प्रश्नकर्ता आचार्य श्रीराम शर्माप्रथम प्रश्न :महाभारत के युद्ध में अटारह अक्षौहिणी सेना का परस्पर युद्ध हुआ। जो कि लगभग एक करोड से भी अधिक होती है । उसमें लाखों हाथी लाखों घोडे तथा लाखों पैदल योद्धा मौजूद थे । महाभारत स्त्री पर्व 26 के श्लोक 9 मे युधिष्टिर ने बताया है कि -उस युद्ध में […]
श्रेणी: आओ कुछ जाने
दामोदर नदी बंगाल का शोक कोलकाता महलों का शहररोम सात पहाडिय़ों का नगरन्यूयार्क गगरचुम्बी इमारतों का […]
उपकरण उपयोग ऑल्टीमीटर […]
-एटम बम की खोज आटोहान ने की थी।-वायुमंडल का दाब नापने वाला यंत्र बैरोमीटर है।-टेलीविजन का आविष्कार जे.एल. बेयर्ड ने किया था।-दूध की शुद्घता लैक्टोमीटर यंत्र से मापी जाती है।-इंसुलिन का आविष्कार बेटिंग के द्वारा किया गया।-टोलमी का पृथ्वी का सिद्घांत है कि पृथ्वी ब्रह्मांड का केन्द्र है और सूर्य उसके चारों ओर चक्कर लगाता […]
पृथ्वीपृथ्वी गोलाकार है, परंतु देखने में चपटी प्रतीत होती है। इसकी आकृति लध्वक्ष गोलाभ कहलाती है। पृथ्वी की परिधि 40,075 किलोमीटर है। भूमध्यरेखीय व्यास 12,756 किलोमीटर और धु्रवीय व्यास 12,714 किलोमीटर है। स्थलीय भाग का क्षेत्रफल 15,30,00000 वर्ग किमी. है। पृथ्वी में रासायनिक तत्वों का द्रव्यमानतत्व […]
गतांक से आगे…पी.सी. महालनोबीस-प्रशांतचंद्र महालनोबीस प्रथम भारतीय थे जिन्होंने सांख्यिकी में विश्व में अपनी पहचान बनाई। वास्तव में सांख्यिकी का भारतीय इतिहास उनका ही व्यक्तिगत इतिहास है। उन्होंने सांख्यिकी को अनेक दिक्कतों को दूर करने का माध्यम बनाया। नदियों में आने वाली बाढ़ का आकलन सांख्यिकी की सहायता से किया। हीराकुंड बांध व दामोदार घाटी […]
गतांक से आगे…श्रीनिवास रामानुजम-आपका जन्म इरोड, तमिलनाडु में 22 दिसंबर 1887 को हुआ। बचपन से ही उनमें विलक्षण प्रतिभा के दर्शन होने लगे। 13 वर्ष की उम्र में इन्हें लोनी की त्रिकोणमिति की पुस्तक मिल गयी और उन्होंने शीघ्र ही इसके कठिन से कठिन प्रश्नों को हल कर डाला। इसके अतिरिक्त अपना स्वयं का शोध […]
प्रश्न : क्या है हीरा? उत्तर : हीरा वह नही जो हमें बेशकीमती पत्थर के रूप में सुनार से बना हुआ मिलता है, हीरा वह भी नही जो आपके सुंदर हार में है। सच्चे हीरे तो बच्चे होते हैं। हीरा तो वह होता है जो आपको सम्मान दिलाकर आपकी इज्जत बढ़ाता है। वह आपको दुनिया […]
गतांक से आगे…सवाई जयसिंह-द्वितीय इनका जन्म 1668 ईं में हुआ। 13 वर्ष की आयु में अंबर के राजा बने। राजा होने के साथ साथ ये अपने समय के प्रसिद्घ ज्योतिषी तथा शिल्पकार भी थे। 1727 में जयपुर नगर बसाया जो स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण है। पंडित जगन्नाथ इनके गुरू थे। इन्होंने खगोल शास्त्र से […]
वाराहमिहिर-उज्जैन के निकट कपित्था नामक ग्राम में 499 ई में पैदा हुए। प्रसिद्घ खगोल शास्त्री तथा गणितज्ञ आर्य भट्ट के संपर्क में आने के कारण खगोल तथा ज्योतिष शास्त्रों में अनुराग पैदा हुआ। शीघ्र ही इन विद्याओं में पारंगत हो गये तथा चंद्र गुप्त विक्रमादित्य के दरबारर में उनके नवरत्नों में शामिमममल हो गये। इन्होंने […]