राज सक्सेनाआम मान्यता है और जगह.जगह मन्दिरों में स्थापित हनुमान जी की मूर्तियों को देख कर 99.99 प्रतिशत हिन्दू और शत प्रतिशत विधर्मी विश्वास करते हैं कि भगवान के रूप में प्रतिस्थापित हनुमान बानर बन्दर थे या हैं वस्तुत: यह एक भ्रान्त धारणा है इस भ्रान्त धारणा के स्थापन में तुलसी रामायण चरित.मानस के अर्थों […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
भाई परमानंदगतांक से आगे…..दुर्भाग्य से इन दिनों इंग्लैंड में मजदूर मंत्रिमंडल (लेबर गवर्नमेंट) टूट गया और उसका स्थान राष्टï्रीय सरकार ने ले लिया। भारत मंत्री अब सेसुअल होर बना। यह बड़ा पक्का रूढ़िवादी था।गांधी जी ने आगाखान से, जो उस समय मुस्लिम प्रतिनिधियों का नेता था, बातचीत आरंभ की। गांधी जी अपने दिमाग में एक […]
सलीम अख्तर सिद्दीकीइस एक लाइन के सवाल पर वैसे तो जनमत होना चाहिए। कोई एक व्यक्ति, दल या फिर खुद सरकार अपने से यह तय नहीं कर सकती कि सोशल मीडिया पर अंकुश लगाना चाहिए या नहीं। बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में उभरते इस ताकतवर मीडिया माध्यम ने जितनी तेजी से अपना विस्तार किया है […]
व्यक्तित्व
इन्द्रधनुषी व्यक्तित्व से झरता है आनंदसृजनधर्मी आनंद जगाणीडॉ. दीपक आचार्य9413306077dr.deepakaacharya@gmail.com किसी एक व्यक्तित्व में इन्द्रधनुषी रंगों और रसों से भरी बहुआयामी प्रतिभाओं का दर्शन करना हो तो उसके लिए एक ही नाम काफी है और वह हैं जैसलमेर की सरजमीं के रत्न श्री आनंद जगाणी।अपने भीतर व्यापक ऊर्जाओं और हुनरों को समेटे हुए श्री आनंद […]
हरिद्वार डूब जाएगा
मैंने वर्ष 1998 में अपने मासिक समाचार पत्र (मीडिया शक्ति) में फस्ट पेज पर एक खबर छापी थी ” हरिद्वार डूब जायेगा”. जिसमें मैंने आशंका व्यक्त की थी कि उतराखंड (उस समय उत्तर प्रदेश था ) टिहरी बांध खुद न खास्ता कभी टूट गया तो अगले चोबीस मिनट में ऋषिकेश तीन सो फुट पानी […]
पिछले दिनों में चीन, सिंगापुर और मलयेशिया की यात्रा करके लौटा हूं। मुझे कुछ चीजों ने इन देशों में इतना प्रभावित किया है कि उन्हें आपके लिए लिखा जाना अनिवार्य मान बैठा हूं। जैसे चीन में हर व्यक्ति अपनी राष्ट्र भाषा चीनी से असीम स्नेह करता है। वह हर विदेशी से अपेक्षा करता है कि […]
विवादित है ईसा मसीह की जन्मतिथि
डा.राज सक्सेनाभगवान राम के अस्तित्व पर बेझिझक अंगुली उठा ने वालों से एक प्रश्न किया जा सकता है कि वे क्या प्रभुपुत्र ईसा मसीह की सही जन्मतिथि बता सकते हैं । अभी दो हजार वर्ष से कुछ अधिक समय ही बीता है । विश्व का एक सबसे बड़ा समुदाय जो संसार में सबसे अधिक मतावलम्बी […]
अरूण कुमार सिंहअपने तीस्ता जावेद सीतलवाड का नाम जरूर आपने सुना होगा। वही तीस्ता, जिन्होंने एक हल्ला, एक ढोंग और गुजरात के दंगा पीड़ितों की ओट में एक मायाजाल रचा था। लेकिन छद्म सेकूलरवाद का वह गढ़ दरकने लगा है। तीस्ता का झूठ बाहर आने लगा है। न्यायालय से उन्हें डांट भी पड़ी है।तीस्ता ने […]
इससे तो यह खेल ही डूब जायेगा
विकास कुमार गुप्ता 70 के दशक में क्रिकेट भारत के सुदूर गांवों में उतरने लगा, तब मैदान में एक ओर गिल्ली डंडे चलते थे तो दूसरी ओर कुछ बच्चे सामूहिक रूप से तीन डंडियों के आगे खड़े होकर क्रिकेट के चैके-छक्के लगाना सीख रहे थे। तब उनके पास न तो बाजार से लाये उन्नत किस्म […]
सुनो हिन्दू: राष्ट्र का क्रन्दन
लोकतन्त्र प्रणाली में जनता के वोटों की संख्या के आधार पर सरकार का गठन किया जाता है। जिससे वोट एक शक्तिशाली हथियार बन गया है। इस वोट रूपी हथियार का मुस्लिम समाज भरपूर उपयोग करके अधिक से अधिक लाभ उठाने का सतत् प्रयास करता आ रहा है। अनेकों जातिगत मतभेद होने के उपरान्त भी मुस्लिम […]