– अनिता महेचाराजा राम मोहनराय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के हुगली जिले के राधानगर गांव में एक रूढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम रमाकान्त रॉय तथा माता का नाम फुल ठकुरानी था। राम मोहन की शिक्षा का प्रार भ गांव के एक स्कूल में हुआ। एक मौलवी से उन्होंने […]
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कड़वे प्रवचन
मुनिश्री तरूणसागर तुम परिवार के किसी सदस्य को नही बदल सकते। तुम अपने को बदल सकते हो, यह तुम्हारा जन्म सिद्घ अधिकार है। पूरी दुनिया को चमड़े से ढकना तुम्हारे बस की बात नही है। अपने पैरों में जूते पहन लो और निकल पड़ो फिर पूरी दुनिया तुम्हारे लिए चमड़े से ढकी जैसी है। मंदिर […]
क्रांति के प्रारंभ में, दिल्ली के स्वाधीन होते ही, सम्राट बहादुर शाह की ओर से एक ऐलान सारे भारत में प्रकाशित किया गया, जिसके कुछ वाक्य इस प्रकार थे-ऐ हिंदोस्तान के फरजंदो! अगर हम इरादा कर लें, तो बात की बात में दुश्मन का खात्मा कर सकते हैं हम दुश्मन का नाश कर डालेंगे और […]
1857 की क्रांति में भाग लेने में जहां तक जनपद बुलंदशहर (वर्तमान जनपद गौतमबुद्घ नगर व गाजियाबाद सहित) का सवाल है तो क्रांति में इसकी भूमिका अतीव महत्वपूर्ण थी। बुलंदशहर में कोई बड़ी छावनी नही थी। यहां क्रांति का उभार तीन दिन बाद ही उस समय देखने को मिला जब दिल्ली से मेरठ सैनिकों से […]
अनुराग मिश्र‘ये कहाँ आ गए है हम’ लता जी की मीठी आवाज़ में गाया ये गाना आज भारतीय सिनेमा के 100 साल की यात्रा पर बिल्कुल फिट बैठता है क्योंकि अपने उदगम से लेकर आज तक भारतीय सिनेमा में इतने ज्यादा बदलाव आये हैं कि कोई भी अब ये नहीं कह सकता कि आज की […]
तनवीर जाफ़रीपाकिस्तान की जेल में लगभग 22 वर्ष बिताने वाले भारतीय कैदी सरबजीत की गत् 26 अप्रैल को जेल में किए गए एक जानलेवा हमले के कारण आख़िरकार मौत हो ही गई। गौरतलब है कि सरबजीत को 1990 में लाहौर व फैसलाबाद में हुए बम धमाकों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन धमाकों […]
आपको जानकर आश्चर्य होगा, लेकिन ये बात सौ फ़ीसदी सच है। एक शताब्दी पहले ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना के एक ही इलाके में एडोल्फ हिटलर, लियोन ट्रॉट्स्की, जोसेफ टीटो, सिग्मंड फ्रॉयड और जोसेफ स्टालिन रहते थे। दुनियाभर की राजनीति को प्रभावित करने वाले इन शख़्सियतों का एक जगह रहना क्या महज़ इत्तेफ़ाक था या कुछ […]
जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर को परमाणु बम बनाने से रोकने के मकसद से क्लिक करेंब्रिटेन ने 70 साल पहले नार्वे का एक दल भेजा था जिसने द्वितीय विश्व युद्ध के सबसे जाबांज और अहम मिशन को अंजाम दिया था। उस दल के अगुआ और एकमात्र जीवित सदस्य जोकिम रोनेनबर्ग ने बीते गुरूवार को लंदन पहुंचकर […]
लुप्त नवचण्डी ताल
हरिशंकर शर्मा नवचण्डी से सम्बद्घ नवचण्डी ताल एवं नौचंदी के विषय में सोचते ही मेरठ के प्रसिद्घ कवि स्वग्रीय रघुवीर शरण मित्र की निम्न पंक्तियां अनायास ही याद आ जाती हैं-जब से धरा जब से गगन, तब से बने फल फूल हैं,सब मेल मेले रात दिन, हर जिंदगी के मूल हैं।हम हर्ष से उत्कर्ष से, […]
हम कहां थे, कहां पहुंचे?
डा. चंद्रकांत गर्जेकिसी समय भारत की कृषि लहलहाती थी, यहां की भूमि हीरे मोती उगलती थी, दूध की नदियां बहती थीं, सोने का धुआं निकलता था। समाज में नैतिकता थी न्याय था, सत्य धर्म था, धर्मराज्य था, राष्ट्रधर्म था, आदर्श परिवार थे, समाज आदर्श था कोई आडंबर नही था। विद्या ज्ञान, विज्ञान था। भारत विश्व […]