योगेश कुमार गोयल भारत और रूस के संयुक्त प्रयासों से बनाई गई सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ के अलग-अलग संस्करणों के अभी तक कई परीक्षण किए जा चुके हैं और सभी परीक्षणों में ब्रह्मोस ने अपनी जो ताकत दुनिया को दिखाई है, उससे यह हिन्द की बाहुबली और रण की बॉस ही साबित हुई है। भारत […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
ललित गर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कश्मीर यात्रा इसलिये महत्वपूर्ण मानी जा रही है कि वहां के लोगों ने साम्प्रदायिकता, राष्ट्रीय-विखण्डन, आतंकवाद तथा घोटालों के जंगल में एक लम्बा सफर तय करने के बाद अमन-शांति एवं विकास को साकार होते हुए देखा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हाल ही में की गयी जम्मू-कश्मीर यात्रा पर […]
*उधर मस्जिद का फाटक टूटा…. इधर 3 मंदिर तोड़वा दिए गए* – जिनके घर शीशे के हों वो दूसरे के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते और जिस कौम के अंदर ही गद्दार छुपे हों वो अपने गद्दारों को निस्तेज किए बिना शत्रुओं से कोई जंग नहीं जीत सकते -जिहादियों से जंग बहुत मुश्किल इसलिए […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक हिंदी के प्रचलन से यदि किसी अहिंदीभाषी को कोई नुकसान होता हो तो मैं उसका सख्त विरोध करूंगा। अमित शाह अपने भाषण में जरा यह कह देते कि अंग्रेजी हटाओ और उसकी जगह भारतीय भाषाएं लाओ तो इस वक्त जो तूफान उठ खड़ा हुआ है, वह नहीं होता। गृहमंत्री अमित शाह ने […]
राकेश सैन हाल ही में पंजाब में पांच सीटों के लिए हुए राज्यसभा चुनावों में भी जिस तरह से सदस्यों की घोषणा हुई उसमें भी सन्देह पैदा होने लगा है कि आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई की कम और हाईकमान की ज्यादा चली है। पंजाब में सत्ता परिवर्तन के उपरान्त नौकरशाहों के दिल्ली चक्कर […]
‘कमलनाथ’ शरणम् गच्छामि
डॉ अर्पण जैन सत्ता और संघर्ष का चोली दामन का साथ है। इस समय जब देश के सबसे पुराने राजनैतिक दल को बीते माह हुए पांच राज्यों के चुनावों में करारी शिकस्त मिली हो, तब आत्ममंथन अत्यावश्यक हो जाता है। कांग्रेस इस समय ऐसे बुरे दौर से गुज़र रही है कि उसके नेता ही नहीं […]
मुहम्मद साहब के बारे में अनेकों लेखकों ने कई भाषाओँ में किताबें लिखी हैं , लेकिन मुस्लिम विद्वानों ने जो भी मुहम्मद के बारे में लिखा है उसमे मुहम्मद का महिमा मंडन ही किया है , कुछ समय पहले श्री जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिजवी जी ने भी मुहम्मद के बारे में एक किताब […]
डॉ. आशा मिश्रा मातृ और पितृसत्ता के बीच पिसती हुई स्त्री 21वीं सदी तक पहुँच चुकी है जहाँ आधुनिकतावाद, स्वतंत्रता, स्वच्छंदता के साथ सभ्यता, संस्कृति और परम्परा का मुठभेड़ चल रहा है। पीढ़ियों के बीच जंग जारी है। ऐसा माना जा रहा है कि स्त्रियों की स्वच्छंदता और स्वतंत्रता भारतीय संस्कृति और सभ्यता का विनाशक […]
ललित गर्ग साम्प्रदायिक समस्या एवं स्वार्थ की देश तोड़क राजनीति का हल तो तभी प्राप्त हो सकेगा जब इस बात को सारे देश के मस्तिष्क में बहुत गहराई से बैठा दिया जाए कि भारतवर्ष की अपनी सांस्कृतिक विशिष्टता है और उसको आत्मसात करने में ही सबका हित है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत […]
डॉ. राकेश मिश्र 1996 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी को केंद्र में सरकार बनाने का मौका मिला, और इस चुनाव में भाजपा 161 सीटों के साथ सबसे बड़ा दल बनकर उभरी और देश भर में पार्टी का वोट शेयर 20.29 प्रतिशत हो गया था। विचार और विचारधारा, संगठन और संघर्ष की […]