वाजपेयी जी ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायलय ने कहा है कि आप भजन कर सकते हैं, कीर्तन कर सकते हैं। अब भजन एक व्यक्ति नहीं करता। भजन होता है तो सामूहिक होता है और कीर्तन के लिए तो और भी लोगों की आवश्यकता होती है। भजन और कीर्तन खड़े-खड़े तो नहीं हो सकता। कब […]
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अजय कुमार बताया जाता है कि 06 दिसंबर 1992 को जब अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने की खबरें आ रही थीं तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राव पूजा कर रहे थे। दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर बाबरी मस्जिद का पहला गुंबद गिराया जा चुका था। सीबीआई की विशेष अदालत ने अपने फैसले में बिल्कुल सही […]
संजय सक्सेना प्रियंका तब क्यों मौन साध लेती हैं जब एक दलित परिवार एक वर्ग विशेष के उत्पीड़न का शिकार होता है। इसी प्रकार महाराष्ट्र में वह क्यों आवाज बुलंद नहीं करती हैं कि बलात्कार के आरोपी अनुराग कश्यप को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। अपराध और अपराधी की सिर्फ एक ही परिभाषा होती […]
अजय कुमार एक तरफ उत्तर प्रदेश में नई फिल्म सिटी बनने से लोग खुश हैं तो दूसरी तरफ इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने, योगी सरकार पर उनकी सरकार के समय के एक और प्रोजेक्ट का फीता काटने का आरोप लगाया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने […]
योगेश कुमार गोयल स्पेशल सेल द्वारा खुलासा किया गया है कि राजीव शर्मा 2010 से 2014 के बीच चीनी सरकार के मुखपत्र और भारत के खिलाफ खुलकर विषवमन करने वाले अखबार के रूप में विख्यात ‘ग्लोबल टाइम्स’ में साप्ताहिक स्तंभ लिखता था। हाल ही में पाकिस्तान और चीन के लिए जासूसी करने के दो अलग-अलग […]
ललित गर्ग हम लोकतांत्रिक आचरण और काबिलीयत को एक स्तर तक भी नहीं उठा सके हैं। संसद के सदस्यों के सदन के भीतर व्यवहार करने और आचरण करने की पूरी नियमावली (मैनुअल) है परन्तु अब तक इसका पालन करने में लगातार कोताही बरती गई है। राज्यसभा में विपक्ष द्वारा कृषि विधेयकों के विरोध प्रकट करने […]
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार भाजपा पर इतिहास, भूगोल आदि को बदनाम करने पर आरोपित करने पर अपने इसी स्तम्भ में लाल किला से लेकर क़ुतुब मीनार तक के विषय में राष्ट्र के सच्चाई प्रस्तुत करने को कहा था, लेकिन झूठ के पैर कहाँ?सेवानिर्वित होने उपरांत हिन्दी पाक्षिक को सम्पादित करते अपने स्तम्भ “झोंक आँखों में धूल” […]
रवि शंकर आज सोशल मीडिया से लेकर इलेक्ट्रानिक मीडिया तक मी टू की चर्चा खूब हो रही है। मी टू यानी मैं भी। ये कुछ प्रतीक शब्द हैं जिनके द्वारा यौन प्रताडऩा से गुजरी स्त्रियां आज अपनी आपबीती सुना रही हैं। इस आपबीती के खुलासे में बड़े-बड़े प्रसिद्ध नाम आ रहे हैं। फिल्म जगत से […]
योगेश कुमार गोयल कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया का हाल बेहाल है, करोड़ों लोगों के समक्ष रोजी-रोटी के लाले पड़ गए हैं, उसके बावजूद शर्मिन्दा होने के बजाय वह अपनी विस्तारवादी नीतियों पर चलते हुए भारत के साथ सीमा पर लगातार विवाद बढ़ा रहा है। लद्दाख में सीमा पर हालात को लेकर लोकसभा में […]
विनोद कुमार सर्वोदय देश के संविधान की मूल आत्मा व सर्वोच्च न्यायालय के आग्रहों का सम्मान करते हुए शासन को “समान नागरिक संहिता” पर गम्भीरता से चिंतन करना चाहिये। अनेकता में एकता का राष्ट्रव्यापी विचार बिना एक समान कानून के अधूरा है। सबका साथ,सबका विकास व सबका विश्वास पाने के का सशक्त सूत्र है “समान […]