ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचमी तिथि का स्वामी नाग है। इस तिथि को नाग पूजन करने से ग्रह-नक्षत्र अनुकूल रहते हैं। श्रावण , शुक्लपक्ष की पंचमी का नागपूजन की दृष्टि से सर्वाधिक महत्त्व है, इसीलिए इस तिथि का नाम ही नागपंचमी पड़ गया है। नागपंचमी हमारे पूर्वजों की मौसम की समझ से भी जुड़ी हुई […]
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आज भी परिभाषित हैउसकी ओज भरी वाणी सेनिकले हुए वचन ;जिसका नाम था विवेकानंद ! उठो ,जागो , सिंहो ;यही कहा था कई सदियाँ पहलेउस महान साधू ने ,जिसका नाम था विवेकानंद ! तब तक न रुको ,जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न होकहा था उस विद्वान ने ;जिसका नाम था विवेकानंद ! सोचो तो […]
सबसे सस्ता आज जहां में, बिकता है ईमान।तू सर्वेसर्वा मानता नेचर, कहता क्या होता भगवान?अरे ओ आधुनिक विज्ञान! अरे ओ मतवाले विज्ञान, किये तूने कितने आविष्कार?किंतु आज भी वंचित क्यों है, सुख शांति से संसार? अंतिम दम तक आइनस्टाईन, करता रहा पुकार।श्रेष्ठ पुरूषों के बिन नही होगा, सुख शांति का संसार। अत: समय रहते तू […]
चंद्रशेखर धर्माधिकारी इहलोकवाद के अर्थ में ‘सेक्युलरिज्म’ शब्द का आद्य प्रवर्तक और समाज में उसके प्रयोग का प्रतिवाद करने वाला प्रथम प्रवक्ता जॉर्ज जेकब होलिओक था। सन् 1950 में उसने चाल्र्स ब्रेडलों के साथ के अपने मतभेदों को स्पष्ट किया। उसने कहा, ‘धर्म और सेक्युलरिज्म’ परस्पर व्यावर्तक है। वे एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश न […]
व्यायाम करना तन व मन के कईरोगों से दूर रखता है। लेकिन कुछ आसन ऐसे भी हैं, जो न सिर्फ शरीर को शेप में रखते हैं, बल्कि चेहरे का निखार भी बढ़ाते हैं। ऐसे ही कुछ आसन जो हमारी बूढ़ा दिखने की गति को धीमा करते हैं, जानें योगाचार्य कौशल कुमार से पीठ के बल […]
आजकल पेट में गैस बनना एक साधारण बात हो गई है। पाचन तंत्र में विकार उत्पन्न होने की वजह से उदर और आंतों में गैस की समस्या उत्पन्न हो जाती है है। गैस बनना किसी रोग का लक्षण भी हो सकता है। अधेड़ उम्र के लोग इससे अधिक पीडि़त रहते हैं। क्योंकि इस उम्र में […]
वर्षा शर्मा मोरासी परिवारी का सदस्य गूलर लंबी आयु वाला वृक्ष है। इसका वनस्पतिक नाम फीकुस ग्लोमेराता रौक्सबुर्ग है। यह सम्पूर्ण भारत में पाया जाता है। यह नदी-नालों के किनारे एवं दलदली स्थानों पर उगता है। उत्तर प्रदेश के मैदानों में यह अपने आप ही उग आता है। इसके भालाकार पत्ते 10 से सत्रह सेमी […]
प्रस्तुति : श्रीनिवास आर्य तूने तो ऐसे निर्दोष योद्घाओं को रात की वेला में उस समय मार डाला जब वे सर्वथा निश्चिंत होकर सोये थे। उनकी हत्या करके तूने कौन सी वीरता दिखाई़ निद्रा में अचेत पांचाली के सुकुमार बालक तो शव की भांति निश्चल पड़े थे। पांचाली के उन पुत्रों की निर्ममतापूर्वक हत्या करवा […]
हिरोशिमा नागासाकी में, कोप की देखी थी दृष्टि।तुझे यौवन में मदहोश देख, आज कांप रही सारी सृष्टि। मानता हूं कोप तेरे से, हर जर्रा मिट जाएगा।किंतु अपने हाथों तू, आप ही मिट जाएगा। क्या कभी किसी को मिल पाएंगे, जीवन के कहीं निशान?अरे ओ आधुनिक विज्ञान! तेरी चमक -दमक में उड़ गये, जीवन के वे […]
पार्थ उपाध्याय अर्थव्यवस्था को एकीकृत रूप दिए जाने और केंद्र-राज्यों के बीच कई स्तरों पर कर संबंधी जटिलताओं को समाप्त करने के लिए वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम का मूर्त रूप लेना बेहद जरूरी है। दुनिया के करीब डेढ़ सौ देश अपने यहां इस तरह की कर व्यवस्था लागू कर चुके हैं। हमारे देश में […]