O केन्द्र शासित लद्दाख क्षेत्र का बहुत बड़ा भूभाग गिलगित और बलतीस्तान पाकिस्तान के कब्जे में है जो उसने 1948 में भारत पर आक्रमण कर हथिया लिया था । उसके बाद इस क्षेत्र को पाकिस्तान के कब्जे से छुड़ाने का भारत सरकार ने कोई उपक्रम नहीं किया । अलबत्ता देश की जनता के आक्रोश को […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव से पहले ही चुनावी रणनीतिकार और इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) के प्रमुख प्रशांत किशोर के एक बयान ने सियासी गलियों में बड़ा धमाका किया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का दबदबा बना रहेगा, बीजेपी आने वाले कई दशकों तक राजनीति में मजबूत ताकत […]
#डॉविवेकआर्य 1921 में गाँधी ने अंग्रेजी कपड़ों के बहिष्कार का ऐलान किया। उन्होंने विदेशी कपड़ों की होली जलाने का निर्णय लिया। स्वामी श्रद्धानन्द को जब यह पता चला तो उन्होंने महात्मा गाँधी को तार भेजा। उसमें उन्होंने गाँधी जी से कहा कि आप विदेशी कपड़ों को जलाकर अंग्रेजों के प्रति शत्रुभाव को बढ़ावा न दे। […]
प्रस्तुति – देवेंद्र सिंह आर्य (चेयरमैन ‘उगता भारत’ समाचार पत्र) भारत में बहुत से विवादित क्षेत्र या भू-भाग हैं। क्षेत्रीय विवाद से आशय उस क्षेत्र से है जिसके तहत भूमि के नियंत्रण या आधिपत्य को लेकर दो राज्यों, देशों के बीच विवाद हो। यह विवाद दो या अधिक देशों के बीच भी हो सकता है। […]
राष्ट्रीय बनने के सपने और समस्याएं
उमेश चतुर्वेदी भारतीय राजनीति में इन दिनों कुछ ऐसी हलचलें भी हैं, जिनके दूरगामी संदेशों को या तो देखने की कोशिश नहीं हो रही है, या फिर राजनीतिक घटाटोप में उन पर साफ निगाह पड़ ही नहीं रही है। इन दिनों तीन क्षेत्रीय दल ऐसे हैं, जिनकी महत्वाकांक्षा छुपाए नहीं छुप रही हैं। पश्चिम बंगाल […]
भारत में कुछ मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम विद्वानों की ओर से समय-समय पर यह मांग उठाई जाती रही है कि भारतवर्ष में उनका पर्सनल ला शरीयत लागू होना चाहिए। इस पर कई हिंदूवादी संगठन आपत्ति करते रहे हैं कि जब भारत वर्ष में संविधान के अंतर्गत सब कुछ होना निश्चित है तो फिर किसी का […]
भारतीय संस्कृति पूरे विश्व में सबसे महान एवं विश्व की सभ्यताओं में सबसे पुरानी संस्कृति मानी जाती है। भारतीय संस्कारों की वैज्ञानिकता पर तो आज अमेरिका सहित अन्य कई विकसित देशों को आश्चर्य हो रहा है कि किस प्रकार आज से कई हजारों साल पहिले भारत में सभ्यता इतनी विकसित अवस्था में रही थी। भारतीय […]
इतिहास गवाह है – भारत में दूध की नदियां बहती थीं, भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था, भारत का आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक एवं आर्थिक दृष्टि से पूरे विश्व में बोलबाला था, भारतीय सनातन धर्म का पालन करने वाले लोग सुदूर इंडोनेशिया तक फैले हुए थे। भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग […]
देवेन्द्र कोठारी (जनसंख्या विश्लेषक) भारत में अनेक गंभीर समस्याएं हैं। गरीबी, भ्रष्टाचार, सुशासन की समस्या, सामाजिक और धार्मिक विवाद इत्यादि। ऐसे में, जनसंख्या को लेकर इतना अधिक चिंतित होने की क्या जरूरत है? इस सवाल का सीधा सा जवाब यह है कि इन तमाम समस्याओं का संबंध घूम-फिर कर देश में तेज गति से बढ़ […]
*विष्णुगुप्त* शेख हसीना ने अपने पिता शेख मुजीबुर्र रहमान के आत्माघाती नक्शेकदम पर चलना शुरू कर दिया था। शेख मुजुबर्र रहमान ने इसी तरह भारत को आंख दिखाना शुरू कर दिया था और भारत की सेना की उपस्थिति को अपनी संप्रभुत्ता में हस्तक्षेप मानना शुरू कर दिया था। खासकर भारतीय गुप्तचर एजेंसी ‘‘ रा ‘ […]