हमें अपना जीवन किसके लिए बनाना चाहिए? ‘पाओ और फैलाओ’ से क्या अभिप्राय है? वैदिक विवेक का अनुसरण न करने की क्या हानियाँ हैं? अस्मा इदु स्तोमं सं हिनोमि रथं न तष्टेव तत्सिनाय। गिरश्च गिर्वाहसे सुवृक्तीन्द्राय विश्वमिन्वं मेधिराय।। ऋग्वेद मन्त्र 1.61.4 (कुल मन्त्र 698) (अस्मै इत् उ) निश्चय से यह उसके लिए है (परमात्मा के […]
श्रेणी: आओ कुछ जाने
शारदा लुहार बीकानेर, राजस्थान देश के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी मानसून प्रवेश कर चुका है. राज्य के कई ज़िलों में मानसूनी बारिश हो रही है. कहीं कहीं सामान्य से अधिक वर्षा हो चुकी है. राज्य मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक जून से 20 जुलाई तक पूरे राजस्थान में सामान्य से […]
(बृजमोहन गुप्त -विनायक फीचर्स) विज्ञान के क्षेत्र में नए आविष्कार करने के लिए क्या-क्या तामझाम चाहिए? बड़ी-बड़ी इमारतें, ऊंची डिग्रियां और बेशुमार दौलत? विज्ञान में खोज के लिए ये सब उतना जरूरी नहीं है। जरूरी है वैज्ञानिक मानसिकता या प्रवृत्ति। जिनमें भी यह प्रवृत्ति पाई गई, वे कुछ न कुछ कर गुजरे हैं। यह बात […]
(पं. लीलापत शर्मा- विभूति फीचर्स) प्रगतिशीलता का अर्थ यदि संपन्नता लिया जाएगा और उसके साथ चिंतन की श्रेष्ठता को न जोड़ा जाएगा तो फिर लक्ष्य यही बन जाए कि भौतिक समृद्धि के मनचाहे उपयोग में आकर्षण की अधिकता रहती है। यदि उस पर भावनात्मक उत्कृष्टता का अंकुश न रहे, तो फिर समृद्धि को किसी भी […]
भरद्वाज कौन होता है? भरद्वाज को परमात्मा से क्या प्राप्त होता है? अपने जीवन में हम परमात्मा के कौन से लक्षणों को विकसित कर सकते हैं? इन लक्षणों से हमें क्या लाभ होगा? वैश्वानरो महिम्ना विश्वकृष्टिर्भरद्वाजेषु यजतो विभावा। शातवनेये शतिनीभिरग्निः पुरुणीथे जरते सूनृतावान्।। ऋग्वेद मन्त्र 1.59.7 (कुल मन्त्र 689) (वैश्वानरः) सब प्राणियों का कल्याण करने […]
55 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला अमेजन का वर्षावन दुनिया का सबसे बड़ा वर्षावन है ।जो दक्षिण अमरीका महाद्वीप की 40% भूमि में फैला हुआ है। यह इतना विशाल है ब्रिटेन जैसे 17 देश इसमें समा जाएंगे। इस महावन में 40000 प्रजातियों के 4 अरब के लगभग वृक्ष पाए जाते हैं। जिनके विषय में कहा […]
(मुरलीमनोहर गोयल – विनायक फीचर्स) पृथ्वी के विकास में जिन तीन प्रजातियों का योगदान रहा है वे हैं-वनस्पति, कीट-पतंग (पशु-पक्षी) और मानव। ये सभी एक-दूसरे के पूरक हैं। एक के बिना दूसरे का अस्तित्व संभव नहीं है। क्योंकि यदि वनस्पति जड़ है तो पशु-पक्षी उसका तना तथा मानव उसका फल। यह ही प्रकृति का आदि, […]
शरीर में आत्मा मृत्यु के समय हृदय में अपनी इंद्रियों की सारी शक्तियों को लेकर वापस आ जाती है । और वहां से विदाई लेती है।विगत किस्त में हम ऐसा वर्णन पढ रहे थे। तथा आत्मा के द्वारा योनि परिवर्तन के विषय में भी पढ़ रहे थे। इसको और अधिक स्पष्ट करते हुए एक अन्य […]
* नोएडा से प्रकाशित नवभारत टाइम्स की पत्रकार चेतना राठौर की यह रिपोर्ट युवा भारत के लिहाज से बेहद चिंताजनक है। स्मोकिंग व ड्रिंकिंग के कारण नोएडा क्षेत्र में रक्तदान के इच्छुक 25 प्रतिशत युवाओं का रक्त रक्तदान के योग्य नहीं रहा है । खून की क्वालिटी गड़बड़ा गई है। ब्लड डोनर का रिजेक्शन रेट […]
श्रीमदभगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन को गीता का ज्ञान दे रहे हैं,,, अर्जुन पूछता है – हे त्रिलोकीनाथ! आप आवागमन अर्थात पुनर्जन्म के बारे में कह रहे हैं, इस सम्बन्ध में मेरा ज्ञान पूर्ण नहीं है। यदि आप पुनर्जन्म की व्याख्या करें तो कृपा होगी। कृष्ण बताते हैं – इस सृष्टि के प्राणियों […]