राकेश कुमार आर्य वैदिक संस्कृति संसार की सर्वोत्तम संस्कृति है। इस संस्कृति ने अहिंसा को धर्म के दस लक्षणों में जीवन को उन्नतिशील बनाने वाले दस यम नियमों में प्रमुख स्थान दिया है। इसने दुष्ट की दुष्टता के दमन के लिए मन्यु की अर्थात सात्विक क्रोध की तो कामना की है, परंतु अक्रोध को धर्म के ही […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
ओ३म् साम्प्रदायिक नही है
खुशहाल चन्द्र आर्ययह तो पूरा विश्व मानता है कि वेद संसार के सबसे प्राचीन ग्रंथ हं। ईश्वर ने जब सृष्टि की रचना की तभी चारों वेद जिनके नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद व अथर्ववेद हं जो क्रमश: ज्ञान, कर्म, उपासना और विज्ञान के ग्रंथ हैं और चार ऋषियों जिनके नाम अग्नि, वायु, आदित्य व अंगीरा थे, […]
डॉ. मधुसूदन (एक) प्रवेश:शीर्षक देने में, कुछ कठिनाई, अनुभव कर रहा हूँ। यदि प्रश्न उठाए जाएंगे, तो और उत्तर ढूंढने का प्रामाणिक प्रयास किया जाएगा।वैसे यह विषय एक से अधिक आलेखों के लिए उचित है।आ.गङ्गानन्द जी के,अनुरोध पर , इस आलेख में, “पश्चिमी सभ्यता (संस्कृति?) के उन पहलुओं पर रोशनी डालनेका प्रयास किया है, जिन्हों ने उसे आज कीदुनिया […]
राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर
राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर राष्ट्रीय चेतना के मंत्र हैं उनकी रचनाएं – अनिता महेचा, जैसलमेर मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रथम राष्ट्र कवि थे तो दिनकर उनके सच्चे उत्तराधिकारी थे। गुप्तजी की राष्ट्रीयता में सांस्कृतिक तत्त्व गहरा था, उसी का एक व्यापक पक्ष हमें दिनकर के काव्य में दृष्टिगत होता है। दिनकर ने प्रारंभ से […]
पश्चिम बंगाल में गो-हत्या निषेध को लेकर संघर्ष कर रहे ब्रह्मचारी ऊपानंद का कहना है कि पश्चिम बंगाल में सरकार का गो-रक्षा के प्रति कोई दायित्व बोध नही है। यहां मुस्लिम तुष्टिकरण जमकर हो रहा है, गो-वंश संवर्द्घन की बजाए गो-वंश विनाश की घातक नीतियां बन रही हैं। जिससे गो-वंश के लिए खतरा पैदा हो […]
पर्यावरण सन्तुलन के लिए गाय आवश्यक
राकेश कुमार आर्यगौवध निषेध पर संविधान सभा में बड़ी रोचक बहस हुई थी। पूर्वी पंजाब के जनरल पंडित ठाकुरदास भार्गव, सेठ गोविंददास, प्रो. छिब्बनलाल सक्सेना, डा. रघुवीर (सी.पी. बेरार : जनरल) मि. आर.बी. धुलिकर, मि. जैड, एच. लारी (यूनाईटेड प्रोविन्स मुस्लिम सदस्य) तथा असम से मुस्लिम सदस्य रहे सैय्यद मुहम्मद सैदुल्ला सहित कई विद्वान सदस्यों […]
जय भारत जय भारती
प्रवीण दुबे-पूरा देश स्वामी विवेकानन्द की सार्धशती मना रहा है। वहीं स्वामी विवेकानन्द जिन्होंने 11 सितंबर को अमेरिका में आयोजित विश्व धर्मसभा में जब अपना संबोधन दिया था तो पूरी दुनिया नतमस्तक हो गई थी तो इसका अर्थ यह मान लिया जाए कि स्वामी विवेकानंद के उस संबोधन से पूर्व भारतीय विचार महान नहीं थे? […]
आतंकवादी हमलों द्वारा विश्व मेंइस्लामी साम्राज्य स्थापित करने की कोशिशें आतंकवाद धर्म आधारित ही होता है यह साबित कर दिया पिछले दो दिनों में हुए दुनिया के दो हिस्सों में आतंकवादी हमलों ने। पहला हमला शनिवार 21 सितम्बर, 2013 को केन्या के नैरोबी शहर के एक माॅल में हुआ जिसमें इस्लामी जिहादियों ने वहां पर […]
भूमि अधिग्रहण बिल और विकास समस्या
भूमि अधिग्रहण बिल केंद्र सरकार ने 5 सितम्बर 2013 में पास कर दिया है. जिस प्रकार खाद्य सुरक्षा बिल के पीछे सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की प्रतिष्ठा जुडी थी उसी प्रकार भूमि अधिग्रहण बिल से राहुल गांधी की प्रतिष्ठा जुडी है. पिछले कुछ समय से वे कुछ किसानों के आन्दोलनों पर […]
हिन्दी दिवस नही ‘संस्कृति दिवस’
हिंदी दिवस एक बार पुन: आ गया है। हर वर्ष हम 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाते हैं। हिंदी हमारी राजभाषा है, लेकिन राष्ट्रभाषा नही बन पायी है। स्वतंत्रता के बीते 66 वर्षों की यह दुखद उपलब्धि है कि हम आज तक हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा नही बना पाए, यद्यपि भारतवर्ष […]