राज है आतंक का, और शांति है लोप क्यों? तेरे ही विकास पर है, तेरा क्रूर कोप क्यों? रूह कांपती मानवता की, उसको है संताप क्यों?सुना था वरदान तू है, बन गया अभिशाप क्यों? अणु और परमाणु बम के, बढ़ रहे हैं ढेर क्यों?घातक अस्त्रों का विक्रय कर, मानव बना कुबेर क्यों? क्या ये व्यवस्था […]
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सभी मनुष्यों का धर्म एक है या अनेक? वर्तमान में सभी समय में प्रचलित अनेक मत व धर्मों में लोग किसी एक को मानते हैं। प्रश्न का उत्तर देने के लिए हमें धर्म व मत को जानना होगा। यथार्थ धर्म को जान लेने के बाद स्वयं उत्तर मिल जायेगा। धर्म मनुष्य जीवन में श्रेष्ठ गुणों […]
गायत्री मन्त्र व उसका प्रामाणिक ऋषिकृत अर्थ
गायत्री मन्त्र आध्यात्मिक एवं सामाजिक जीवन में एक श्रेष्ठ वेदमन्त्र के रूप में विश्व में जाना जाता है। इसमें दी गई शिक्षा के मनुष्यमात्र के लिए कल्याणकारी होने के प्रति कोई भी मतावलम्बी अपने आप को पृथक नहीं कर सकता जैसा कि अनेक मामलों में देखने में आता है। आज हम पाठकों के लिए इसी […]
वर्षा शर्मा इस बीमारी में हड्डियां भुरभरी हो जाती हैं। साथ ही हड्डियों के ऊतकों का घनत्व कम हो जाता है, इस कारण किसी भी झटके से उनके टूटने की आशंका बढ़ जाती है। उम्र का बढऩा और कैल्शियम की कमी ऑस्टियोपोरोसिस को आमंत्रित करने वाले मुख्य कारण हैं। कैल्शियम हमारी हड्डियों को मजबूती प्रदान […]
कहां-कहां है दीमक भारत में?
ओमप्रकाश त्रेहन दीमक प्राय: दिखाई नही देती। केवल चुपचाप पेड़ को खोखला करती है। पता तब चलता है जब पेड़ अचानक गिरता है। यही काम हमारे देश में साम्यवादी अर्थात कम्युनिस्ट करते हैं। इनकी हिंदुओं के प्रति घृणा विश्वविख्यात है। फिर भी देश के लोग अनजाने में भोलेभाव से इन्हें स्वीकार कर लेते हें। जिन्होंने […]
जीवात्मा और इसका पुर्नजन्म
हम इस विस्तृत संसार के एक सदस्य है। चेतन प्राणी है। हमारा एक शरीर है जिसमें पांच ज्ञानेन्द्रियां, पांच कर्मेन्द्रियां, मन, बुद्धि, चित्त एवं अहंकार आदि अवयव हैं। शरीर से हम सुख व दुख का भोग करते हैं। हम चाहते हैं कि हमें कभी कोई दुख न हो परन्तु यदा-कदा जाने-अनजाने सुख व दु:ख आते […]
नीरज वाटर थिरेपी यह लेख आपके जीवन के लिए बेहद उपयोगी है अगर इसे आपने समझ लिया तो आप अपने बिमारियों के कारणों को आसानी से जान पाएंगे । सन 2007 में डाक्टर हिरेन पटेल को 24 घंटे हमेशा थोडा-थोडा बुखार रहता था, जो कि थर्मामीटर में नहीं आता था लेकिन इससे उनका वजन कम […]
चमत्कारी प्रयोग: ताम्र जल को पीने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है. इसके पीछे वैज्ञानिक आधार भी है. अगर आठ घंटे तांबे के बरतन में रखा हुआ पानी सुबह में खाली पेट पिया जाये, तो यह सेहत के लिए कई तरह से उत्तम है. भारत में तांबे के बरतनों में […]
वैद्य राजेश कपूर अनेक कैंसर रोगी केवल निर्विष फलाहार से ठीक होगये, अनेक गेहूं के ज्वारों के रस से, कई पंचगव्य के प्रयोग से और अनेक रोगी योग व प्राणायाम साधना व प्रकृतिक चिकित्सा से भी पूर्ण स्वस्थ हुए हैं। पर कीमोथिरेपी करवाने के बाद इन उपायों को करने वालों का निरोग होने का प्रतिशत […]
विकास के कोलाहल में
अरविंद कुमार जैन गैर-कृषि क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराए बिना खेती की जमीन अधिग्रहीत करना दरअसल दोहरा अन्याय है। खेती में लगे लोगों के पास कृषि कार्य के अलावा कोई कौशल नहीं है। कृषियोग्य जमीन के साथ उनका कौशल भी चला जाता है और तथाकथित वैश्वीकृत आधुनिक सेवा क्षेत्र में उनके पास एक भी बेचने […]