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56 भोग बनाने वाले भारत को क्या खाना भी मुगलों ने बनाना सिखाया ?

राजकमल गोस्वामी एक बड़ा भारी प्रचार यह भी ख़ूब चला है कि इस्लाम ने भारतीयों को व्यंजन बनाना और ख़ाने का सलीका सिखाया । बिरयानी पुलाव और हलवा के साथ साथ जलेबी गुलाब जामुन और तरह तरह के मुग़लई व्यंजन गोया वह अपने साथ लाये थे । सबसे पहले तो यह समझ लेना ज़रूरी है […]

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आओ कुछ जाने महत्वपूर्ण लेख

राम मंदिर के निर्माण को कौन रोकता रहा था ? पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने बताया सच्चा किस्सा

आर.के सिन्हा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मसले पर सदियों से विवाद चला आ रहा था। यह तो सब जानते ही हैं। लेकिन यह बात तो कम ही लोग जानते हैं कि राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मसले पर सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई शुरू हुई तो प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कोशिशें होती रहीं कि […]

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कोहिनूर की कहानी

उगता भारत ब्यूरो भारतीय मूल के ब्रिटिश सांसद कीथ वाज ने अपनी सरकार से कोहिनूर हीरे को भारत को लौटाने का आग्रह करके ब्रिटेन की महारानी के मुकुट में सुशोभित अनमोल हीरे को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया था। भारत के कई लोग चाहते हैं कि कोहिनूर को वापस भारत में लाया जाए, […]

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शीशा सचमुच एक जहर है

डॉ.मनोहर भण्डारी एक तरफ पूरा वैज्ञानिक और चिकित्सा जगत जानता और मानता है कि सीसा मानव शरीर के लिए शुद्ध रूप से जहर (लेड पाइजनिंग) है, इसकी शरीर में जरा-सी भी उपयोगिता नहीं है I यह भी ज्ञात सच है कि सीसे की निरापद सूक्ष्मतम मात्रा वैज्ञानिकों को पता नहीं है, अर्थात् सीसे की सूक्ष्मतम […]

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बाइबल की सच्चाई को आखिर समझना ही होगा

“किसी न किसी को तो बाइबल की असलियत को उजागर करना ही चाहिए। ईसाई उपदेशक ऐसा करने का साहस इसलिए नहीं करते क्योंकि वे समझते है कि उनको मंच से निकाल दिया जाएंगा। कॉलेज के प्रोफेसर इसलिए ऐसा नहीं करते क्योंकि उन्हें वेतन मिलना बंद हो जएगा (नौकरी से निकाल दिया जाएगा)। राजनेता इसलिए ऐसा […]

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गीता और कुरान का अंतर

उगता भारत ब्यूरो जिस आदमी ने श्रीमदभगवद गीता का पहला उर्दू अनुवाद किया वो था मोहम्मद मेहरुल्लाह! बाद में उसने सनातन धर्म अपना लिया! पहला व्यक्ति जिसने श्रीमदभागवद गीता का अरबी अनुवाद किया वो एक फिलिस्तीनी था अल फतेह कमांडो नाम का! जिसने बाद में जर्मनी में इस्कॉन में शामिल हुआ और अब हिन्दू है! […]

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दिवस-मास-वर्ष-मन्वन्तर-हैमयुग-विवेक

★ निरपेक्षरूपेण प्रत्येक खगोलीय पिण्ड से सम्बन्धित दिवस होता है जो पूर्वी क्षितिज पर उसके उदय से लेकर उसके पुनरोदय तक चलता है। यह सदैव प्रेक्षक के सापेक्ष होता है। चूँकि पृथ्वी के घूर्णन पर ही दिवस आधारित है, अत: देशान्तर (रेखांश) की भिन्नता होने पर दिवस के आरम्भ में भिन्नता हो जाती है। जनता […]

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ऐसा था प्राचीन भारत में त्रिकोणमिति का ज्ञान विज्ञान

हर्षिल मेहता कुछ विद्वानों का मत है कि, मिशनरी और यूरोपीय व्यापारिओं द्वारा यह ज्ञान प्रसारित होक यूरोप पहुंचा जिससे वहां के विज्ञान के विकास पर भी असर पड़ा। माधवश्रेणी को आधुनिक गणित में लेइब्नित्ज़ श्रेणी कहा जाता है। ऐसी बहुत श्रेणीओ का वर्णन पुस्तक युक्तिभाषा में मिलता है। त्रिकोणमिति (Trigonometry) जो की गणित की […]

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भारतीय समाज में कन्यादान का वास्तविक स्वरूप

#डॉविवेकआर्य आजकल लिबरल के नाम एक नया कुतर्क दिया जा रहा है। विवाह के समय कन्या कोई वस्तु थोड़े ही है जिसका दान दिया जाये। ऐसा कुतर्क दिया जा रहा है। इस शंका का समाधान स्वामी विद्यानन्द सरस्वती ने अपनी कृति “संस्कार भास्कर” में इस प्रकार किया है- कन्यादान का स्वरुप — दान का अर्थ […]

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मकर संक्रांति का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

मुरारी शरण शुक्ल मकर संक्रांति अकेला ही पश्चिम और अरब के सभी पर्वों पर भारी है: सूर्य की गति पर आधारित यह उत्सव भारत के लाखों वर्ष से खगोल विज्ञान का ज्ञाता होने का प्रमाण है। (सबसे अंतिम पैराग्राफ में पढ़ें किस राज्य में किस नाम से मनाया जाता है यह उत्सव? और क्या क्या […]

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