-आपने कहा था शिक्षा से वे अंग्रेज हैं-सभ्यता से मुस्लिम हैं और मात्र संयोग ही है कि वे हिंदू मां की कोख से जन्मे हैं।-आपने अपनी महत्वपूर्ण पुस्तक भारत की खोज में लिखा है कि देश में जातियों की संख्याा दो है एक मुस्लिम और दूसरी अमुस्लिम।-आपने खंडित/स्वतंत्र भारत का संविधान अपनी सोच और मानसिकता […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
इतिहास को विकृत करने का षडयंत्र-2
गतांक से आगे….गुरू को फांसी उसके परिवार के कुछ लोगों की साजिश का नतीजा थी, जिसमें और लोग भी शामिल हो गये थे जो गुरू के उत्तराधिकार के विरूद्घ थे। किंतु यह भी कहा जाता है कि औरंगजेब गुरू तेगबहादुर से इसलिए नाराज था, क्योंकि उसने कुछ मुसलमानों को सिख बना लि या था।पाठ्य पुस्तकों […]
क्या हिंदुत्व साम्प्रदायिकता है?
महंत दिग्विजयनाथआज के अधिकांश नागरिक और संसार के प्रमुख व्यक्ति, जो हिंदुत्व से अनभिज्ञ है हिंदुत्व का अर्थ साम्प्रदायिकता और हिंदू का अर्थ साम्प्रदायिक समझते हैं। यह आज का एक प्रचलित नारा हो गया है और यह भी दावे के साथ कहा जा सकता है कि इसके सदृश भ्रमपूर्ण और अनर्गल नारा दूसरा हो भी […]
स्वामी दयानन्द सरस्वती को सामान्यत: केवल आर्य समाज के संस्थापक तथा समाज-सुधारक के रूप में ही जाना जाता है। राष्ट्रीय स्वतन्त्रता के लिए किये गए प्रयत्नों में उनकी उल्लेखनीय भूमिका की जानकारी बहुत कम लोगों को है। वस्तुस्थिति यह है कि पराधीन आर्यावर्त (भारत) में यह कहने का साहस सम्भवत: सर्वप्रथम स्वामी दयानन्द सरस्वती ने […]
– विनोद बंसल दीपावली का नाम स्मरण करने मात्र से अनेक प्रकार के विचार मन में दौड लगाने लगते हैं। बच्चों को जहां नए-नए कपडे, मिठाई, खिलोने व पटाखे याद आते हैं तो बडों को समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की आराधना कर कुछ पाने की आकांक्षा रहती है। महिलाएं इसकी तैयारियों के विषय में […]
इतिहास को विकृत करने का षडयंत्र
शिव कुमार गोयलकांग्रेस सरकार ने देश के स्वाधीन होने के बाद से ही सेकुलरिज्म के नाम पर भारत के स्वर्णिम इतिहास के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने स्वयं अपनी पुस्तक ‘भारत की खोज’ में महाराणा प्रताप की अपेक्षा अकबर को महान सिद्घ करने का प्रयास किया था।स्वाधीनता संग्राम के […]
प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा
जुगल किशोर सोमाणीसृष्टि निर्माण कर्ता ने इस धरा पर सभी सजीव वस्तुओं का सृजन बड़े विलक्षण ढंग से व्यवस्थित किया था। यदि बारीकी से वैज्ञानिक अध्ययन कराया जाय तो पायेंगे कि प्रत्येक जीव ( वनस्पति सहित ) एक दूसरे के पूरक ( उपयोगी ) हैं। उन्नति का गुमान करने वाले हम लोग वास्तव में पतन […]
अहमदाबाद। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने देश के युवाओं से अगले 50 वर्षो तक देवी- देवताओं को भूल कर भारत माता की सेवा का आह्वान किया है। भागवत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में किसी नेता के पास इच्छाशक्ति नहीं है। धन, बजट, […]
जाओ सत्यानंद दुनिया को योग सिखाओ
कुमार कृष्णनइस शताव्दी के महानतम संतों में स्वामी सत्यानंद सरस्वती हैं, जिन्होंने समाज के हर क्षेत्र में योग को समाविष्ट कर, सभी वर्गों, राष्ट्रों और धर्मों के लोगों का आध्यात्मिक उत्थान सुनिश्चित कर दिया। 2013 एक अविस्मरणीय वर्ष साबित होगा। यह वर्ष बिहार योग विद्यालय तथा स्वामी सत्यानंद के योग क्षेत्र के अभूतपूर्व की स्वर्ण […]
विनय-नम्रता-सुशीलता
एक संवाद महाभारत के शांतिपर्व में सागर और सरिताओं का एक सुंदर संवाद वर्णित है। समुद्र ने नदियों से पूछा-तुम लोग बड़े बड़े वृक्षों को तो प्रतिदिन बहाकर लाती हो, परंतु अपने तट पर उत्पन्न होने वाले बेंत को कभी नही लातीं, इसका क्या रहस्य है? जान पड़ता है, तुम लोग या तो उसे तुच्छ […]