आचार्य डा राधे श्याम द्विवेदी महर्षि कश्यप और देव माता आदिति से 12 आदित्य पुत्रों का जन्म हुआ था जिनमें विवस्वान सूर्य देव प्रमुख थे। भगवान सूर्य देव का ही एक अन्य नाम ‘आदित्य’ भी है। माता अदिति के गर्भ से जन्म लेने के कारण ही इनका नाम आदित्य नाम पड़ा था। विवस्वान् का सूर्य, […]
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अली ही अल्लाह बना हुआ था
मुस्लिम प्रचारकों ने यह झूठ फैला रखा है की अल्लाह सातवें आसमान पर रहता है और वहीँ से जिब्राइल के द्वारा मुहम्मद को कुरान भेजा करता था लेकिन मुसलमानों के कुछ ऐसे फिरके हैं जैसे अलवी ,निजारी और इस्माइली मानते हैं की कुरान का काफी बड़ा हिस्सा अली ने बनाया है उनका यह दावा सही […]
डॉ आनंद पाटील हंसराज रहबर के ग्रंथ ‘नेहरू बेनकाब’ (भगतसिंह विचार मंच, दिल्ली 2005) के आमुख में लिखित वृतांत– “शारीरिक स्वास्थ्य के लिए कड़वी दवा का सेवन और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कड़वे सत्य का सेवन आवश्यक है।” (पृ. 5) पर सबका ध्यानाकर्षण अनिवार्यतः आमंत्रित है। आगे इसी ग्रंथ में उनका परामर्श प्रकारांतर से उल्लेखनीय […]
हुक्का हरदम हरता है, प्राण
💭⚰️🩻🚭 लेखक आर्य सागर 🖋️ विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक—16वीं शताब्दी में मुगल शासक अकबर के दरबार में अबुल फथ्तह नाम का अरबी हकीम आया। उसने भरे दरबार में यह दावा किया उसने धूम्रपान की एक अनोखी विधि यन्त्र को ईजाद किया है जिसका शरीर पर कोई नुकसान नहीं है । हुक्का के […]
मैंने इस्लाम क्यों छोड़ा
लेखक :डॉ आनंदसुमन सिंह पूर्व डॉ कुंवर रफत अख़लाक़ इस्लामी साम्प्रदाय में मेरी आस्था दृड़ थी | मै बाल्यकाल से ही इस्लामी नियमो का पालन किया करता था | विज्ञानं का विद्यार्थी बनने के पश्चात् अनेक प्रश्नों ने मुझे इस्लामी नियमो पर चिन्तन करने हेतु बाध्य किया | इस्लामी नियमो में कुरआन या अल्लाहताला या […]
लोगों के गहरे हृदय से हम सम्मान कैसे प्राप्त करें? सभी सन्त वनों अर्थात् तपस्या के लिए भक्तिपूर्ण एकान्तवास को क्यों चुनते हैं? अपने मन में वनों जैसी अवस्था कैसे पैदा करें? स इद्वने नमस्युभिर्वचस्यते चारु जनेषु प्रबु्रवाण इन्द्रियम्। वृषा छन्दुर्भवति हर्यतो वृषा क्षेमेण धेनां मघवा यदिन्वति।। ऋग्वेद मन्त्र 1.55.4 (स इत्) केवल वह (वने) […]
लोगों पर शासन करने की इच्छा कौन कर सकता है? यशस्वी शक्तियाँ, ज्ञान और कार्यों को कैसे प्राप्त करें? सो अर्णवो न नद्यः समुद्रियः प्रति गृभ्णाति विश्रिता वरीमभिः। इन्द्रः सोमस्य पीतये वृषायते सनात्स युध्म ओजसा पनस्यते।। ऋग्वेद मन्त्र 1.55.2 (सः) वह (परमात्मा) (अर्णवः) समुद्र (न) जैसे कि (नद्यः) नदियाँ (समुद्रियः) समुद्र की तरफ जाते हुए […]
मानव शरीर और कर्मेंद्रियों की स्थिति
हमारे शरीर में कर्मेंद्रियों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ज्ञानेंद्रियों की भांति कर्मेंद्रियां भी पांच ही होती हैं। परमपिता परमात्मा की लीला को देखकर बड़ा आश्चर्य होता है कि उसने ज्ञान और कर्म दोनों का अद्भुत समन्वय इन इंद्रियों के माध्यम से हमारे शरीर में स्थापित किया है। आइए, कुछ विचार करते हैं :- ज्ञानेंद्रियों […]
आप क्यों हंसते हैं*
* (ऋचा अग्रवाल-विभूति फीचर्स) आप किस मजाक पर सिर्फ हंसते हैं व किस मजाक पर दिल खोलकर हंसते हैं, इससे आपके व्यक्तित्व का पता चलता है। इस आधार पर कैलीफोर्निया के कुछ मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि परीक्षण की तरह ही मजाक से व्यक्तित्व परीक्षण का तरीका विकसित किया है। जिन बातों से लोग हंस पड़ते हैं […]
(लेख का उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुँचाना नहीं बल्कि सच्चाई बताना है) सभी जानते हैं कि सऊदी अरब मुहम्मद की जन्मभूमि और कर्मभूमि है , और वही ऐसा मुस्लिम देश हैं जहाँ शरीयत का पूरी तरह से पालन किया जाता है , यहाँ के मुस्लिम उसे अपना आदर्श मानते है और उसे असली […]