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अल्लाह जन्नत वालों को भगवा कपडे पहिनायेगा

इस लेख का शीर्षक पढ़ते ही दिग्विजय सिंह , ओवैसी और राहुल गाँधी जैसे हिन्दू द्वेषी लोगों का मुंह उतर जाएगा और उनको डूब जाने के लिए चुल्लू भर पानी भी नहीं मिलेगा ,क्योंकि इन हिन्दू शत्रु लोगों ने सभी लोगों ने हिन्दुओं को अपमानित करने और आतंकी साबित करने के लिए भगवा वस्त्र धारण […]

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वर्तमान परिस्थितियों में दल बदल कानून भी पड़ गया है कमजोर ?

रमेश सर्राफ धमोरा  मौजूदा नियमों के मुताबिक किसी पार्टी के दो तिहाई व उससे अधिक विधायक एक साथ किसी अन्य पार्टी में विलय करते हैं तो उनकी सदस्यता बच जाती है। इसी का फायदा उठाकर राजनीतिक दलों द्वारा धड़ाधड़ दलबदल करवाया जा रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना पार्टी के विधायकों द्वारा दलबदल करने के कारण […]

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“समस्या बढ़ाता राष्ट्रवादी सोच का अभाव”

आर. विक्रम सिंह  (लेखक पूर्व सैनिक अधिकारी एवं पूर्व प्रशासक हैं)  साभार::दैनिक जागरण 7.7.22 हमारे देश के कुछ समूहों, वर्गों और राजनीतिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों में राष्ट्रवाद का अभाव ही हमारी कई समस्याओं की जड़ है। देशवासियों में प्रबल राष्ट्रवाद की भावना जगाकर अब तक हम वह सब कुछ हासिल कर सकते थे, जिनका […]

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लोकलुभावन घोषणाओं पर रोक लगनी ही चाहिए

प्रह्लाद सबनानी  सभी राज्यों की वित्तीय सेहत का विस्तार से आकलन करने पर ध्यान जाता है कि कई राज्यों द्वारा अनियंत्रित रूप से चलाई जा रही मुफ्त योजनाओं, लोकलुभावन घोषणाओं, अत्यधिक सब्सिडी देने एवं पुरानी पेंशन योजना बहाली से इन राज्यों की वित्तीय सेहत बहुत बुरी तरह से बिगड़ रही है। यूं देखा जाये तो […]

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भारत में आज भी अवसरों से वंचित हैं बड़ी संख्या में लोग

ललित गर्ग  दो अरब तीस करोड़ आबादी को भुखमरी एवं भूख का सामना करना पड़ रहा है। दो वक्त की भोजन सामग्री जुटाने के लिए इस आबादी को जिन मुश्किलों, संकटों एवं त्रासद स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, वह विश्व की सरकारों एवं व्यवस्थाओं के विकास के बयानों को बेमानी सिद्ध करता है। […]

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मूर्खता और अंधविश्वास का प्रतीक कब्र पूजा

अशोक कुमार द्विवेदी अजमेर दरगाह के खादिम ने नूपुर शर्मा के विरुद्ध जो बयान दिया है। आप सब उससे परिचित है। यह खादिम कौन होते है? इससे जानना आवश्यक है। खादिम कहते है सेवक को। ये लोग एक वर्ग विशेष के सदस्य है जिनका कार्य अजमेर दरगाह की देख रेख करना और उस पर चढ़ने […]

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महुआ का बयान दे गया भाजपा को ऑक्सीजन

बिमल राय एक कहावत है- जो रोगिया के भावे, उहे बैदा फरमावे। पिछले विधानसभा चुनावों के बाद हताशा से उबरने में लगी बंगाल बीजेपी को जैसे महुआ ने संजीवनी दे दी है। इस काम में और लोग भी लगे हैं, पर फिलहाल महुआ की ही चर्चा करें। आज देश में नूपुर शर्मा प्रकरण पर जो […]

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राष्ट्रपति के निर्विरोध निर्वाचन के लिए पक्ष और विपक्ष ने नहीं किए सार्थक प्रयास

अशोक मधुप  वैसे भाजपा रही हो या केंद्र की कांग्रेस की मजबूत सरकार, कभी ये प्रयास नहीं हुआ कि चुनाव सर्वसम्मत हो। कभी प्रयास नहीं हुआ कि इस चुनाव में विपक्ष को भी विश्वास में लिया जाए। इसी का परिणाम यह है कि आज तक राष्ट्रपति का निर्वाचन सर्व सम्मत नहीं हुआ। देश के सांसद […]

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मूक प्राणियों का वध किया जाना अनैतिकता और अधर्म को प्रोत्साहित करना है : सरकार को समझना चाहिए अपना राजधर्म

ईद के अवसर पर दी जा रही निरीह प्राणियों की बलि के अवसर पर विशेष आज मेरा हृदय बहुत ही व्यथित है, क्योंकि आज बहुत सारे निरीह, निरपराध,मूक प्राणियों यथा ऊंट, बकरा, मेंढें, गाय आदि का वध ‘अल्लाह’ के नाम पर किया जाएगा। सचमुच कैसी विडंबना है अल्लाह के नाम पर मूक प्राणियों का वध […]

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टीवी चैनलों पर होती बहस का गिरता स्तर, चिंता का विषय है

डॉ. वेदप्रताप वैदिक  यदि देश में खुली बहस पर प्रतिबंध लग गया तो यह विश्व-गुरु विश्व-चेला बनने लायक भी नहीं रहेगा। भारत तो हजारों वर्षों से ‘शास्त्रार्थों’ और खुली बहसों के लिए जाना जाता रहा है। सन्मति और सहमति के निर्माण में तर्क-वितर्क और बहस-मुबाहिसा तो चलते ही रहना चाहिए। आजकल हमारे टीवी चैनलों और […]

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