🙏बुरा मानो या भला 🙏 —मनोज चतुर्वेदी “शास्त्री” कभी-कभी सोचता हूँ कि श्री अयोध्या में प्रभु श्रीराम का मंदिर बनवाकर भारतीय जनता पार्टी ने महापाप किया। काश अगर इसके स्थान पर बाबरी मस्जिद बनवा दी होती तो पश्चिम बंगाल सहित सभी राज्यों में आज भाजपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बन होती। और श्रीमान नरेंद्र […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
अब हम सभी देशवासियों को संपूर्ण जम्मू कश्मीर के इतिहास और भूगोल की सत्यता के बारे में बातचीत करने की जरूरत है विशेषकर पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चीन (सी ओ के) के बारे में।गिलगित जो अभी POK के रुप में है वह विश्व में एकमात्र ऐसा स्थान है जो कि 5 देशों की सीमा […]
देश के कई शहरों व प्रदेशों के नाम परिवर्तित कर पारम्परिक नामों में बदले जाने के पश्चात क्या ऐसा नहीं लगता कि अब देश का नाम भी इंडिया से बदलकर भारत कर देने का उचित समय आ गया है? विभाजित भारत का कोई हिस्सा अब ऐसा नहीं रह गया है, जो अब ब्रिटिश शासकों द्वारा […]
डॉ. अजय खेमरिया प्रस्तावना संविधान की आत्मा है और यहां राष्ट्र शब्द साफ साफ लिखा हुआ है इसलिए राहुल अगर भारत को राष्ट्र नही मानते है तो उन्हें बताना चाहिये कि आखिर इन शब्दों का क्या अर्थ है? भारत अगर राष्ट्र नही है तो उन्हें यह भी बताना चाहिये कि महात्मा गांधी को वे राष्ट्रपिता […]
उगता भारत ब्यूरो पीएम के विशेष सलाहकार दीपक वोहरा ने बताया कि जब हामिद अंसारी ने आंतकी लिंक से जुड़े वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भारत की निंदा की तो ये साफ हो गया कि उनके कनेक्शन हैं और जिनपर अब जाँच शुरू हो गई है। अब उम्मीद है कि जैसे ही इस जाँच के परिणाम बाहर […]
ललित गर्ग सरकार ने वित्त वर्ष 2023 में पूंजीगत खर्चों में 35.4 फीसदी की बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है, इससे रोजगार में वृद्धि होगी। यह बहुत बड़ा फैसला है। वित्त मंत्री ने बजट में क्रिप्टोकरंसी पर भी निवेशकों की उलझन दूर कर दी। उन्होंने इससे हुए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा। […]
भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती
भारतीय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद इस देश की मूल चेतना का नाम है। यह हमारी शाश्वत सनातन कहानी को अपने भीतर समाये हुए है। हम सब देशवासियों को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हमारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद ही हमारी जीवंतता का प्रतीक है। सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की इस मूल चेतना के आलोक में काम करना हमारा राष्ट्रीय […]
———————————————— देश के पांच राज्यों में फिलहाल विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं। चुनावी तपिश में नेताओं की जुबान खूब फिसल रही है। अक्सर उनके वक्तव्य मर्यादा की रेखा लांघकर ‘हेट स्पीच’ यानी भड़काऊ या नफरती भाषण की श्रेणी में आ जाते हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ता है। हेट स्पीच सियासी गलियारों तक सीमित नहीं […]
रमेश ठाकुर पाक सुप्रीम कोर्ट में पहली मर्तबा कोई महिला जज नियुक्त हुई हैं। उनकी नियुक्ति किसी की दया या सिफारिश पर नहीं, अपनी मेहनत और काबिलियत के बूते उन्होंने यह मुकाम पाया है। बुर्के-पर्दे में अपना समूचा जीवन जीने वाली पाकिस्तानी महिलाओं को जस्टिस आयशा मलिक की ताजपोशी ने उम्मीदों का नया संबल दिया […]
*बजट में विभाजनकारी नीतियाँ*
-विनोद बंसल राष्ट्रीय प्रवक्ता-विहिप बजट का शब्द सुनते ही मन में एक ही बात आती है कि यह भविष्य के अर्थ-प्रबंधन का एक खाका होगा। आगे आने वाले समय में क्या आय-व्यय होगा तथा किस मद पर कितना व्यय करने का लक्ष्य रखा जाएगा यह सब उसमें विस्तार से वर्णित होता है। देश के समेकित […]