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मुद्दा

बेहतर जीवन के लिए खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना सभी राज्यों सरकारों का कर्तव्य – न्यायपालिका

अनूप भटनागर कोरोना महामारी के दौरान नागरिकों के हित में एक काम बहुत ही महत्वपूर्ण हुआ है और वह है उनके स्वास्थ्य और भोजन के अधिकार की रक्षा। महामारी के दौरान अपने-अपने गृह नगरों की ओर पलायन करने वाले कामगारों के खान-पान की व्यवस्था और नागरिकों के लिये चिकित्सा सुविधाओं को नजरअंदाज करना अब केन्द्र […]

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मुद्दा विधि-कानून

न्यायिक व्यवस्था की कैसी विवशता ?

  देश की न्यायिक व्यवस्था की विवशताओं को समझना अब अति आवश्यक होता जा रहा है l इसके लिए शासन को साहसिक प्रयास करना चाहिए l वास्तव में कानून की कुछ कमियों व अस्पष्टताओं का अनुचित लाभ उठा कर आरोपियों को अपराधी प्रमाणित करने में असमर्थता एक गम्भीर चुनौती बन चुकी हैं l इसी कारण […]

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प्रधानमंत्री मोदी के मंत्रिमंडल में ‘फेरबदल’ के मायने

राजकुमार सिंह यह देखना दिलचस्प होगा कि लंबी चर्चाओं के बाद सात जुलाई की शाम अंजाम दिये गये नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार से राजनीतिक अटकलों पर विराम लगेगा या उन्हें और गति मिलेगी। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में लगभग सवा दो साल बाद अंजाम किया गया यह बदलाव वाकई बड़ा है, […]

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धर्म परिवर्तन के खिलाफ हिंदुओं को ही नहीं मुसलमानों को भी अपनी आवाज बुलंद करने की आवश्यकता

राकेश सैन हालांकि भारत में सदियों से धर्मांतरण होता आया है परन्तु कट्टरवाद के रेगिस्तान के बीच-बीच में कुछ नखलिस्तान भी आते रहे हैं जो जुनूनी आग से मानवता को राहत पहुंचाने का काम करते रहे हैं। इन्हीं राहत के टापुओं में एक नाम है बीबी अमतुस्सलाम का। देश भर में धर्मांतरण का धन्धा चलाने […]

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महंगाई से त्रस्त जनता के लिए सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम

रमेश सर्राफ धमोरा कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच राहत देने के लिए केन्द्र सरकार ने पहले 20 लाख करोड़ का तथा गत दिनों सात लाख करोड़ रुपयों के राहत पैकेज की घोषणा की थी। मगर सरकार की इन घोषणाओं का भी आम आदमी को विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है। केंद्र सरकार ने […]

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कौशल क्षेत्र को ‘सामाजिक प्रतिष्ठा’ दिलाने की चुनौती

रंजन कुमार सिंह कुशलकर्मी की आवश्यकता कहां नहीं है? चाहे वह घरेलू कामकाज के लिए हो या फिर दफ्तर के काम के लिए, कल-कारखानों के लिए हो या खेत-खलिहान के लिए। कारखानों को जिस तरह कच्चा माल और बिजली-पानी जैसी आधारभूत संरचना की जरूरत होती है, उसी तरह उसे कुशलकर्मी भी चाहिए होते हैं। हर […]

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एक मजबूत भारत के लिए आवश्यक है कि हम भारत को ‘ड्रग्स मुक्त’ देश बनाए

प्रो. संजय द्विवेदी माता-पिता को भी सोचना होगा कि हमारे पास आज कल समय नही है। हम बस जिंदगी का गुजारा करने के लिए दौड़ रहे हैं। अपने जीवन को और अच्छा बनाने के लिये दौड़ रहे हैं। लेकिन इस दौड़ के बीच में भी, अपने बच्चों के लिये हमारे पास समय है क्या? बौद्ध […]

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कांग्रेस की इन दोगली नीतियों को जरा गौर से समझिए- ‘लल्लू साहब’

🙏बुरा मानो या भला🙏   —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” उत्तरप्रदेश कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार “लल्लू” ने कहा है कि- “35,716 चयनित पुलिस सिपाही भर्ती के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं और प्रदेश सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिलाने के लिए कांग्रेस […]

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मुद्दा

गरीबों के लिए सरकार उदार क्यों नहीं बनती ?

सहीराम देखो यह बात तो सब मानते हैं कि महामारी ने पूरी दुनिया को कंगाल कर दिया। हां, सेठों की बात और है। सच्चाई यही है कि इस महामारी के दौरान दुनिया का हर बड़ा सेठ और ज्यादा संपन्न तथा और ज्यादा समृद्ध हुआ है और हर गरीब और ज्यादा गरीब तथा दरिद्र हो गया […]

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युवा शक्ति  को दिशाहीन होते देखकर देश के ‘कर्णधारों’ को चिंता क्यों नहीं ?

लक्ष्मीकांता चावला जबसे शिक्षा-दीक्षा के साथ संबंध जुड़ा, तब से यही सुना है कि विद्यार्थी देश का भविष्य हैं। जवानी देश की वर्तमान भी है भविष्य भी। युवा शक्ति के लिए यह भी कहा जाता है कि जिस ओर जवानी चलती है उस ओर जमाना चलता है। आज समझ नहीं आ रहा कि जवानी को […]

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