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जम्मू कश्मीर में हिन्दुओं के अस्तित्व का यक्ष प्रश्न-9

गतांक से आगे….. शिमला  समझौते की भावना के अनुसार कश्मीर के उस क्षेत्र पर पाक के नियंत्रण को अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार कर लिया गया जो उसने 1948 में कबालियों के माध्यम से कब्जे में कर लिया था। इस समझौते से भारत का वह प्रतिवेदन भी निरस्त हो जाता है जो उसने संयुक्त राष्ट्र संघ […]

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शिक्षक अपने सामथ्र्य को पहचानें

किसी भी देश के लिए जितना शिक्षक महत्वपूर्ण होता है उतना और कोई नहीं। सभी प्रकार के दायित्वों में आरंभिक नींव है तो वह शिक्षक ही है। शिक्षक अपने आप में ऎसा विराट शब्द है जिसे आत्मसात करना मामूली नहीं है। फिर जो इसका अर्थ समझ लेते हैंउनके लिए दुनिया के सारे काम-काज गौण हो […]

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शिक्षा के बाजारीकरण से लुप्त हो रहा गुरू-शिष्य प्रेम

निर्भय कुमार कर्ण शिक्षक और छात्र के बीच प्रथम दृष्टतया अनुशासनात्मक संबंध होता है। शिक्षण व्यवस्था में शिक्षक और छात्र दोनों की अहम भूमिका है। दोनों आपस में एक गति और लय से आगे बढ़े, तभी विकास संभव है।देखा जाए तो जब तक अनुशासन परस्पर कायमरहता है तब तक शिक्षक और छात्र के बीच का […]

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कबर्धा में देश के संतों ने ‘धर्म संसद’ में भी हुंकार

आलोक मिश्ररायपुर। यहां कबीरधाम (कबर्धा) में आयोजित धर्मसंसद में सर्वसम्मत निर्णय लिया गया कि सांई को भगवान नही माना जा सकता और सांई की उपासना करने से भारतीय धर्म और संस्कृति को असीम संकट है। यहंा देश के कोने-कोने से उपस्थित हुए देश के संतों ने शास्त्रों के प्रमाण दे देकर सिद्घ किया कि एक […]

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कश्मीर में ‘तीन सौ सत्तर’ बाधाएं

राकेश कुमार आर्य मोदी सरकार बड़ी सावधानी से फूंक-फूंक कर कदम  आगे बढ़ा रही है। मोदी ने अपनी सरकार की छवि ‘बातें कम-काम अधिक’ वाली बनाने का प्रयास किया है। उनकी सोच ‘चुपचाप काम में लगे रहो और परिणामों पर जनता  की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा करो’ वाली है। वह सही समय पर नपा-तुला बोलना पसंद […]

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जम्मू कश्मीर में हिन्दुओं के अस्तित्व का यक्ष प्रश्न-7

गतांक से आगे…..28 मार्च 1965 को वह चीन गये और प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई से मिले। यह सर्वविदित है कि 1962 में चीन के भारत पर किये गये आक्रमण से दोनों देशों के संबंध कटु हो गये थे। इस समय शेख का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया और चीन से वापिसी पर उन्हें गिरफ्तार कर […]

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तवांग तीर्थ यात्रा का उद्देश्य और उसका प्रभाव

भारत तिब्बत सहयोग मंच ने २०१२ में तवांग तीर्थ यात्रा शुरु की थी । यह तीर्थ यात्रा प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष मास में  असम के गुवाहाटी से प्रारम्भ होती है । गुवाहाटी को पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है । गुवाहाटी ऐतिहासिक ही नहीं बल्कि प्रागैतिहासिक नगर कहा जाता है । गुवाहाटी में […]

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‘आर्यत्व का धारण ही जीवन का उद्देष्य एवं श्रेष्ठ मानव धर्म’

ओ३म् मनुष्य संसार में एक षिषु के रूप में माता की कोख से जन्म लेता है। संसार की सभी स्त्रियों में मातृत्व को धारण करने का गुण पाया जाता है जो स्वाभाविक, नैसर्गिक व प्राकृतिक है। इस नियम का संसार के किसी देष में व्यतिक्रम या उल्लंघन नहीं है अर्थात् यह नियम सर्वत्र एक समान […]

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मुस्लिम आबादी के खतरनाक आंकड़े

मुस्लिम  पोपुलेशन- –जब तक मुस्लिमों की जनसंख्या किसी देश/प्रदेश/क्षेत्र में लगभग 2% के आसपास होती है, तब वे एकदम शांतिप्रिय, कानूनपसन्द अल्पसंख्यक बनकर रहते हैं और किसी को विशेष शिकायत का मौका नहीं देते, जैसे – अमेरिका – मुस्लिम 0.6%ऑस्ट्रेलिया – मुस्लिम 1.5%कनाडा – मुस्लिम 1.9%चीन – मुस्लिम 1.8%इटली – मुस्लिम 1.5%नॉर्वे – मुस्लिम 1.8% […]

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अकबर के बीरबल से सवाल

अकबर ने बीरबल के सामनेअचानक 3 प्रश्न उछाल दिये।प्रश्न थे- ‘ईश्वर कहाँ रहता है?वह कैसे मिलता हैऔर वह करता क्या है?” बीरबल इन प्रश्नों को सुनकरसकपका गये और बोले-”जहाँपनाह! इन प्रश्नों के उत्तरमैं कल आपको दूँगा।” जब बीरबल घर पहुँचे तो वहबहुत उदास थे। उनके पुत्र नेजब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया-”बेटा! आज अकबर बादशाह […]

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