सेहत से जुड़े लेखों में आपने इम्युनिटी शब्द कई बार पढ़ा होगा। इम्युनिटी यानी शरीर की रोगों से लडऩे की क्षमता। वह रक्षा कवच, जो खांसी-जुकाम और पेट व लिवर के संक्रमण से तो दूर रखता ही है, साथ ही कैंसर जैसे रोगों से भी शरीर का बचाव करता है। कैसे बढ़ा सकते हैं शरीर […]
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शाकाहारी भोजन में प्रोटीन की मात्रा ही कम नहीं होती, दूसरे जरूरी पोषक तत्व भी हैं, जो पर्याप्त मात्रा में शरीर को नहीं मिल पाते। अगर शाकाहारी हैं तो आपके लिए डाइट में थोड़ा-सा बदलाव करके पोषक तत्वों का संतुलन बनाना जरूरी हो जाता है। आयरन: शरीर में आयरन की जरूरत हीमोग्लोबिन के निर्माण के […]
तेरी काली करतूतों से तो, भरा पड़ा इतिहास।मंथरा दासी बनके राम को, दिलवाया बनवास। तू ही तो घाती जयचंद था, गोरी को दिया विश्वास।डच, यूनानी, गोरे आये, जिनका रहा तू खास। तुझको तो हत्या से काम, बूढा हो चाहे किशोर।जय हो चमचे चुगलखोर। घर दफ्तर विद्यालय, चाहे बैठा हो मंदिर में।किंतु कतरनी चलती रहती, तेरे […]
सुरेन्द्र नाथ गुप्ता भारत में सावन और बरसात एक दूसरे के पर्याय हो गये हैं और यहाँ के सामाजिक जीवन के मनोभावों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन गये हैं। बरसात तो सारे विश्व में होती है परंतु सावन केवल भारत में ही आता है। संसार में कहीं तो नाम मात्र ही बरसात होती है, कहीं […]
किसी बीमारी या दुर्घटना के बाद मरीज के लिए पहला घंटा बहुत महत्वपूर्ण होता है। चिकित्सकीय भाषा में इसे ‘गोल्डन अवर’ कहते हैं। इस समय पीडि़त को दिया गया सही उपचार स्थिति को काबू कर लेता है। आंकड़ों की मानें तो देश में 10.1त्न मौतें सही प्राथमिक उपचार न मिलने के कारण होती हैं। रोजमर्रा […]
सूरज चढ़ता देख किसी का, मन ही मन तू जलता है।हृदय हंसता है तब तेरा जब किसी का सूरज ढलता है। अतुलित शक्ति तुझ में इतनी, दे शासन तक का पलट तख्ता।तेरी कारगर चोटों से, मीनारें गिरीं बेहद पुख्ता। मतलब इतने प्रशंसक तू, निकले मतलब आलोचक तू।उल्लू सीधा करने के लिए, कोई कथा सुनाये रोचक […]
बिना हंसी हंसता रहता, और हां में हां कहता रहता।जिस हांडी में खाता है। तू उसी में छेद करता रहता। बनता है तू बाल नाक का, है छुपा हुआ आस्तीन सांप।डसता जिसको, बचता नही वो, दुर्दशा देख जाए रूह कांप। तू ऐसा तीर चलाता है, दिल छलनी सा हो जाता है।जहां प्रेम की गंगा बहती […]
जय हो चमचे चुगलखोर, तेरे जादू में बड़ा जोर।जय हो चमचे चुगलखोर, भूतल पर जितने प्राणी हैं, तू उन सबमें है कुछ विशिष्ट।चुगली और चापलूसी करके, बनता है कत्र्तव्यनिष्ठ। जितने जहां में उद्यमी हैं, उपेक्षा उनकी कराता है।बात बनाकर चिकनी चुपड़़ी, हर श्रेय को पाता है। पर प्रतिष्ठा समाप्त कर, अपनी की नींव जगाता है।स्वार्थसिद्घि […]
गिरीश पंकज पं.आनंदी सहाय शुक्ल हम सब को रोता बिलखता छोड़ कर चले गए। उनके निधन की खबर सुनते ही मुझे उनकी ही कविता याद आ गई, जिसमें वे कहते हैं उधो सांसों का इकतारा बजता रहे तार मत टूटे गाता मन बंजारा बाणों की शैया पर लेटा, फिर भी मत्यु न चाहे इस इच्छा […]
देश में हर साल लाखों लोग किडनी की बीमारियों की वजह से जान गंवा बैठते हैं, लेकिन इसका सबसे खतरनाक पहलू यह है कि किडनी की बीमारी का पता तब चलता है, जब किडनियां 60 से 65 प्रतिशत तक डैमेज हो चुकी होती हैं, इसलिए सावधानी ही इससे बचने का सबसे बेहतर तरीका है। कैसे, […]