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संविधान के विपरीत है वीआईपी और वीवीआईपी श्रेणी

बी.पी. गौतमविशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों की सुरक्षा में लगे जवानों और उन पर किये जा रहे खर्च का मुद्दा उच्चतम न्यायलय तक पहुँच गया है। विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को सुरक्षा देनी चाहिए या नहीं, इस पर बहस भी छिड़ गई है। कोई कह रहा है कि सुरक्षा देनी चाहिए, तो किसी का […]

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वैलेंटाइन डे विकृति

डा. मधु सूदन(1) वह उत्सव समाज में समन्वयता, सामंजस्य, सुसंवादिता, या भाईचारा बढाने वाला हो।(2) ऊंच-नीच या अलगता का भाव प्रोत्साहित करनेवाला ना हो।(3) समाज के अधिकाधिक सदस्यों का उत्थान करने वाला हो।(4) समाज के सभी स्तरों को स्पर्श करने की क्षमता रखता हो।(5) सांस्कृतिक परम्पराओं से जुडने की क्षमता रखता हो ।व्हॅलंटाईन डे, इनमें […]

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धाराशायी हो रहे मीडियाई सैनिक

विकास गुप्ताभारतीय मीडिया का समग्र ढांचा कहीं न कहीं पाश्चात्य मीडिया के अनुसरण पर आधारित है। इतिहास गवाह हैए मीडिया शब्द को वैश्विक स्तर के अनेक पत्रकारों ने खून.पसीने से सींचा है। प्रख्यात द टाईम्स ने एक सिद्धान्त बनाया था कि समाचार पत्र भण्डाफोड़ से जीवित रहते हैं। द टाईम्स को सरकार की आवाज कहा […]

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भारत सरकार के जन विरोधी बजट व आर्थिक नीतियाँ

मनीराम शर्मादेश की आजादी के समय हमारे पूर्वजों के मन में बड़ी उमंगें थी और उन्होंने अपने और आने वाली पीढिय़ों के लिए सुन्दर सपने संजोये थे। आज़ादी से लोगों को आशाएं बंधी थी कि वे अपनी चुनी गयी सरकारों के माध्यम से खुशहाली और विकास का उपभोग करेंगे । देश में कुछ विकास तो […]

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रेल बजट 2013-2014

केंद्रीय रेल मंत्राी ने राजस्थान के भीलवाड़ा में कोच कारखाना, बीकानेर में बड़ी लाईनों के माल डिब्बों की ओवरहॉलिंग और जयपुर में एक्जीक्यूटिव लाउॅंज के साथ हीप्रदेश को दी और कई सौगातेंनई दिल्ली, 26 फरवरी, 2013। केंद्रीय रेल मंत्राी श्री पवन कुमार बंसल ने मंगलवार को संसद में रेल बजट प्रस्तुत करते हुए रेल आधारित […]

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आज सावरकरवादी विचारधारा को कितना बल मिल रहा है?

शेष नारायण सिंहआरएसएस और बीजेपी से सहानुभूति रखने वाले टीवी चैनलों ने मीटिंग की खबर को दिन भर इस तजऱ् में पेश किया कि जैसे उस मीटिंग के बाद देश का इतिहास बदल जायेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। मीटिंग में शामिल लोगों ने बताया कि बीजेपी के नेता आर एस एस-बीजेपी के सावरकरवादी हिंदुत्व […]

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शाकाहारी क्यों बनें?

क्योंकि मांस खाने से दया, करूणा, सहानुभूति, प्रेम अपनत्व एवं श्रद्घाभक्ति आदि मानवीय गुणों का अंत हो जाता है। मानव दानव बनकर विचरता है। मांसाहरी का पेट एक मुर्दा घर (शमशान घाट) की तरह होता है। क्योंकि मांस वस्तुत: सड़ी हुई चीज है। जब तक जीव शरीर में रहता है उसमें दुर्गंध नही आती। परंतु […]

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व्यथा:भीड़ को नियन्त्रित न कर पाने की

निर्मल रानीहमारे देश में जैसे-जैसे जनसंख्या में तेज़ी से वृद्धि होती जा रही है उसी अनुपात में देश में होने वाले तमाम साधारण व ऐतिहासिक आयोजनों, यातायात के सभी साधनों, बाज़ारों,बस्तियों, रेलवे स्टेशन,बस अड्डे, हवाई अड्डे, स्कूल-कॉलेज, मनोरंजन स्थल गोया प्रत्येक जगह पर भीड़ की सं या में वृद्धि होती जा रही है। नतीजतन आम […]

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अफज़ल की फांसी पर मचा बवाल

तनवीर जाफऱीभारतीय संसद पर हमले के मुख्य आरोपी व साजि़शकर्ता मोहम्मद अफज़़ल गुरु को तख्त-ए-दार पर चढ़ाया जा चुका है। गत् 6 वर्षों तक अफज़़ल गुरु को लेकर तथा उसे सुनाई गई फांसी की सज़ा के पक्ष और विपक्ष में देश में एक लंबी बहस चली। इस फैसले के पक्ष और विपक्ष में तमाम दलीलें […]

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राष्ट्रवादी पत्रकारिता के आदर्श:श्री वि.स. विनोद

शिवकुमार गोयलश्री वि.सं. विनोद जी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पत्रकारों के पितामह के रूप में पूरे देश में चर्चित रहे। वे एक ऐसे तेजस्वी, निर्भीक व मिश्नरी पत्रकार थे, जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से न केवल स्वस्थ पत्रकारिता के आदर्श उपस्थित किये अपितु राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए समय समय पर आने […]

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