सोनिया ने पर्दे के पीछे किस कदर लूट की होगी ? सोचिये… तब 40 करोड़ के लिए सोना गिरवी रखा था… जबकि 64 करोड़ की दलाली तो सिर्फ बोफोर्स में खाई गयी थी… RBI गवर्नर रहे Y.V रेड्डी की पुस्तक ADVISE AND DECENT से साभार… काँग्रेस के शासनकाल में सिर्फ 40 करोड़ रुपए के […]
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भारतीय धर्म संस्कृति और इतिहास की पवित्रता में विश्वास रखने वाले हम सब भारतवासियों के लिए यह बहुत गर्व और गौरव का विषय है कि भारत ने विश्वगुरु के रूप में एक समय सारे विश्व को मर्यादा व्यवस्था और शांति का पाठ पढ़ाया था। भारत के विश्व गुरु रहते हुए संपूर्ण संसार व्यवस्थित रहा। […]
ईश्वर, जीवात्मा व प्रकृति विषयक आर्यसमाज के सिद्धान्त ईश्वर- १) ईश्वर एक है व उसका मुख्य नाम ‘ओ३म्’ है। अपने विभिन्न गुण-कर्म-स्वभाव के कारण वह अनेक नामों से जाना जाता है। २) ईश्वर ‘निराकार’ है अर्थात् उसकी कोई मूर्त्ति नहीं है और न बन सकती है। न ही उसका कोई लिङ्ग या निशान है। ३) […]
कोविशील्ड (Covishield) कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका ने मिलकर तैयार किया है और इसके उत्पादन के लिए भारत में इसे पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया बना रही है।ये एक तरह का सौदा है जिसमें प्रति वैक्सीन की आधी कीमत ऑक्सफ़ोर्ड के पास जाती है। कोविशील्ड दुनिया की सबसे लोकप्रिय वैक्सीन में से है […]
अधिकांशतः राजपूत मुगलों से हारते ही क्यों थे?? भले ही राजपूत महान योधा और तलवार बाज़ी करते थे| असल बात ये है कि हमें वही इतिहास पढ़ाया जाता है, जिनमें हम हारे हैं मेवाड़ के राणा सांगा ने 100 से अधिक युद्ध लड़े, जिनमें मात्र एक युद्ध में पराजित हुए और आज उसी एक युद्ध […]
प्रस्तुति – आर्य सागर खारी आज के समय में मेडिकल की दुनिया सिर्फ दवाई और डायग्नोसिस तक ही सीमित नहीं रह गई है, बल्कि आहार-सेहत इसके महत्वपूर्ण फैक्टर हो गए हैं। हॉस्पिटलिटी इंडस्ट्री में पोषण और आहार के क्षेत्र में बतौर डाइटिशियन कॅरियर बनाना अब लोगों को काफी फायदेमंद लगने लगा है। आज के समय […]
हमारे वेद,दर्शनशास्त्र, स्मृतियां, महाकाव्य, उपनिषद आदि सब ‘माँ’ की अपार महिमा के गुणगान से भरे पड़े हैं। असंख्य ऋषियों, मुनियों, तपस्वियों, पंडितों, महात्माओं, विद्वानों, दर्शनशास्त्रियों, साहित्यकारों और कलमकारों ने भी ‘माँ’ के प्रति पैदा होने वाली अनुभूतियों को कलमबद्ध करने का भरसक प्रयास किया है। इन सबके बावजूद ‘माँ’ शब्द की समग्र परिभाषा और […]
बंगाल जल रहा है परंतु कुछ लोग तमाशा देख रहे हैं। दिल्ली दंगों मे भी इनहोने इसी तरह मजा लिया था। सफूरा जरगर को जमानत मिलने पर कुछ लोग सोशियल मीडिया पर इस तरह नाच रहे थे कि उसके सामने सावन मे मोर का नाच भी फीका पड़ गया। उनमे एक अल्ट्रा सेक्यूलर लेखक […]
(आज राष्ट्रगान के रचियता, नोबेल पुरस्कार विजेता रविंद्रनाथ टैगोर का जन्मदिवस है। इस अवसर पर गुरुदेव के द्वारा महर्षि दयानन्द की स्मृति में दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि को प्रस्तुत कर रहे है। ) महर्षि दयानन्द ने वेद प्रचार की अपनी यात्राओं में बंगाल वा कोलकत्ता को भी सम्मिलित किया था। वह राष्ट्रकवि श्री रवीन्द्रनाथ […]
असम में घुसपैठ के खिलाफ चले आंदोलन के कारण 1981 के बाद घुसपैठिये असम की बजाय प.बंगाल और उत्तर प्रदेश में जाकर बसने लगे। 1981 से 1991 के बीच राष्ट्रीय स्तर पर मुस्लिम जनसंख्या वृद्धिदर 32.90 प्रतिशत थी पर प. बंगाल के जलपाईगुड़ी जिला में यह 45.12 प्रतिशत, दार्जिलिंग जिला में 58.55 प्रतिशत, कोलकाता […]