14 व 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि समय 12 बजे वह घड़ी थी जिसने भारत को युगांतरकारी परिवर्तन की ओर बढ़ा दिया था। पुराने से नये में प्रवेश करा दिया था। यही वो क्षण थे, जिसके लिए हमने सैकड़ों वर्ष तक संघर्ष किया था। आज वह संघर्ष अपने लक्ष्य पर पहुंच गया था। किंतु यह […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
राकेश कुमार आर्यअमरीका के एक प्रसिद्घ नाटककार ने महात्मा बुद्घ पर एक नाटक का फिल्मांकन करना चाहा, जिसके लिए उसने अखबारों में विज्ञापन दिया कि सिद्घार्थ के चरित्र के फिल्मांकन के लिए उसे योग्य व्यक्ति की आवश्यकता है। नाटककार के पास बहुत से नाम आये, जिस व्यक्ति का नाम उस नाटक के लिए चयनित किया गया, […]
आजादी की यह कैसी वर्षगांठ:चक्रपाणि
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय स्वामी चक्रपाणि जी महाराज ने कहा है कि देश आज अत्यंत निराशाजनक परिस्थितियों से गुजर रहा है। पूर्वोत्तर भारत में आसाम जो कभी प्राग्ज्योतिषपुर अर्थात जहां सूर्य की ज्योति सबसे पहले प्रकाशित होती है, वहां आज हिंदू समाज के लाखों लोग बेघर हुए पड़े हैं। स्वामी महाराज ने देश […]
Time to wait and watch
Finally,team anna decided to form a political party.after acting as the pressure group for more than a year,team anna decided to join politics after acknowledging the public opinion.The declaration came after ending their fast at Jantar Mantar,though this decision bring good news for more than half a nation,but at the same time,there are some people […]
खुल गई मुट्ठी खाक की
टीम अन्ना द्वारा ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का नारा लगाते-लगाते ‘सत्ता-परिवर्तन’ और सत्ता को अपने हाथ में लेने का निर्णय एक अंधी सुरंग में प्रवेश है, जहां से लक्ष्य के और दूर होते जाने की संभावना बढ़ती जाती है। सरकार और दूसरे राजनीतिक दल इस पूरी टीम को इसी चुनावी जाल में फंसाने में सफल रहे क्योंकि […]
राकेश कुमार आर्यमनुष्य के जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा करना सरकार का दायित्व है। अपने जीवन और स्वास्थ्य की सुरक्षा पाना व्यक्ति का मौलिक अधिकार है। हमारे संविधान ने भी संसार के अन्य सभ्य देशों के संविधानों के आधार पर अपने प्रत्येक नागरिक को यह मौलिक अधिकार प्रदान किया है। इसीलिए राज्य के प्रत्येक नागरिक […]
भारत में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल 25 जुलाई 2012 को समाप्त हो गया है। इसी महीने देश के 13वें राष्ट्रपति के रूप में प्रणव मुखर्जी को चुना गया। भारत के राष्ट्रपति का निर्वाचन अप्रत्यक्ष मतदान से होता है। जनता की जगह जनता के चुने हुए प्रतिनिधि राष्ट्रपति को चुनते हैं। राष्ट्रपति का चुनाव एक […]
रक्षा बंधन पर्व पर विशेष
लघु से विराट की ओर जाने का संकल्प लेकर भारतीयता लघुता में विराटता का प्रतिबिम्ब देखती है। लघु से विराट की ओर अग्रसर होने का संकल्प ही धर्म है। धर्म को सद्संकल्पों के बंधन से रक्षित किया गया है। रक्षा बंधन का पर्व उसी संकल्पधार्यता का प्रतीक है।रक्षा बंधन पर्व हमें उस भाव की रक्षा […]
भारत सरकार धर्मनिरपेक्षता का बहुत ढिंढोरा पीटती है। सन 1947 से लेकर सन 1993 तक के इन 45 वर्षों के दौरान इस सरकार के आचरण से यह सिद्घ होता है कि यह सरकार वास्तव में धर्मनिरपेक्षता को नही अपना रही है, अपितु इस सरकार के आचरण से यही सिद्घ होता है कि यह हिंदुओं को […]
1948 के बाद भारत में पहला सांप्रदायिक दंगा 1961 में मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में हुआ ! उसके बाद से अब तक सांप्रदायिक दंगो की झड़ी सी लग गयी ! बात चाहे 1969 में गुजरात के दंगो की हो , 1984 में सिख विरोधी हिंसा की हो, 1987 में मेरठ के दंगे हो जो लगभग […]