-विष्णु शर्मा वास्तव में शाकाहार हर प्राणी से प्रेम करना सिखाता है क्योंकि शाकाहारी व्यक्ति हिंसा नहीं करता और जो हिंसा नहीं करता उससे अन्य जीव जंतु भी प्रेम करते हैं .. इंसान जबसे इस दुनिया में आया है तब से उसके साथ एक चीज़ और आई है और वो है भूख। भूख ऐसी बात […]
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कर्मठ दीमकखोर और हरामखोर इंसान आरटीआई
पूरी दुनिया में जिस वन्यजीव का सर्वाधिक शिकार तथा जिसके अंगों की तस्करी की जाती है वह पेंगोलिन है। पैंगोलिन प्रकृति इकोसिस्टम का सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्तनधारी जीव है। भारत में इसे दीमकखोर / चींटीखोर कहा जाता है नाम से ही जाहिर है यह प्रकृति में जंगलों में नदियों के खादर में दीमक व चीटियों को […]
आइए जानें पुनर्जन्म के बारे में
पुनर्जन्म -सहदेव समर्पित 1 सृष्टि के जड़ पदार्थों में भी पुनर्जन्म है। यथा- पानी गर्म होकर भाप बन जाता है। वह ऊपर जाकर बादल के रूप में बरसता हुआ पुनः पृथ्वी पर आ जाता है। अधिक शीतलता पाकर वही बर्फ का रूप ले लेता है। अर्थात् सृष्टि के आरम्भ से अब तक पानी की एक […]
़ संजय पंकज ~~~~~~~~~~~~~~~~~ अहंकार के अंधकार में अछोर डूबा आदमी आलोक की अभ्यर्थना भूल जाता है तब प्रकृति की सारी नकारात्मक शक्तियाँ उसके अंतर्मन में बैठकर आसुरी वृतियों को उभार देती हैं ।वह हिंसक हो जाता है ।अपने अस्तित्व के आडंबर में औरों को तुच्छ और निकृष्ट समझता हुआ आक्रामक हो जाता है ।वह […]
आज मोदी विरोधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्यों विरोध करते हैं, इस मामले की जितनी गहराई में जाओगे, उतनी मोदी विरोधियों की जनसेवा के नाम पर देश विरोधी हरकतें ही सामने आएंगी, जिनसे आज तक जनता अनजान है और मोदी विरोधियों के दुष्प्रचार से भ्रमित होकर शिक्षित होते हुए भी अनजान बन रहे हैं। […]
[आँध्रप्रदेश के सोमू वीरराजु जिले में वहां की सरकार ने टीपू सुल्तान की मूर्ति स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का विरोध स्थानीय लोग कर रहे है। इस लेख को पढ़े और जाने कि क्या टीपू की मूर्ति लगनी चाहिए?] #डॉविवेकआर्य बुद्धिजीवी समाज में सत्य और असत्य के मध्य भी एक युद्ध […]
हष्टपुष्टजनोपेतं चातुर्वण्रर्यसमाकुलम्| (महा0 सभा पर्व) स्फीतोत्सवमनाधृष्यमासेदुश्च गिरिव्रजम्|| कातिर्कस्य तु मासस्य प्रवृतं प्रथमेहनि| (महा0 सभा पर्व) अनाहारं दिवारात्रमविश्ररान्तमवर्तत|| “कुरुदेश से चलकर गंगा और सोनभद्र को पार करके गोरथ पर्वत पर पहुंचकर उन तीनों ने मगध की राजधानी को देखा| वहां से चलकर वे तीनों गिरीब्रज के निकट जा पहुंचे वह नगर चारों वर्णों के लोगों से […]
बारिश के अनुमान कैसे कैसे ?
श्री कृष्ण जुगनू बारिश, एक जरूरत, एक अहम आवश्यकता। जल ही जीवन है, हमारे शास्त्रों में जल के 100 पर्यायवाची मिल जाते हैंं, मगर इसका विकल्प एक भी नहीं, सच है न। इस बारिश का पूर्वाभास करने के लिए हमारे पुरखों ने कई कयास लगाए हैं। उस दौर में जबकि न मौसम विज्ञान जैसे यंत्र […]
भारतीय शिक्षा का सर्वनाश
लेखक :-आचार्य भगवान देव गुरुकुल झज्जर अंग्रेजों के भारत आने से पूर्व योरूप के किसी भी देश में इतना शिक्षा का प्रचार नहीं था जितना कि भारत वर्ष में था। भारत विद्या का भण्डार था। सार्वजनिक शिक्षा की दृष्टि से भारत सब देशों का शिरोमणि था। उस समय असंख्य ब्राह्मण प्राचार्य अपने – अपने […]
जियो और जीने दो!!!
नास्तिकों का यह नया तर्क है कि कोशिकाओं से ही पेड़ पौधे और जानवर बने हैं। इनका शरीर कुछ नहीं अपितु कोशिकाओं का सम्मिलित जोड़ है। नीचे दिया चित्र नास्तिकों का नया ब्रह्मास्त्र है जिसके माध्यम से वो साबित करना चाह रहे हैं कि कोशिकायें चाहें पादप जगत की हों या जंतुओं की,दोनों की […]