वैद्य गुरुदत्त संविधान भले लोगों के समाज में और उस द्वारा निर्मित राज्य में एक समझौता होता है। इसका अधर्माचरण करने वाले लोगों से कोई संबध नहीं होता है। अधर्माचरण (अपराध) के लिए दण्ड विधान की कल्पना की गई है। जो लोग हृदय से धर्म की स्थापना चाहते हैं, वे इस निमित्त राज्य का निर्माण […]
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विवेक भटनागर ऐतिहासिक रूप से मेवाड़ या शिबि जनपद का भारतवर्ष की राजनीति में अत्यन्त व्यापक प्रभाव है। इस जनपद का वर्णन स्ट्रेबो ने अपनी इण्डिका में शिबोई जन के रूप में किया है। यहां पर स्थापत्य का विकास क्रम इतिहासिक रूप से दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व से आगे जाता है। इस क्षेत्र में प्रस्तर […]
के.एम. त्रिपाठी हम देखते हैं कि विभिन्न देशों की यात्राओं में जब हमारे राजनेता जाते हैं, तो उनके स्वागत के लिए विश्वभूमि के बन्धु संस्कृति की परम्पराओं, धार्मिक श्लोकों व हिन्दू संस्कृति के विविध प्रतीकों, पध्दतियों,कलाओं के माध्यम से उनका सम्मान करते हैं। भारत में भले ही छुद्र राजनैतिक स्वार्थों के लिए विभिन्न धड़े सनातन […]
आइए जानें : सिंध का प्राचीन इतिहास
अनिरुद्ध जोशी हाल ही में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अलग देश की मांग कर रहे लोगों ने एक विशाल रैली का आयोजन करके पाकिस्तान के अत्याचार के खिलाफ नारे लगाए। वहां के राष्ट्रवादियों ने सिंधी राष्ट्रवाद के संस्थापक जीएम सैयद की 117वीं जयंती पर पाकिस्तान से आजादी के समर्थन में रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने […]
विनय आर्य आखिर जब जेएनयु विवाद फीस को लेकर था तो इस विवाद को मूलनिवासी से क्यों जोड़ दिया गया। फीस में मनुवाद कहाँ से आया और फीस में राम मंदिर कहाँ से आया? शायद ये चीजें आई नहीं बल्कि लाई गयी क्योंकि आजकल आपने एक शब्द सुना होगा मूलनिवासी। इस शब्द के साथ भारतीय […]
संगीता पुरी (लेखिका गत्यात्मक ज्योतिष की विशेषज्ञ हैं।) आए दिन हमारी भेंट ऐसे अभिभावकों से होती है, जो अपने बेटे या बेटी के विवाह न हो पाने से बहुत परेशान हैं। उनकी विवाह योग्य संतानें पढ़ी-लिखी है,पर पांच-सात वर्ष से उपयुक्त वर या वधू की तलाश कर रहें हैं, कहीं भी सफलता हाथ नहीं आ […]
ममता रानी जी हाँ, प्रकृति की गोद में कई सारे ऐसे स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ हैं, जो हमें बड़ी सहजता से अनेक असाध्य रोगों से बचाते हैं। ऐसा ही एक खाद्य पदार्थ है कुलथी। कुलथी लाल-भूरे रंग का एक दलहन है जिसे दाल के रूप में खाने की परंपरा रही है। मकर संक्रांति के दूसरे दिन […]
अशोक मधुप आधुनिक युद्ध कोरोना की तरह शहरों में, गलियों में और भीड़ वाली जगह में लड़ा जाएगा। किसी विषाक्त वायरस से हमें कोरोना से बचाव की तरह जूझना होगा। बुजुर्ग कहते आए हैं कि ईश्वर जो करता है, अच्छा करता है। हर मुसीबत में कोई संदेश, कोई भविष्य के लिए तैयारी होती है। दुनिया […]
देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय लिखित अप्रतिम जीवन चरित. ऋषि जीवन की सामग्री को एकत्र करके उन्होने महर्षि की प्रामाणिक और क्रमबद्ध जीवनी को लिखा। महर्षि दयानन्द सरस्वती (1825-1883) की अनुसंधानपूर्ण मौलिक जीवनी लेखकों में बंगाल निवासी बाबू देवेन्द्रनाथ मुखोपाध्याय का नाम सम्मिलित है। आपने 10 वर्षों तक देश भर में घूम कर ऋषि जीवन की सामग्री का […]
आनंद कुमार सन 1850 के दौर में जब अंग्रेजों को भयानक भारतीय प्रतिरोध का सामना करना पड़ा तो धीरे से उन्होंने एक आर्म्स एक्ट लागु कर दिया। इसका उन्हें फायदा ये हुआ कि भारतीय हथियार रखेंगे नहीं तो यहाँ कि शास्त्रों की परंपरा जाती रहेगी। फिर एक प्रशिक्षित सिपाही भी बिना प्रशिक्षण वाली सौ-दो सौ […]