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एनसीईआरटी बिना किसी सबूत के पढ़ा रही है कुतुब मीनार किसने बनवाया?

                               क़ुतुब मीनार को लेकर दायर की गई RTI का NCERT ने दिया जवाब क़ुतुब मीनार परिसर के भीतर प्राचीन काल में कई मंदिरों के अस्तित्व की बात कुछ इतिहासकारों ने भी स्वीकार की है। आपने भी यही पढ़ा और सुना […]

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दिल्ली में अत्याचारी बाबर के नाम से विधानसभा और मेट्रो स्टेशन आदि के नाम क्यों?

  डॉ विवेक आर्य सभ्य समाज में किसी स्थान, मार्ग, स्मारक, शहर आदि का नामकरण ऐसे नामों से किया जाता है। जो इतिहास में बड़ी विभूति अथवा महान कार्यावेता हो। जिनसे हमें प्रेरणा मिले। सम्पूर्ण विश्व में इस नियम का पालन होता हैं। मगर हमारे भारत देश में इस नियम के विपरीत विदेशी आक्रांताओं जैसे […]

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रोग चाहे देह का हो या देश का हो

  आप को कोई जानलेवा रोग होता है तो आप उसके बारे में जितनी जानकारी मिलती है उतनी हासिल कर लेते हैं। उससे क्या होगा, कब होगा, सब कुछ आप को पता चल जाता है। लेकिन क्या यह जानकारी ही रोग से बचाव है? रोग तो हो गया है तो ठीक होने के लिए उससे […]

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2020 का साल रहा है सबसे गर्म

  आशीष कुमार ​​आर्कटिक के कुछ हिस्सों और उत्तरी साइबेरिया में इस साल तापमान में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया। पश्चिमी साइबेरिया क्षेत्र में भी ठंड और बसंत अस्वाभाविक रूप से गर्म रहे। साल 2020 का 2016 के साथ संयुक्त रूप से ज्ञात इतिहास में दुनिया के सबसे गर्म साल के रूप में दर्ज होना एकबारगी […]

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सृष्टि का सबसे पुराना और सबसे दूर का ब्लैक होल खोज लिया गया है

  वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड का सबसे पुराना और सबसे दूर स्थित महाविशाल ब्लैक होल मिल गया है। इसके साथ ही पहले की थिअरी पर सवाल खड़ा हो गया है कि ये ब्लैक होल कैसे बनते हैं। वैज्ञानिकों ने धरती से सबसे दूर स्थित ब्लैक होल की खोज कर ली है। यह 13 अरब प्रकाशवर्ष दूर […]

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आओ कुछ जाने भारतीय संस्कृति

भारत के परिवारों और मंदिरों में शंख बजाने की परंपरा कितनी वैज्ञानिक ?

  डॉ. डी के गर्ग अगर आप रोजाना शंख बजाते है, तो इससे आपको काफी लाभ हो सकता है। इसके कुछ लाभ नीचे दिए जा रहे हैं। 1. रोजाना शंख बजाने से आप गुदाशय की मांसपेशियां मजबूत बनती हैं। शंख बजाना मूत्रमार्ग, मूत्राशय, निचले पेट, डायाफ्राम, छाती और गर्दन की मांसपेशियों के लिए काफी बेहतर […]

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आओ कुछ जाने भयानक राजनीतिक षडयंत्र

भारत के इतिहास के विषय में कितना प्रामाणिक है यूरोपियन लेखन, भाग 2

लेखक:- प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज यूरो-ईसाई लेखन को कैसे पढ़े? पूर्व में हमने 19वीं शती ईस्वी के यूरोप की पृष्ठभूमि बताई है। इस पृष्ठभूमि की जानकारी के साथ हमें इन यूरोपीय ईसाई कथित इतिहास लेखकों के लेखन को पढ़ना चाहिये। इनके लिखने का प्रयोजन क्या है, यह सदा समझ लेना चाहिये। इसके लिये एक तो […]

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आओ कुछ जाने स्वर्णिम इतिहास

भारत के इतिहास के विषय में कितना प्रामाणिक है यूरोपियन लेखन

-प्रो. रामेश्वर मिश्र पंकज भारत के इतिहास के विषय में 15 अगस्त 1947 ईस्वी के बाद सरकार द्वारा नियंत्रित शिक्षण संस्थाओं में केवल उसे ही प्रामाणिक तथ्य की तरह प्रस्तुत किया गया जो यूरोपीय लेखकों ने लिखा। महत्वपूर्ण यह है कि किसी भी यूरोपीय देश में उनका इतिहास इस आधार पर एक शब्द भी नहीं […]

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जन्म प्रमाण पत्र और मृत्यु प्रमाण पत्र के पंजीकरण में आधार कार्ड की कोई अनिवार्यता नहीं

  मिथिलेश कुमार सिंह बर्थ एंड डेथ रजिस्ट्रेशन में आधार कार्ड अनिवार्य नहीं कई लोग आज भी जन्म मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने को बहुत गंभीरता से नहीं लेते हैं, तो उनके लिए यह समझना जरूरी है कि कानूनन यह बहुत जरूरी प्रक्रिया है, जिसे आप को समय रहते पूरा कर लेना चाहिए। यूं भी जन्म प्रमाण-पात्र […]

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भारत की प्राचीनतम काल गणना की आधुनिकता और वैज्ञानिकता का संबंध

  लेखक:- डॉ. मुरली मनोहर जोशी (लेखक पूर्व केद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री हैं) कालगणना की युगपद्धति अथवा कल्पपद्धति हमारे देश के व्यावहारिक जगत् में बहुप्रचलित एवं सर्वमान्य थी। तब प्रश्न यह उठता है कि मानव के पृथ्वी पर प्रादुर्भाव के इतने पूर्व की कालगणना का आधार क्या था? कल्पारंभ से गणना करना अथवा उसका […]

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