हमारे इतिहास को इतना नीरस बना दिया गया है कि उसे आज की पीढ़ी पढ़ना पसंद नहीं करती । कैसी विडंबना है कि अपने देश में विद्यालयों से ही छात्र एवं छात्राएं भूगोल और इतिहास को केवल इसलिए पढ़ती हैं या कुछ इस प्रकार का पढ़ती है कि पास होना है । इतिहास और भूगोल […]
Category: मुद्दा
कौन जिम्मेदार है मनरेगा के दुर्दशा का
डाँ०अजय पाण्डेय महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा ) 2005 मे एक विधान के रूप मे लागू किया गया इस योजना के अन्तर्गत ग्रामीण परिवार के वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयीं है लेकिन इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि कृषि संकट और […]
लॉकडाउन – पेट के लिए बेबस मजदूर
मुरली मनोहर श्रीवास्तव मजदूर और उनके दर्द को समझ पाना हर किसी के वश की बात नहीं है। कोरोना वायरस के फैलने के बाद देश और दुनिया में मजदूरों के समक्ष भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। अपनी मेहनत के बूते अपनों का पेट भरने वाला मजदूर आज खुद ही अपने पेट को पालने […]
प्रो. संजय द्विवेदी इस समय का संकट यह है कि पत्रकार या विशेषज्ञ तथ्यपरक विश्लेषण नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे अपनी पक्षधरता को पूरी नग्नता के साथ व्यक्त करने में लगे हैं। ऐसे में सत्य और तथ्य सहमे खड़े रह जाते हैं। दर्शक अवाक रह जाता है कि आखिर क्या हो रहा है। भारतीय […]
लखनऊ । ( विशेष संवाददाता ) देश में चल रहे लॉक डाउन को लेकर लोगों में यह सवाल पूछने की प्रवृत्ति बढ़ती ही जा रही है कि 3 मई के बाद लॉक डाउन की स्थिति क्या होगी ? ऐसा नहीं है कि सरकारें लॉक डाउन की स्थिति को लेकर चिंतित नहीं हैं , केंद्र सरकार […]
लॉकडाउन और बच्चों की शिक्षा
रामकुमार विद्यार्थी कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन ने अन्य राज्यों सहित मध्यप्रदेश को भी पलायन की हकीकत से रूबरू करा दिया | दिल्ली , मुंबई , पुणे , भरूच , अहमदाबाद , जयपुर से लेकर दक्षिण के राज्यों तक से जो एक ही तस्वीर सामने आयी वह थी बच्चों के साथ पुरे परिवार के […]
भारत ने अपनी जीवन चर्या और दिनचर्या को पहले से ही शाकाहारी ऋषियों के दिशा निर्देशों के अनुसार सात्विकता में ढालकर बनाया है और उसकी यही जीवनचर्या आज कोरोनावायरस जैसी महामारी से उसके बचाव का एक प्रमुख कारण बनी है । अभी भी पूरे संसार में इस महामारी को लेकर लोग भयभीत हैं , […]
…………………………………………………… राकेश छोकर/ नई दिल्ली …………………………………………………… कोरोनावायरस द्वारा जनित वैश्विक महामारी के बावजूद लॉक डाउन की स्थिति में जहां आम और खास जन स्टे होम का पालन करते हुए घरों में समय व्यतीत कर रहे हैं। वहीं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों का डंका बजाने वाली सबला शक्तियां स्टे होम के दौरान भी समाज सेवा […]
लेखक-डॉ. पी. जी. ज्योतिकर अनुवाद : जयंतिभाई पटेल कुछ समय से दलित समाज में क्रांतिकारी नेता के विषय में एक मापदण्ड देखा जाता है. अनुभव किया जा रहा है, दलित समाज की सभाओं में जो ब्राह्मणों को वीभत्स गालियाँ, हिन्दू देवी-देवताओं का मज़ाक एवं महात्मा गाँधी जी का मजाक अपने भाषणों में जो करता […]
रमेश चौवे राष्ट्रीय प्रवक्ता , भारतीय जन क्रान्ति दल डेमोक्रेटिक कहने को भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है| लेकिन जब से भारत के संविधान की प्रस्तावना में 42वें संविधान संशोधन के बाद पंथनिरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, लेकिन धर्मनिरपेक्ष शब्द का प्रयोग भारतीय संविधान के किसी भाग में नहीं किया गया है, वैसे संविधान में कई ऐसे अनुच्छेद मौजूद हैं […]