*विष्णुगुप्त* शेख हसीना ने अपने पिता शेख मुजीबुर्र रहमान के आत्माघाती नक्शेकदम पर चलना शुरू कर दिया था। शेख मुजुबर्र रहमान ने इसी तरह भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया था और भारत की सेना की उपस्थिति को अपनी संप्रभुत्ता में हस्तक्षेप मानना शुरू कर दिया था। खासकर भारतीय गुप्तचर एजेंसी ‘‘ रा ‘ […]
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राष्ट्र-चिंतन *विष्णुगुप्त* थोड़े देरी के लिए कल्पना कीजिये कि फिल्मी दुनिया के कलाकार शाहरूख खान का बेटा आर्यन आम आदमी का बेटा होता तो फिर उसकी इतनी सोहरत मिलती क्या? उसके पक्ष में इतने लोग खड़े होते क्या ? उसके लिए पूरी फिल्मी दुनिया आंसू बहाने के लिए बाध्य होती क्या ? राजनीतिक पार्टियां और […]
=========================================== प्हले भाजपा ने फिरोज खान की बहू मेनका गांधी को मंत्री पद से हटाया था और अब उसे राष्टीय कार्यसमिति से भी बाहर कर दिया गया। साथ ही साथ फिरोज खान के पोता वरूण फिरोज गांधी को भी राष्टीय कार्यसमिति से बाहर कर रास्ता दिखा गया। पार्टी से बड़ा कोई नेता नहीं होता। खासकर […]
अशोक मधुप आमतौर पर देखने में आया है कि परिवार के किसी सदस्य को राजनैतिक दल में पद मिलने के बाद संबंधित महानुभाव और उनके परिवार जन अपने को समाज और कानून से ऊपर समझने लगते हैं। उनमें ये भावना कर जाती है कि वे सुपर पावर हैं। लखीमपुर खीरी प्रकरण में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री […]
स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी जी ने जीवन भर लोगों को प्रेरित किया। गांधी जी स्वच्छता को सामाजिक और आर्थिक उत्थान का प्रकल्प मानते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2014 में देश की बागडोर संभालने के साथ गांधी जयंती के अवसर पर ही स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया। आज पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी […]
अजय कुमार नये कृषि कानून के विरोध के नाम पर देश में जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उसे सिर्फ मोदी विरोधी बताकर अनदेखा नहीं किया जा सकता है क्योंकि आंदोलन की आड़ में देश विरोधी ताकतें ठीक वैसे ही मंसूबे पाले हुए हैं, जैसे सीएए के खिलाफ आंदोलन के समय देखने को […]
अवधेश कुमार अवध कांग्रेस की दुर्दशा का इससे बड़ा प्रमाण कुछ और नहीं हो सकता कि उसके बारे में जो भी नकारात्मक टिप्पणी कर दीजिए सब सही लगता है। केंद्रीय नेतृत्व यानी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा जो दांव लगाते हैं वही उलटा पड़ जाता है। कन्हैया कुमार को पार्टी में शामिल कराना […]
विष्णुगुप्त कन्हैया कुमार से कम्युनिस्टों की बहुत उम्मीद थी, कम्युनिस्टों ने कन्हैंया कुमार को अपना आईकॉन मान लिया था, मास लीडर मान लिया था, नरेन्द्र मोदी का विकल्प मान लिया था, अपने खोये हुए जनाधार और आकर्षण को फिर से प्राप्त करने की शक्ति मान ली थी। इतना ही नहीं बल्कि जब कभी कन्हैया कुमार […]
रमेश सर्राफ धमोरा राजस्थान कांग्रेस में शुरू हुए संकट के दौरान आलाकमान ने पायलट के पक्ष को अनसुना कर गहलोत के दबाव में सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से तथा उनके समर्थक दो मंत्रियों महाराजा विश्वेंद्र सिंह व रमेश मीणा को कैबिनेट मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था। राजस्थान की […]
संजय सक्सेना चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद सरकार के संवैधानिक अधिकार सीमित हो जाते हैं। तब सरकार, कार्यवाहक सरकार के रूप में कार्य करती है और कोई नीतिगत निर्णय या किसी तरह की नई घोषणा करने का अधिकार उसके पास शेष नहीं रह जाता है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग […]