आशीष राय विश्व के कई देशों ने मातृभाषाओं में कार्य करके अपने को विकसित देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है। इजराइल के वैज्ञानिकों ने हिब्रू भाषा में शोध करके सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार प्राप्त किये हैं। जापान, जर्मनी सहित तमाम देश अपनी मातृभाषा में ही कार्य करने को प्राथमिकता दे रहे हैं। 15 […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
गौतम मोरारका वैसे तो 14 फरवरी का दिन प्रेम के नाम समर्पित है और लोग इसे वैलेंटाइन डे के नाम से जानते हैं लेकिन 14 फरवरी 2019 का दिन भारत के लिए काफी दर्दनाक रहा क्योंकि इस दिन जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। पुलवामा […]
बागेश्वर धाम बाबा डॉ डी के गर्ग -Bhag-2 ये लेख दो भागो में है। कृपया अपने विचार बताये। बाबा की शास्त्रीय योग्यता : आज की तिथि में धीरेन्द्र की उम्र केवल २४ वर्ष है कोई संन्यास आदि की दीक्षा नहीं ली है ,धर्म प्रचारक का कार्य करते है और स्वयं को बाबा और शास्त्री कहलवाना […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक यदि जजों ने अदालत में बिल्कुल ठीक-ठाक फैसला दिया है, यदि उन्होंने निष्पक्ष और निर्भीक संपादकीय लिखे हैं और यदि किसी नौकरशाह ने निष्ठापूर्वक अपना कर्तव्य–कर्म किया है तो भी ये सरकारी पुरस्कार पाने वालों की ईमानदारी पर लोगों को शक होने लगता है। सर्वोच्च न्यायालय के एक सेवा-निवृत्त जज एस. अब्दुल […]
अश्विनी उपाध्याय आर्टिकल 14 के अनुसार देश के सभी नागरिक एक समान हैं, आर्टिकल 15 जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध करता है, आर्टिकल 16 सबको समान अवसर उपलब्ध कराता है, आर्टिकल 19 देश में कहीं पर भी जाकर पढ़ने, रहने, बसने, रोजगार करने का अधिकार देता है […]
डॉ. वेदप्रताप वैदिक दुबई के इस चार दिन के प्रवास में मेरा कुछ समय तो समारोहों में बीत गया लेकिन शेष समय कुछ खास-खास लोगों से मिलने में बीता। अनेक भारतीयों, अफगानों, पाकिस्तानियों, ईरानियों, नेपालियों, रूसियों और कई अरब शेखों से खुलकर संवाद हुआ। इस संवाद से पहली बात तो मुझे यह पता चली कि […]
भाग्यश्री बोयवाड महाराष्ट्र “हम भारत के लोग” से शुरू होने वाला हमारा संविधान किसी एक व्यक्ति, समुदाय, जाति या संस्था का नहीं, बल्कि पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करता है. यह न केवल बराबरी की बात करता है बल्कि इसे क्रियान्वित करने की भी हिदायत देता है. यह कमज़ोर से भी कमज़ोर लोगों को अपने हक़ […]
साभार…. “भारत में हिन्दुत्व एक बाजार का रूप ग्रहण कर चुका है” भारत की अस्सी प्रतिशत जनसंख्या हिन्दू है। विगत तीन दशकों में यह समाज हिन्दुत्व को लेकर जागृत हुआ है, लेकिन समस्या यह है कि वह हिन्दू आदर्श, विचार और व्यवहार को उतना ही समझ पाता है जो उसके आस-पास के परिवेश में दिखाई […]
ललित गर्ग युवाओं की भागीदारी के बिना आखिर नया भारत कैसे बनेगा? प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवावस्था में अपनी डायरी के पन्नों पर ‘न्यू इंडिया’ और ‘युवा भारत’ का जो सपना शब्दों में पिरोया था, वह आज साकार होता नजर आ रहा है। भारत मजबूती से लगातार नई पहल के साथ आगे बढ़ रहा है। […]
एक बात सुन लीजिए और मान भी लीजिए ! भारत की मीडियम क्लास और लोअर मीडियम क्लास के हितों को अब कोई भी नकार नहीं सकता ! सरकार कोई भी रहे , मध्यम वर्ग से आई युवा पीढ़ी के हितों और सपनों को कोई नजरंदाज नहीं किया जा सकता ! दुनिया की सबसे बड़ी युवा […]