नीतू सिंह की कलम से विश्व में कहीं भी इस्लाम का आंतकवाद होता है, उनकी हिट सूची में भारत का नाम अवश्य होता है। पाक आंतकवादियो का तो जन्मजात अधिकार है, पर अभी वर्तमान में इराक जो आंतकवादियों का खेल चल रहा है. उनकी हिट लिस्ट में भी भारत का नाम है इससे पहले देखे […]
Category: महत्वपूर्ण लेख
पाकिस्तान भारत से चाहता क्या है?
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक पिछले दिनों मुझे लगभग 20 दिन तक पाकिस्तान में रहने का मौका मिला। मेरी भेंट प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विदेश मंत्री सरताज अजीज के साथ तो हुई ही, पाकिस्तान के अनेक शीर्ष फौजियों, कूटनीतिज्ञों, विशेषज्ञों और पत्रकारों से भी हुई। पाकिस्तान के पंजाबी, सिंधी, पठान और बलूच प्रांतीय नेताओं से भी […]
हिन्दू समाज को सागर मंथन करना होगा
विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबन्ध समिति की बैठक पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में ज्वालामुखी के स्थान पर हुई । हिमाचल प्रदेश में परिषद की यह बैठक लगभग अढाई दशकों बाद हो रही थी । १९९१ में ऐसी ही एक बैठक शिमला में हुई थी । लेकिन इस बार की यह बैठक बदले हुये विश्व […]
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ हमारी बहन-बेटियों को दहेज उत्पीड़न के सामाजिक अभिशाप से कानूनी तरीके से बचाने और दहेज उत्पीड़कों को कठोर सजा दिलाने के मकसद से संसद द्वारा सम्बंधित कानूनी प्रावधानों में संशोधनों के साथ भारतीय दण्ड संहिता में धारा 498-ए जोड़ी गयी थी। मगर किसी भी इकतरफा कठोर कानून की भांति इस कानून […]
उखड़े दरबार का प्रलाप
-डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री भारत की जनता ने लोक सभा के चुनावों में जो जनादेश दिया है उससे बुद्धिजीवियों के उस समुदाय में खलबली मची हुई है जो अब तक इस देश के जनमानस को सबसे बेहतर तरीक़े से समझने का दावा करता रहा है । बुद्धिजीवियों का यह समुदाय कैसे निर्मित हुआ , इस […]
उमेश उपाध्याय“धर्म निरपेक्षता” शब्द ही सही नहीं है। पश्चिमी देशों में चर्च को राज्य और शासन से अलग करने के संदर्भ में “सेकुलरवाद” की सोच आई। मगर उसे “धर्मनिरपेक्ष” कहकर पश्चिम प्रेरित भारतीय बुद्धिजीवियों ने उसका अनर्थ ही कर डाला। जिसकी व्याख्या राजनेताओं ने सिर्फ अल्पसंख्यकों को भरमाने के लिए की है।कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता […]
डा0 इन्द्रा देवीस्वांगों में पौराणिक ऐतिहासिक एवं लौकिक सभी कथाओं का समावेश होता है। तथा इनका समाज से सीधा सम्बन्ध होता है। कथानक में जमीदारों के अत्याचार पारिवारिक कलह व्यभिचार जातिभेद और सामाजिक विषमता को उभारा जाता है। जन से सम्बन्धित रीति रिवाजों प्रथाओं और मान्यताओं का बोलबाला रहता है। कथा में प्रवाह होता है […]
कश्मीर: आजादी हां, अलगाव ना
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक मैं आजकल के जिस टीवी चैनल पर जाता हूं, कश्मीर का सवाल जरूर उठा दिया जाता है। जब मैं एंकरों और दूसरे साहबान से पूछता हूं कि आप बताइए कश्मीर का हल क्या है तो उनके पास कोई ठोस, सगुण, साकार जवाब नहीं होता है। हां, आजकल एक नई बात सबके […]
हमारे और तुम्हारे तालिबान
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक पाकिस्तान की फौज ने आतंकवाद के खिलाफ जबरदस्त अभियान चला रखा है। अब तक लगभग पांच लाख लोग अपना घर-बार छोड़ कर उत्तरी वजीरिस्तान से बाहर निकल चुके हैं। हर शरणार्थी को सरकार हजारों रुपए दे रही है और उसका पंजीकरण भी किया जा रहा है। अब एक-दो दिन में फौज […]
‘दोहन’ का उपाय ‘शोधन’ है
मोदी सरकार ने एन.जी.ओ. के विरूद्घ कठोरता का संदेश देकर उचित किया है या अनुचित, इस पर देश में बहस चल रही है। इसके लिए एक गैर सरकारी संगठन के विषय में यह जानना आवश्यक है कि वास्तव में यह होता क्या है? इसके लिए विद्वानों का मानना है कि समाज का चेहरा बदल देने […]