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*इस्‍लामी मान्‍यताओं को छोड़कर हिंदूू धर्म अपनाने वालों की बढ़ रही संख्‍या… ये बदलती हवा का दौर है…*

बीते दिनों वसीम रिजवी ने सनातन धर्म ग्रहण कर लिया। इसके पहले इंडोनेशिया के संस्थापक और प्रथम राष्ट्रपति की पुत्री सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने इस्लाम छोड़ विधिवत हिंदू धर्म स्वीकार किया था। मुस्लिम देशों में इस्लाम छोड़ने, उस पर विश्वास न रखने और इस्लामी मान्यताएं ठुकराने वाले मुसलमानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सुकर्णोपुत्री […]

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दुनिया में कुल 57 मुस्लिम देश हैं, पर हिंदू देश एक भी नहीं

शंकर शरण लगता है कि भारत के अनेक प्रभावी बुद्धिजीवी और पत्रकार, विदेशी लोग यहाँ की 80 प्रतिशत जनता के हिन्दू होने, उस की भावना, दुःख और उस पर होते भेद-भाव से निरे अनजान, बेपरवाह हैं। वे भूलकर भी नहीं बताते कि मुस्लिम देशों में रहने वाले हिन्दुओं के साथ क्या बर्ताव होता है। किस […]

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ज्ञान विज्ञान: ब्रह्मांड की गहराई को देखेगी अब एक नई आंख

मुकुल व्यास अमेरिकी खगोल वैज्ञानिक एडविन हबल ने सबसे पहले यह सिद्ध किया था कि हमारी मिल्की-वे आकाशगंगा के आगे दिखने वाले अनेक ऑब्जेक्ट दरअसल दूसरी आकाशगंगाओं की मौजूदगी दर्शाते हैं। तब से खगोल वैज्ञानिक यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि सबसे पुरानी आकाशगंगाएं कितनी पुरानी हैं, उनका गठन कैसे हुआ और बाद […]

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विश्व का सबसे बेहतरीन और अनोखा संगठन है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

ललित गर्ग सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है। यह दिवस सभी व्यक्तिगत स्वयंसेवकों और स्वयंसेवकों के संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तरों पर उनके योगदान को दिखाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। यह दिन हर साल […]

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मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड क्यों चाहता है ईशनिंदा कानून ?

मुहम्मद का सच सामने ना आने पाए… इसलिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ईशनिंदा कानून पारित करने की मांग कर रहा है कानपुर में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक हुई है… इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मांग की है कि देश में ईशनिंदा कानून लागू किया जाए -ऑल इंडिया […]

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काव्य में भी छुपा है अद्भुत विज्ञान

सुद्युम्न आचार्य भारत की एक परंपरा रही है कि हमने ज्ञान-विज्ञान की बातों को काव्य रूप में कहा है। उदाहरण के लिए महाभारत समस्त ज्ञान-विज्ञान का विश्वकोश है। महाभारत काव्य में ही है। वेदों तथा उपनिषदों में भी काव्य में ही ज्ञान-विज्ञान का वर्णन है। यह हमारा काम है कि काव्य में से ज्ञान-विज्ञान को […]

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भारत का ज्ञान भंडार आज भी कर सकता है संसार का मार्गदर्शन

जवाहरलाल कौल आधुनिकता का चोला ओढ़े हमारे इतिहासकार और बुद्धिजीवी अकसर यह कहते फिरते हैं कि भारतीय समाज आरम्भ से ही धर्म और शास्त्रों के बनाए नियमों कायदों में जकड़ा रहा है और आज भी इन्हीं में फंसा हुआ है। हमारे शास्त्रों का सही मायने में मूल्यांकन तो हुआ ही नही, समाज में उनकी साधारण […]

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दूसरी आकाशगंगाओं पर भी हो सकती है जीवन की उम्मीद

मुकुल व्यास हमारा ब्रह्मांड अनंत रहस्यों से भरपूर है। वैज्ञानिक एक-एक करके इन रहस्यों का अनावरण करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ वैज्ञानिक हमारे सौरमंडल से बाहर की दुनिया की छानबीन कर रहे हैं तो कुछ दूसरी आकाशगंगाओं को टटोल रहे हैं। इस खोजबीन के नतीजे दिलचस्प और चौंकाने वाले हैं। खगोल वैज्ञानिकों ने […]

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मूर्तिपूजा का प्रारम्भ कब क्यों व कैसे ??

5000 वर्ष पूर्व महाभारत काल तक भारत में विशुद्ध रूप से सभी जन वैदिक धर्म के ही अनुयाई थे। महाभारत के युद्ध के पश्चात ऋषियों की वैदिक व्यवस्थाओ में शिथिलता आने लगी। वेद के विद्वान जनो की हानि होने लगी। फिर भी 600 ईस्वी पूर्व तक आर्यावर्त में कुछ अशुद्धियों के साथ वैदिक मत ही […]

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ऐसे मनाई गई विक्रम संवत् की द्विसहस्राब्दी

राजशेखर व्यास विक्रम संवत् के दो हजार वर्ष का समाप्त होना भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी। विक्रमादित्य की स्मृति को बनाए रखने के लिए जिस विक्रम संवत् का प्रवर्तन हुआ था, इस डोर के सहारे हम अपने आपको उस श्रृंखला के क्रम में पाते हैं, जिसके अनेक अंश अत्यंत उज्ज्वल एवं गौरवमय रहे […]

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