सौम्या भौमिक पूर्वोत्तर के विकास के लिए घरेलू कोशिश जारी रहेंगी लेकिन इस विकास प्रक्रिया में अन्य देशों की भागीदारी से कई लाभ मिलने वाले हैं। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र (Northeastern Region, NER) यानी एनईआर में आठ राज्य हैं। इसकी पहचान अक्सर ढांचागत और आर्थिक विकास के मामले में हाशिए पर रहने वाले क्षेत्र के रूप […]
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पंकज चतुर्वेदी चेन्नै और उसके आसपास के शहरी इलाकों की रिहायशी बस्तियों के जलमग्न होने की घटना पहली बार नहीं है। इस इलाके ने सात साल पहले, सन 2015 में भी ऐसी ही मुसीबतें भोगी थीं। यह सच है कि बेमौसम बारिश अप्रत्याशित है, लेकिन जलवायु परिवर्तन का कुप्रभाव सबसे पहले तटीय शहरों में पड़ने […]
अंकोरवाट कम्बुज देश का राष्ट्र मंदिर डॉ. शशि बाला सूर्यवर्मन द्धितीय ने भगवाल विष्णु को समर्पित अंकोरवाट नामक मंदिर की स्थापना राष्ट्र मंदिर के रूप में की थी। आज यह अंकोरवाट मंदिर कम्बुज देश की अस्मता है। विश्व में केवल अंकोरवाट ऐसा मंदिर है जो किसी देश के राष्ट्रीय ध्वज में विराजमान है। मनुस्मृति नामक […]
प्रातः 3 से 5 – इस समय जीवनीशक्ति विशेष रूप से फेफड़ो में होती है। थोड़ा गुनगुना पानी पीकर खुली हवा में घूमना एवं प्राणायाम करना । इस समय दीर्घ श्वसन करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता खूब विकसित होती है। उन्हें शुद्ध वायु (आक्सीजन) और ऋण आयन विपुल मात्रा में मिलने से शरीर स्वस्थ व […]
रंजना मिश्रा स्पेसएक्स क्रू मिशन-2 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में 6 महीने बिताकर 4 अंतरिक्ष यात्री धरती पर सुरक्षित लौट आए। भारतीय समय के अनुसार सभी ने 9 नवंबर मंगलवार को सुबह मैक्सिको की खाड़ी में लैंडिंग की, इनमें नासा के दो अंतरिक्ष यात्री कमांडर शेन किंब्रू और पायलट मेगन मैकआर्थर थे, उनके साथ […]
नेहरू की बदमाशी का एक नमूना…*
नेहरू की बदमाशी का एक नमूना… “विभाजन के बाद 1947 में पाकिस्तान में हिंदुओं की हत्याओं, लड़कियों से बलात्कार का नंगा नाच हो रहा था। लाहौर से हर ट्रैन में हिंदुओं की लाशें आ रही थी और उन पर मंडराते कुत्ते, गिद्ध दिखाई दे रहे थे, तब नेहरू ने रेडियो पर शरणार्थी शिविरों में रह […]
प्रदीप वैज्ञानिकों ने पृथ्वी के गर्भ में सुरक्षित जीवाश्मों के अध्ययन से यह स्पष्ट निष्कर्ष निकाला है कि हमारी पृथ्वी कभी खतरों से खाली नहीं रही और इसने अनेक संकटों को झेला है. बीसवीं शताब्दी तक हम सोचते थे कि हम बहुत सुरक्षित जगह पर रह रहे हैं, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल […]
डॉविवेकआर्य भारत जैसे बड़े देश में करोड़ों लोग वन क्षेत्र में सदियों से निवास करते है। कुछ लोग उन्हें आदिवासी कहते है क्योंकि उनका मानना है कि आदिकाल में सबसे प्रथम जनजाति इन्हीं के समान थी। कालांतर में लोग विकसित होकर शहरों में बसते गए जबकि आदिवासी वैसे के वैसे ही रहे। हम इसे भ्रान्ति […]
स्वाति सिंह भारत में 26 नवंबर 1949 को निर्वाचित संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था। संविधान सभा में कुल 389 सदस्य थे। लेकिन अब इसे संयोग कहें या दुर्भाग्य कि संविधान निर्माण के संदर्भ में हमें केवल अग्रणी पुरुष सदस्यों के रूप में […]
समुद्र यात्री महर्षि अगस्त्य महावीर प्रसाद द्विवेदी कूपमण्डूकता बड़ी ही अनिष्टकारिणी क्या एक प्रकार से, विनाशकारिणी होती है। मनुष्य यदि अपने ही घर, ग्राम या नगर में आमरण पड़ा रहे तो उसकी बुद्धि का विकास नहीं होता, उसके ज्ञान की वृद्धि नही होती, उसकी दृष्टि को दूरगामिनी गति नहीं प्राप्त होती। देश—विदेश जाने, भिन्न भिन्न […]