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वक़्फ़ बोर्ड को सुधारने के लिए भारत सरकार को आपके मत एवम् सुझाव की ज़रूरत है। अब देश का निर्णय आपके हाथ।*

भारत सरकार ने मुस्लिमों द्वारा दान की गई ज़मीनों का रखरखाव करने वाली संस्था वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारों व कार्यशैली आदि के बारे में बहुत बड़े, सकारात्मक व समानता का भाव लाने वाले संशोधन को लागू करने के लिए 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में बिल पेश किया। जिसका मुस्लिम सांसदों व मुस्लिम हितैषी विपक्षी […]

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अंतरिक्ष मलबे से जूझता विज्ञान

सुनील कुमार महला बढ़ती प्रौद्योगिकी, उन्नत संचार व्यवस्था, विज्ञान और विकास के इस युग में अंतरिक्ष में उपग्रहों के लगातार स्थापित होने से अंतरिक्ष में मलबे में लगातार वृद्धि हो रही है। हाल ही में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू ने इस पर अपनी गहन चिंता व्यक्त की है, जैसा कि अंतरिक्ष में घूम रहा […]

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*ऋतु परिवर्तन की सूचक प्राकृतिक घड़ियां*!

लेखक आर्य सागर खारी नौवीं कक्षा में सीजियम एटम आधारित परमाण्विक घड़ी के विषय में पढ़ा था जो सेकंड की परिभाषा को तय करती है…. आज उससे भी उत्तम परमाणु घड़ी बना ली गई है जो इतनी सटीक है कि 40 अरब वर्षों में महज 1 सेकंड त्रुटि की गुंजाइश उसमें रहती है…. स्पेस रिसर्च […]

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कितना दिलचस्प है, हमारा शरीर

जबरदस्त फेफड़े हमारे फेफड़े हर दिन 20 लाख लीटर हवा को फिल्टर करते हैं। हमें इस बात की भनक भी नहीं लगती। फेफड़ों को अगर खींचा जाए तो यह टेनिस कोर्ट के एक हिस्से को ढंक देंगे। ऐसी और कोई फैक्ट्री नहीं हमारा शरीर हर सेकंड 2.5 करोड़ नई कोशिकाएं बनाता है। साथ ही, हर […]

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सुदामापुरी भी मूल द्वारका का ही अंश

आचार्य डॉ. राधेश्याम द्विवेदी आमतौर पर लोग द्वारका उस क्षेत्र को समझते हैं जहां वर्तमान समय में गोमती नदी के तट पर बहुत दूर से दिखती ऊंची पताका वाला भगवान द्वारकाधीश जी का मंदिर है। लेकिन कम लोग जानते हैं कि द्वारका को तीन भागों में बांटा गया है। मूल द्वारका, गोमती द्वारका और बेट […]

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वैदिक मान्यता के अनुसार मोक्ष स्थायी नहीं होती। *

* मोक्ष की अधिकारी आत्मा 31 निल 10 खरब 40 अरब वर्ष मोक्ष का सुख( इस अवधि में वह आत्मा ब्रह्म के साथ विचरण करता है) भोगने के बाद पुनः मनुष्य योनि में जन्म लेती है। ऐसा व्यक्ति साधारण व्यक्ति नहीं होता, वह चमत्कारी होता है, जिसके हाथों व बोली में चमत्कार होता है( ऋगवेद […]

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यह सृष्टि कहाँ पर स्थापित है?

परम व्योम अर्थात् अन्तरिक्ष से परे क्या है? हमारी श्रद्धा भक्ति कहाँ स्थापित होती है? यह सृष्टि कहाँ पर स्थापित है? द्विता वि वव्रे सनजा सनीळे अयास्यः स्तवमानेभिरर्कैः। भगो न मेने परमे व्योमन्नधारयद्रोदसी सुदंसाः ।। ऋग्वेद मन्त्र 1.62.7 (कुल मन्त्र 717) (द्विता) दो प्रकार से (वि) विशेष रूप से (वव्रे) स्वीकार करता है, स्थापित करता […]

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बद्री विशाल –(बद्रीनाथ का मंदिर)* (बद्रीनाथ, केदारनाथ ,विश्वनाथ ,जगन्नाथ आदि के मंदिर की वास्तविकता )

* डॉ डी के गर्ग मैंने कई स्थानों पर लिखा देखा -जय बद्री विशाल , इसको पढ़ने के बाद बदरीनाथ के विषय में जानने की उत्सुकता हुई । और इसके बाद बहुत कुछ समझने को मिला की बद्रीनाथ, केदारनाथ ,विश्वनाथ ,जगन्नाथ आदि सभी एक ही ईश्वर के नाम है लेकिन भाषा ज्ञान के आभाव में […]

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*एक परिंदा जो सोना भूल गया*

यह कामन स्विफ्ट बर्ड पक्षी है स्पेन ब्रिटेन इटली में पाया जाता है।अब पक्षी है तो आकाश में उड़ता होगा जमीन पर भी उतरता होगा लेकिन यह करामाती परिंदा 10 महीने तक निरंतर आकाश में उड़ता रहता है इस दौरान एक घंटा तो दूर 1 मिनट के लिए भी यह जमीन पर नहीं उतरता वर्ष […]

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स्वाधीन भारत और आजादी के मायने

डॉ. सत्यवान सौरभ आज़ादी के बाद सबसे महत्वपूर्ण सबक यह है कि भारत को विकसित बनाने के लिए हमें पांच प्रमुख क्षेत्रों में पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम करने की जरूरत है। इनमें कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा व स्वास्थ्य सुरक्षा, सूचना व संचार तकनीक, भरोसेमंद इलेक्ट्रॉनिक पॉवर, महत्वपूर्ण तकनीक में आत्मनिर्भरता। ये पांचों […]

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