राष्ट्र के प्रति शुभचिंतन और शुद्घ चिंतन व्यक्ति को राष्ट्र के प्रति समर्पित करता है, और उसकी सोच को दलीय भावना से ऊपर सोचने के लिए प्रेरित करता है। यदि व्यक्ति शुद्घ और शुभचिंतन को अपने आचरण में नहीं लाता है तो राष्ट्र में उच्च चिंतन का पतन होने लगता है। यह कहना है उगता […]
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यहां पर अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए महासभा के राष्ट्रीय स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने केन्द्र सरकार की विफल घरेलू और विदेश नीति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मनमोहन सरकार देश के लिए मनतोडऩ सरकार साबित हुई है। इसने देश के नागरिकों को हर मोर्चे पर […]
प्रो. डी.सी. सारण भारतीय समाज की ये विसंगतियां और खुली धांधली किसान के शिक्षित, जागृत और संगठित होने के साथ ही समाप्त होने वाली है। गांव और किसान के शोषण की व्यथा-कथाओं से इतिहस भरा पड़ा है। किसान शक्ति का योजनाबद्ध विभाजन और उसके आर्थिक स्रोतों को चूसने का सिलसिला अंग्रेजों ने शुरू किया था। […]