिड़िया हो जाया करती है-नज़रबन्दबिठा दिए जाते […]
डिप्रेशन, मंदबुद्धि/ हकलाना, पढ़ाई या काम में मन न लगना प्रस्तुति : राकेश आर्य बागपतशंखपुष्पी (डिप्रेशन/ मंदबुद्धि/ हकलाना/ सीजोफ्ऱेनिया/ पढ़ाई या काम मे मन न लगना की 100 प्रतिशत सफल ओषधि)वैज्ञानिक नाम-कन्वॉल्व्यूलस प्लूरीकॉलिसशंख के समान आकृति वाले श्वेत पुष्प होने से इसे शंखपुष्पी कहते हैं । इसे क्षीर पुष्प (दूध के समान सफेद फूल वाले) […]
आचार्य बालकृष्ण वैज्ञानिक तकनीक के विकास के पूर्व कहीं भी शक्कर खाद्य पदार्थों में प्रयुक्त नहीं की जाती थी। मीठे फलों अथवा शर्करायुक्त पदार्थों की शर्करा कम-से-कम रूपान्तरित कर उपयुक्त मात्रा में प्रयुक्त की जाती थी। इसी कारण पुराने लोग दीर्घजीवी तथा जीवन के अंतिम क्षणों तक कार्यसक्षम बने रहते थे। आजकल लोगों में भ्रांति […]
कच्चे पपीते में विटामिन ‘ए’तथा पके पपीते में विटामिन ‘सी’ की मात्रा भरपूरपायी जाती है। आयुर्वेद में पपीता (पपाया) को अनेक असाध्यरोगों को दूर करने वाला बताया गया है।संग्रहणी, आमाजीर्ण, मन्दाग्नि, पाण्डुरोग(पीलिया), प्लीहा वृध्दि, बन्ध्यत्व को दूर करनेवाला, हृदय के लिए उपयोगी, रक्त के जमाव मेंउपयोगी होने के कारण पपीते का महत्व हमारे जीवन केलिए […]
कमर दर्द से सभी का सामना होता है | आजकलकी व्यस्त जीवन शैली में कई बार शरीर में कमर दर्दकी समस्या उत्पन्न हो जाती है | यह अधिकतर उनलोगों में होता है जो अधिक समय तक खड़ेहोकर,बैठकर या गलत तरीके से बैठकर और लेटकर कार्यकरते हैं | अधिक मुलायम गद्दे पर बैठने और सोने से […]
अवश्य खाना चाहिए थोड़ी ही क्यों ना हो . ये हमारा कई बार होने वाला वार्तालाप है. लौकी काटते समय थोड़ी लौकी कच्ची ही खा ले. ये बहुत मीठी लगती है. लौकी कद्दूकस करने पर उससे निकला पानी पी जाएँ. क्योंकि इसके बहुत लाभ है —– लंबी तथा गोल दोनों प्रकार की लौकी वीर्यवर्ध्दक, पित्त […]
यह एक ही वृक्ष पर प्रतिवर्ष पुनः नवीन होती है तथा यह वृक्षों के ऊपर फैलती है , भूमि से इसका कोई सम्बन्ध नहीं रहता अतः आकाशबेल आदि नामों से भी पुकारी जाती है | अमरबेल एक परोपजीवी और पराश्रयी लता है , जो रज्जु [रस्सी ] की भांति बेर , साल , करौंदे आदि […]
संजय कुमार शंखपुष्पी (डिप्रेशन/ मंदबुद्धि/ हकलाना/ सीजोफ़्रेनिया/ पढ़ाई या काम मे मन न लगना की 100% सफल ओषधि)वैज्ञानिक नाम -कन्वॉल्व्यूलस प्लूरीकॉलिस शंख के समान आकृति वाले श्वेत पुष्प होने से इसे शंखपुष्पी कहते हैं । इसे क्षीर पुष्प (दूध के समान सफेद फूल वाले) मांगल्य कुसुमा (जिसके दर्शन से मंगल माना जाता हो) भी कहते […]
ईसबगोल का मूल उत्त्पत्ति स्थान ईरान है और यहीं से इसका भारत में आयात किया जाता है | इसका उल्लेख प्राचीन वैद्यक शास्त्रों व निघण्टुओं में अल्प मात्रा में पाया जाता है| 10वीं शताब्दी पूर्व के अरबी और ईरान के अलहवीं और इब्नसीना नामक हकीमों ने अपने ग्रंथों में औषधि द्रव्य के रूप में ईसबगोल […]