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प्रलय का जाल

पूर्वाभ्यास करते देखो, जैगुआर, फैअम और मिराज को। पहले से ज्यादा खतरा है, आज विश्व समाज को। मानव कल्याण से कहीं अधिक, संहार पर व्यय अब होता है। किंतु देख मासूम तेरा, सूखी रोटी को रोता है। युवती पर लज्जा वसन नही, तू आतुर विध्वंस मचाने को। प्रलय का जाल बिछाता है, तुझे आएगा कौन […]

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मत रहो भूल में ऐ हिन्दोस्तां  वालो….

जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबों सालों से सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता, वे सपनों की दुनिया में रह रहे हैं। उन्हें याद रखना चाहिए- आखिर अफगानिस्तान से हिंदू क्यों मिट गया? काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर था, आज वहाँ एक भी […]

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महानाश का कोलाहल

जब लड़ेंगे वादी प्रतिवादी क्या पड़ोसी का रक्षण होगा?है कौन धरा पर जीव यहां, जो महानाश में अक्षुण्ण होगा? है कौन चिकित्सक ऐसा यहां, जो उस क्षण में सक्षम होगा?रे बोल परमाणु निर्माता, तेरी गद्दी का क्या होगा? जब मानव ही मिट जाएगा, तो ऐसी जीत का क्या होगा?क्या कभी ठंडे दिल से, यह विचार […]

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परमाणु युद्घ हुआ तो क्या होगा?

सोचो परमाणु युद्घ हुआ तो, पल भर में ही क्या होगा?है स्वर्ग से सुंदर चमन धरा पर, कश्मीर की वादी का क्या होगा? अन्न, औषधि, फल-फूल, वनस्पति, पृथ्वी के गहनों का क्या होगा?सरिता, सागर, पर्वत, पठार, इन मैदानों का क्या होगा? जल-थल में जो विचर रहे, निर्दोष प्राणियों का क्या होगा?बहुमंजिलें भवनों का, कारों यानों […]

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अंगकोर मंदिर का रास्ता मोरेह से होकर जाता है

डा0 कुलदीप चन्द अग्निहोत्री कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया था। शहीद मधुमंगल शर्मा फ़ाऊंडेशन की पाँचवी व्याख्यानमाला का भाषण देने के लिये मुझे निमंत्रित किया गया था। मधुमंगल शर्मा मणिपुर भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष थे और पूर्वोत्तर भारत के बड़े नेताओं में से थे। मणिपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य विस्तार में […]

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जीवन का पुनर्मूल्यांकन और जर्जर समाज

घनश्याम भारतीयभारत गांवो का देश है, क्योंकि देश की अधिकांश आबादी गांवो में बसती है। इसलिए गांवो और ग्रामीणो की दशा सुधारने के लिए सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से प्रयास तो किये जा रहे है परन्तु वह परिणाम सामने नही आ पा रहा है जो आना चाहिए। इसका अर्थ यह हुआ कि हम […]

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दहकते शोलों पर मानवता का महल

जहां मुंह में राम बगल में छुरी, आचरण में इतनी गलती हो। जहां धर्म और पूजा के नाम पर, लड़ते भाई-भाई हों।जहां ऊंच-नीच रंग जाति भेद, जैसी कुटिल बुराई हो। आस्तिकता को छोड़ जहां, नास्तिकता को अपनाते हों।सेवा, त्याग, प्रेम, अहिंसा को, जहां गहवर में दफनाते हों। मनुष्यता की छाती पर बैठी, पशुता जोर से […]

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योग की महिमा

योग ऋत है , सत् है, अमृत है।योग बिना जीवन मृत है।। 1. योग जोड़ है, वेदों का निचोड़ है।योग में ही व्याप्त सूर्य नमस्कार बेजोड़ है।। 2. योग से मिटती हैं आधियाँ व्याधियाँ।योग से मिटती हैं त्वचा की कोढ़ आदि विकृतियां।।3. योग जीवन को जीने की जडी बूटी है।योग ज्ञानामृत पीने की खुली हुई […]

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चाय के हमारे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव?

  सिर्फ दो सौ वर्ष पहले तक भारतीय घर में चाय नहीं होती थी। आज कोई भी घर आये अतिथि को पहले चाय पूछता है। ये बदलाव अंग्रेजों की देन है। कई लोग ऑफिस में दिन भर चाय लेते रहते है., यहाँ तक की उपवास में भी चाय लेते है। किसी भी डॉक्टर के पास […]

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मेरे हृदय के उद्गार, भाग-17

महाशक्तियों की कूटनीतिमानव के मुखौटे में दान को, इस तरह से ये ढालते हैं।बंशी की धुन पर मस्त मृग, ज्यों आखेटक नही पहचानते हैं। क्या कभी सोचकर देखा है, इस छल प्रपंच का क्या होगा?यदि नमाजी नही मस्जिद में, ऐसी मस्जिद का क्या होगा? मानव ही मानव बन न सका, बहुमुखी विकास का क्या होगा?क्या […]

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