(मिसाइल मैन, भारत रत्न एवं पूर्व राष्ट्रपति श्री अब्दुल कलाम जी के निधन पर उनको अश्रुपूर्ण श्रधांजलि देती मेरी ताज़ा रचना) राष्ट्रभक्ति की परिभाषा का वर्तमान वो नायक था, सही मायने में जन गण मन का वो ही अधिनायक था, देकर कई सौगात देश से अनुपम नाता जोड़ गया वर्ष तिरासी में हँस्ते हँस्ते वो […]
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घृणा, ईष्र्या, हिंसा, शत्रु, जिनको गले लगाता है।प्रेम, त्याग, सहचर्य, अहिंसा, मित्रों से नाक चढ़ाता है। घृणा है जननी युद्घों की, जो करती सृष्टि का अनिष्ट।जब हृदय में ये पनप उठे, तो काटती है संबंध घनिष्ठ। ये प्रेय मार्ग का गह्वर है, जिसे तू समझ रहा आनंद।घृणा पीओ, प्रेम को बांटो, कह गये ईशा और […]
प्रो. एनके सिंह एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन हैं पहले यह परंपरा थी कि शिक्षण संस्थाओं का नेतृत्व पेशेवर लोग करते थे। यदि व्यापारी इसमें निवेश भी करता था तो निवेश के बाद इसका प्रशासन और अकादमिक निर्णय लेने का अधिकार योग्य और पेशेवर लोगों को सौंप दिया जाता था। इसी के साथ […]
बदलता परिवेश और रहन-सहन शहर में मधुमेह के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा कर रहा है। खान-पान पर नियंत्रण न होना भी इसके लिए जिम्मेदार है। डायबिटीज के मरीज को सिरदर्द, थकान जैसी समस्याएं हमेशा बनी रहती हैं। मधुमेह में खून में शुगर की मात्रा बढ जाती है। वैसे इसका कोई स्थायी इलाज […]
सतपुड़ा, विंध्य, पामीर देख, पड़ रही बुढ़ापे की सलवट।त्राहि-त्राहि होने लगती, जब ज्वालामुखी लेता करवट। परिवर्तन और विवर्तन का क्रम, कितना शाश्वत कितना है अटल?…..जीवन बदल रहा पल-पल, सब गतिशील नश्वर यहां पर। जाती है जहां तक भी दृष्टि,अरे मानव! तू किस भ्रम में है? चलना है निकट प्रलय वृष्टि। पैसा पद जायदाद यहां, नही […]
ढूंढ़ रहे पदचिन्ह मिले नही, यत्र तत्र सर्वत्र। मजार, मूर्ति बुत के रूप में, रह गयी शेष निशानी।नारे और संदेश गूंजते, चाहे घटना युगों पुरानी। अरे हिमालय तेरी गोदी में, तपे अनेकों संत।थे घोर तपस्वी मृत्युंजय, हुआ कैसे उनका अंत? बचपन में तू भी सागर था, है आज तेरा सर्वोच्च शिखर।अरे काल थपेड़ों के आगे, […]
आचार्य बालकृष्ण 1.यह 24 घंटे ऑक्सीजन देता है। 2.इसके पत्तों से जो दूध निकलता है उसे आँख में लगाने से आँख का दर्द ठीक हो जाता है। 3.पीपल की ताज़ी डंडी दातून के लिए बहुत अच्छी है। 4.पीपल के ताज़े पत्तों का रस नाक में टपकाने से नकसीर में आराम मिलता है। 5.हाथ -पाँव फटने […]
योग की उत्पत्ति संस्कृत शब्द युजष् से हुई है, जिसका अर्थ जोडऩा है। योग शब्द के दो अर्थ हैं और दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। पहला है. जोड़ और दूसरा है समाधि। जब तक हम स्वयं से नहीं जुड़ते तब तक समाधि तक पहुंचना असंभव होगा। योग का अर्थ परमात्मा से मिलन है। भारत के छह […]
1.) पहली आज्ञा अक्षैर्मा दिव्य ( ऋग्वेद 10/34/13 ) अर्थात जुआ मत खेलो । इस आज्ञा का उल्लंघन हुआ। इस आज्ञा का उल्लंघन धर्म राज कहे जाने वाले युधिष्ठर ने किया । परिणाम-एक स्त्री द्रौपदी का भरी सभा में अपमान । महाभारत जैसा भयंकर विश्व युद्ध जिसमे करोड़ो सेना मारी गयी । लाखो योद्धा मारे […]
बताओ भित्तिचित्रों की नक्काशी, करने वाला था कौन?कोणार्क, बृहदेश्वर, खजुराहो, प्राचीन की कथा सुनाओ। आराध्य देव की पूजा का, पुरखों का ढंग बतलाओ।तक्षशिला नालंदा के खण्डहर, कुछ तो कहो कहानी। विज्ञान कला में थे निष्णात, वे कहां गये पंडित ज्ञानी?मोहजोदड़ो हड़प्पा खोलो, हृदय के उद्गार। सूखा है स्नानकुण्ड क्यों, खाली धान्यागार?तुम्हें निरख कर समझ में […]