*- विनोद बंसल, प्रवक्ता – विहिप* काशी में मां श्रंगार गौरी के दर्शन पूजन के अधिकारों को पुन: प्राप्त करने के लिए हिंदू समाज दशकों से प्रतीक्षा कर रहा है। इस संबंध में काशी के न्यायालय में वाद पर माननीय न्यायाधीश ने उस परिसर की वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश दिया। एडवोकेट कमिश्नर के माध्यम […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
मृत्युंजय दीक्षित आजकल देश भर में हर जगह योगी माडल की चर्चा है। भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश हो या विरोधी दलों द्वारा शासित राजस्थान और महाराष्ट्र या देश की राजधानी दिल्ली सभी जगह में बुलडोजर , लाउडस्पीकर, सड़क पर अजान को लेकर फसाद और राजनीति दोनों ही रही हैं । इन हंगामों के बीच उत्तर […]
गाजियाबाद। योगी आदित्यनाथ के बारे में यदि यह कहा जाए कि वह एक राजनेता के रूप में अपना स्थान बना चुके हैं तो कोई अतिशयोक्ति न होगी। जैसे कोई राजनेता अपने राष्ट्र निर्माण के सपनों में खोया रहता है और 24 घंटे एक साधक की भांति राष्ट्र सेवा का महत्वपूर्ण कार्य करता है वही स्थिति […]
पिछले 8 वर्षों के दौरान भारत के ड्रग्स एवं फार्मा उत्पाद के निर्यात में 103 प्रतिशत की आकर्षक वृद्धि दर अर्जित की गई है। ड्रग्स एवं फार्मा उत्पाद के निर्यात वर्ष 2013-14 में 90,414 करोड़ रुपए के रहे थे जो 2021-22 में बढ़कर 1.83 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गए हैं। भारत अब औषधियों के […]
1 मई को नव जनपद गौतम बुद्ध नगर के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती द्वारा सृजन करने की 25वी वर्षगांठ के अवसर पर विशेष आलेख। वर्तमान जिला गौतम बुद्ध नगर का गौरवपूर्ण इतिहास। वर्तमान जनपद गौतम बुद्ध नगर की भूमि को हम लोग देखते हैं उसका बहुत ही प्राचीन इतिहास है जो निम्न प्रकार है ।परंतु […]
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा प्रदेश के सभी भू माफियाओं और दूसरों की भूमि, मकान या दुकान आदि पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोगों के विरुद्ध जिस प्रकार बुलडोजर क्रांति की गई है वह देश के समकालीन इतिहास की बहुत बड़ी घटना है। जिन लोगों की भूमि, संपत्ति, मकान, दुकान […]
किसी भी आर्थिक गतिविधि में सामान्यतः पांच घटक कार्य करते हैं – भूमि, पूंजी, श्रम, संगठन एवं साहस। हां, आजकल छठे घटक के रूप में आधुनिक तकनीकि का भी अधिक इस्तेमाल होने लगा है। परंतु पूंजीवादी अर्थव्यवस्थाओं में चूंकि केवल पूंजी पर ही विशेष ध्यान दिया जाता है अतः सबसे अधिक परेशानी, श्रमिकों के शोषण, […]
*राष्ट्र चिंतन* *आचार्य श्री विष्णुगुप्त* ==================== उद्धव ठाकरे और बाल ठाकरे में वास्तविक अंतर क्या है? बाल ठाकरे अपने विचारों में अटल थे, स्पष्टवादी थे और प्रखर भी थे। उनके लिए सत्ता महत्वपूर्ण थी, उनके लिए हिन्दुत्व ही महत्वपूर्ण था। हिन्दुत्व को लेकर वे कभी समझौता नहीं किये। सत्ता में बैठना उन्हें पंसद नहीं था। […]
महंगाई (मुद्रा स्फीति) का तेजी से बढ़ना, समाज के प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से समाज के गरीब एवं निचले तबके तथा मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विपरीत रूप में प्रभावित करता है। क्योंकि, इस वर्ग की आय, जो कि एक निश्चित सीमा में ही रहती है, का एक बहुत बड़ा भाग […]
रोमिला थापर vs. सीताराम गोयल: भारत के मार्क्सवादी इतिहासकार दो हथियारों (तकनिकों) से हंमेशा लैस रहते है: उनका पहला हथियार होता है अपने इतिहास लेखन पर प्रश्न उठाने वालों या असहमत होने वालों पर तुरंत “साम्प्रदायिक – communal” होने का लांछन लगा देना, ताकि सामने वाला शुरु से ही बचाव मुद्रा में आ जाए, दिफेंसिव […]