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मुद्दा राजनीति विधि-कानून

समान नागरिक संहिता: हिन्दू-हित या चुनावी प्रपंच

-शंकर शरण १८ नवंबर २०२२ उचित होगा कि संविधान के अनु. 30 के दायरे में देश के सभी समुदाय और हिस्से सम्मिलित किये जाएं।’’ वह मात्र एक पृष्ठ का, किन्तु अत्यंत मूल्यवान विधेयक था। यदि वही विधेयक हू-ब-हू फिर लाकर पास कर दिया जाए, तो राष्ट्रीय हित के लिए एक बड़ा काम हो जाएगा। उस […]

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मुद्दा विविधा समाज

शादी के नाम पर बिकती लड़कियां

शादी के नाम पर पहले बेची गई और फिर कुछ महीनों बाद ही पति के हाथों ही जिस्मफरोशी के दलदल में धकेल दी गई 26 साल की राधा (बदला हुआ नाम) को अपनी 9 साल की बच्ची के जैविक पिता के बारे में नहीं मालूम. अररिया (बिहार का एक अति पिछड़ा जिला) से तकरीबन 1200 […]

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इतिहास के पन्नों से मुद्दा राजनीति हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वीर सावरकर के विरोध के निहितार्थ

कांग्रेस द्वारा अपने सत्ता निर्वासन को समाप्त करने के लिए भारत जोड़ो यात्रा यात्रा निकाली जा रही है। जो कांग्रेस की तड़पन को दूर करने के लिए अपरिहार्य भी है। लेकिन कभी कभी इस यात्रा के दौरान ऐसा भी लगने लगता है कि इस यात्रा का मूल उद्देश्य भारतीय समाज को जोड़ने के लिए नहीं, […]

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देश विदेश मुद्दा समाज

बढ़ती आबादी बड़ा खतरा है, अब भी नहीं चेते तो बाद में बहुत पछताना पड़ेगा

योगेश कुमार गोयल इस समय चीन की आबादी दुनिया में सर्वाधिक 1.426 अरब है और उसके बाद भारत की आबादी 1.412 अरब है। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि 2050 तक भारत की आबादी 1.668 अरब हो जाएगी जबकि चीन की आबादी उस समय 1.317 अरब रहने का अनुमान है। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (यूएनएफपीए) […]

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मुद्दा

भाजपा, आम आदमी पार्टी और गुजरात के चुनाव

उगता भारत ब्यूरो गुजरात में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां चरम पर हैं। एक तरफ भाजपा यहां सत्ता बचाने में जुटी है तो आम आदमी पार्टी उसका खेल बिगाड़ने की तैयारी में है। इन सबके बीच राहुल गांधी की गैरमौजूदगी हैरान करने वाली है। खासतौर पर 2017 के चुनावी नतीजों को देखते हुए, […]

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मुद्दा

कभी रामपुर में आजम खान की बोलती थी तूती, और आज…..?

उगता भारत ब्यूरो कभी रामपुर में था आजम खान का दबदबा, 45 साल में पहली बार विधानसभा चुनाव से दूर परिवार कभी रामपुर में था आजम खान का दबदबा, 45 साल में पहली बार विधानसभा चुनाव से दूर परिवार रामपुर में आजम खान की बादशाहत खत्म होती दिख रही है।45 सालों के चुनावी इतिहास में […]

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मुद्दा

श्रद्धा की हत्या हिन्दू समाज की अकर्मण्यता का परिणाम

आफताब ने मात्र श्रद्धा की हत्या नहीं की है अपितु उन सभी लड़कियों के माता पिता की शिक्षा व् संस्कारो की है जो अपनी बच्चियों को एक बकरी की भाँती इस्लामिक कसाई के समक्ष सेक्युलरिसिम मित्रता के नाम पर हलाल होने के लिए छोड़ देते हैं। हिन्दू समाज की अकर्मण्यता व् कायरता सदैव इस बात […]

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मुद्दा

भाजपा हर राज्य में समान नागरिक संहिता का वादा आखिर क्यों कर रही है?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक भाजपा राज्यों की सरकारें एक के बाद एक घोषणा कर रही हैं कि वे समान आचार संहिता अपने-अपने राज्यों में लागू करने वाली हैं। यह घोषणा उत्तराखंड, हिमाचल और गुजरात की सरकारों ने की हैं। अन्य राज्यों की भाजपा सरकारें भी ऐसी घोषणाएं कर सकती हैं लेकिन वहां अभी चुनाव नहीं हो […]

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मुद्दा

गुजरात में इस बार कौन से होंगे बड़े मुद्दे

गौतम मोरारका आम आदमी पार्टी ने तो अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर दिया है लेकिन भाजपा क्या भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित कर चुनाव लड़ेगी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ेगी, यह अभी पूरी तरह साफ नहीं है। गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। हर राजनीतिक […]

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मुद्दा

पहली पंक्ति वाले बेदाग अपराधी दंडित हों

– डॉ अवधेश कुमार अवध ghazibad: हम मानसिक रूप से आज भी गुलाम हैं और इस गुलामी को बनाये रखने में हमारी असफल शिक्षा व्यवस्था की भूमिका अहम है। वास्तविक रूप से शिक्षित हुए बिना ही कॉलेजों/ विश्वविद्यालयों से डिग्रियाँ मिल जाती हैं और येन केन प्रकारेण उच्च पद या उच्च सफलता को हथियाने में […]

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