रमेश ठाकुर शबनम को फांसी मिल जाने के बाद एक नई किस्म की बहस हिंदुस्तान में शुरू हो जाएगी। महिला अपराधों के उन सभी केसों में जिरह के दौरान कोर्ट रूमों में शबनम की फांसी का उदाहरण गूंजा करेगा। शबनम की दुहाई देकर वकील महिलाओं को फांसी देने की मांग जजों से किया करेंगे। कुछ […]
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राजीव सचान इन दिनों उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों के विधान परिषद चुनाव चर्चा में हैं। उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ आइएएस अधिकारी अरविंद शर्मा और बिहार में शाहनवाज हुसैन के चुनाव मैदान में आ जाने से यह चर्चा दिलचस्प हो गई है, लेकिन यहां प्रश्न विधान परिषद चुनावों का नहीं है। इसके पहले राज्यसभा […]
शिवराज सिंह चौहान ने बदला होशंगाबाद शहर का नाम उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अन्य मुख्यमंत्रियों के लिए एक Icon बन रहे हैं। जिस तरह दंगे में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से करने, माफिया की संपत्ति जब्त करना और मुग़ल एवं ब्रिटिश काल में हिन्दू नामों को बदल हिन्दुओं पर अत्याचार करने वालों के […]
पिछले कुछ समय से राजद्रोह के मुकदमे दर्ज करने में असाधारण तेजी देखी जा रही है। दिशा रवि और निकिता जैकब जैसे युवा सामाजिक कार्यकर्ताओं का मामला तो है ही, कांग्रेस नेता शशि थरूर और छह जाने-माने पत्रकारों के खिलाफ दर्ज हुए मामले भी पुराने नहीं पड़े हैं। आजकल हर किसी के अंदर हर किसी […]
अनिल पी जोशी चिपको आंदोलन की जमीन रैणी और लाता में ऋषिगंगा नदी पर बने बांध का बह जाना कई सवाल खड़े करता है। पहला सवाल तो यही बनता है कि क्या हिमालय से जुड़े गाद-गदेरों और नदियों को बांधों की कतारों से बांध देना उचित है? और अगर हमने ऐसा किया है तो क्या […]
राकेश सैन पंजाब में केवल दलित ही नहीं बल्कि अरोड़ा व महाजन सिख भी ‘जट्टवाद’ से पीड़ित रहे हैं। दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के अधिकतर आंदोलनकारी जट्ट समाज से ही हैं जो कृषि मांगें मनवाने की बजाय अपने जातिवादी अहं की पुष्टि करते नजर आने लगे हैं। पंजाब में 14 फरवरी […]
ललित गर्ग यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि समूचे शासन तंत्र में निचले से लेकर ऊपरी स्तर की जटिल संरचना में एक आम नागरिक अगर कोई शिकायत लेकर पहुंचता है तो वह टालमटोल या फिर संबंधित कर्मचारी या अधिकारी की उदासीनता की वजह से अक्सर हार जाता है, टूट जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र […]
डॉ विवेक आर्य भारतीय सेना के प्रथम सेनापति जनरल करिअप्पा 1964 में अपने द्वारा लिखित पुस्तक “लेट अस वेक अप” में भारतीय मुसलमानों के विषय में लिखते है- “हमारा एक धर्म निरपेक्ष देश है। मैं मुसलमानों को उतना ही अपना भाई-बहन समझता हूँ, जितना कि भारत के अन्य सम्प्रदायों के लोगों को समझता हूँ। देश […]
नए नोएडा में यूपीसीडा का कोढ़
_-राजेश बैरागी-_ उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य सचिव श्री योगेन्द्र नारायण से 1998 में मेरे द्वारा यह जानने की अपेक्षा की गई थी कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार गौतमबुद्धनगर में सिकंदराबाद को भी मिलाकर एक औद्योगिक जनपद का स्वरूप देने जा रही है? इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी कोई योजना फिलहाल […]
भारत में किसान आंदोलन का इतिहास
कृष्णपालसिंह जादौन भारत का अन्नदाता किसान एक बार फिर सड़क पर है। केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सड़क पर उतरने को मजबूर है। किसानों को डर है कि नए कानूनों से मंडिया खत्म हो जाएंगी साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होने वाली खरीदी भी रुक […]