अनूप भटनागर समाज के कमजोर और न्याय तक पहुंच से वंचित तबकों के हितों की रक्षा के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा अस्सी के दशक में शुरू की गयी जनहित याचिका, जो पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के नाम से ज्यादा चर्चित है, प्रणाली आज जनता के मौलिक अधिकारों की रक्षा और इनके प्रति उदासीन कार्यपालिका और भ्रष्ट […]
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अनूप भटनागर बताते हैं कि अदालतों में मुकदमे दायर करने के मामले में केंद्र और राज्य सरकारें सबसे आगे हैं। यही नहीं, केन्द्र और राज्य सरकारों के संबंधित विभागों के अधिकारी उच्चतम न्यायालय में अपील या विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिये निर्धारित समय सीमा की अवहेलना करने के मामले में भी सबसे […]
बीजेपी सत्ता में आई उसमें गुजरात का बहुत बड़ा योगदान है …गुजरात को मीडिया के लोग हिंदुत्व की प्रयोगशाला कहते थे …गुजरात पहला राज्य है जहां बीजेपी सत्ता में आई और जिस जमाने में बीजेपी के सिर्फ दो संसद सदस्य थे उसमें से एक मेहसाना से थे। आपको जानकर बड़ा आश्चर्य होगा कि गुजरात में […]
नवबुद्ध बनना: नौटंकी या फैशन
बुद्ध मत स्वीकार करने वाला 99.9 %दलित वर्ग बुद्ध मत को एक फैशन के रूप में स्वीकार करता हैं। उसे महात्मा बुद्ध कि शिक्षाओं और मान्यताओं से कुछ भी लेना देना नहीं होता। उलटे उसका आचरण उससे विपरीत ही रहता हैं। उदहारण के लिए- 1. मान्यता- महात्मा बुद्ध प्राणी हिंसा के विरुद्ध थे एवं मांसाहार […]
RSS ने 52 वर्षों तक भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा क्यों नही फहराया ? जी हां ये सच है कि 1950 से 2002 तक RSS ने तिरंगा नहीं फहराया, तो इस राष्ट्रीय ध्वज के न फहराने का सच क्या है ? आइये जानते हैं ! ऐसा क्या हुआ कि 1950 के बाद RSS ने […]
#डॉविवेकआर्य लाहौर में एक चौबारा था। उसका नाम था ‘छज्जू का चौबारा’। पंजाबी जीवन शैली में लोकोक्ति चर्चित है-‘जो सुख छज्जू दे चौबारे, न बलख न बुखारे’ अर्थात छज्जू के चौबारे का सुख के आगे बल्क व बुखारे का सुख भी फीका पड़ जाता है। छज्जू भगत का असली नाम छज्जू भाटिया था। वे […]
(श्रावण मास में हमें कैसी वेद कथाओं का आयोजन करना चाहिए ? इस विषय पर हमने पिछले दिनों अपनी ओर से कुछ प्रकाश डाला था। अब इसी विषय पर ‘उगता भारत’ समाचार पत्र के चेयरमैन श्री देवेंद्र सिंह आर्य जी का यह लेख ग्रंथियों और भ्रांतियों का समाधान करने में बहुत अधिक सक्षम है। […]
भारत में शूद्रों की खोज
डा. अंबेडकर- पुरूष सूक्त ब्राह्मणों ने अपनी स्वार्थ सिध्दि के लिये प्रक्षिप्त किया है।कोल बुक का कथन है कि पुरूष सूक्त छंद और शैली में शेष ऋग्वेद से सर्वथा भिन्न है।अन्य भी अनेक विद्वानों का मत है कि पुरूष सूक्त बाद का बना हुआ है। पं. शिवपूजन सिंह- आपने जो पुरूष सूक्त पर आक्षेप किया […]
पहली बार कोई सकारात्मक आन्दोलन आजाद भारत में शुरु होने की आहट हुई है ! इससे जवाहरलाल नेहरू और मोहन दास करम चन्द गाँधी की कुछ नई तस्वीर सामने आयेगी जो आजतक मिडिया ने छुपाकर रखा गया है , मैं ।पूरी तरह से तन, मन , धन और अपनी जानकारी के साथ इस उद्देश्य में […]
#डॉविवेकआर्य सर संघचालक श्री मोहन भागवत जी ने गोवाहाटी में बयान दिया कि 1930 से मुस्लिमों की आबादी बढ़ाई गई क्योंकि भारत को पाकिस्तान बनाना था। इसकी योजना पंजाब, सिंध, असम और बंगाल के लिए बनाई गई थी और यह कुछ हद तक सफल भी हुई। माननीय सर संघचालक जी ने अपने बयान में […]