भारत की आबादी साल 2020 में एक अरब 38 करोड़ के आसपास थी और 2040 से 2048 के बीच इसके लगभग एक अरब 60 करोड़ तक हो जाने का अनुमान है। लेकिन मौजूदा सदी का आधा सफर पूरा होने के बाद आबादी में तेजी से गिरावट आने लगेगी। अनुमान है कि सदी के अंत तक […]
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* हिन्दुओं की अज्ञानता* हिन्दू समाज ने सबसे ज्यादा प्रगति अज्ञानता और अन्धविश्वास के रूप में की है । एक समय मंदिरों में इतना धन इकट्ठा कर दिया गया था कि कोई भी मुस्लिम आक्रान्ता हमला करके तिनके के समान रक्षा पंक्ति को तोड़ देता और मंदिरों को लूट कर मूर्तियों को अपमानित करता था […]
🔰पादरी ने 22 हजार हिंदुओं की हत्या की थी, 1 जनवरी को हैप्पी न्यू ईयर बोलने वाले जान ले इतिहास* ⚜️ईसाईयत और इस्लाम ये दो पंथ ऐसे हैं जिनका जन्म भारत के बाहर हुआ है। ईसाई लोग भारत में आए लगभग दूसरी शताब्दी में। तब यहां का राजा हिन्दू था, प्रजा हिन्दू थी और व्यवस्था […]
जब कुरान पर चले थे न्यायालयों में केस
बहुत कम लोग जानते है कि सन 1986 में दिल्ली में कुरान पर केस चला था. …….और कुरान की 26 आयतों को दिल्ली कोर्ट ने विवादित, अमानवीय एवम शर्मनाक घोषित किया था……उस समय जो जज थे उनका नाम जस्टिस z.s.Lohat था…. हुआ ये था कि दिल्ली के इन्द्रसेन शर्मा और राजकुमार आर्य नामक दो व्यक्तियों […]
न ऋतु बदली, न मौसम, न कक्षा बदली, न सत्र न फसल बदली, न खेती न पेड़ पौधों की रंगत न सूर्य चाँद सितारों की दिशा ना ही नक्षत्र।। 1 जनवरी आने से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देने लगते हैं। मानों कितना बड़ा पर्व हैं । नया केवल एक दिन ही नही होता, […]
देवदत्त पटनायक यदि आप उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश की यात्रा पर निकलें और देवगढ़ जाएं जिसे देवी- देवताओं का गढ़ कहते हैं – तो आपको वहां एक हिंदू मंदिर के अवशेष मिलेंगे। यह मंदिर 1500 वर्ष पुराना तो होगा ही और इसका निर्माण गुप्त वंश के राजाओं ने किया था। इसकी दीवारों पर एक […]
‘पश्चिमी आक्रांता चाहते थे वैदिक युग को नीचा दिखाना ऑप इंडिया की पोस्ट: लेख – अनुपम कुमार सिंह IIT खड़गपुर ने आर्य-द्रविड़ थ्योरी की पोल खोली, जारी किया कैलेंडर…. वामपंथी इतिहासकारों ने भारतीयों को, खासकर हिन्दुओं को नीचा दिखाने के लिए एक झूठी थ्योरी गढ़ी। उन्हें बाहरी होने का एहसास कराने के लिए कहा गया […]
अश्वनी मिश्र छत्तीसगढ़ का अबूझमाड़ इलाका 3905 वर्ग किलोमीटर में फैला है। प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न यह क्षेत्र नक्सलियों और मिशनरियों के आपसी गठजोड़ के कारण अबूझ बन गया है। एक तरफ नक्सली वनवासियों के हाथों में बंदूक थमा रहे हैं, तो दूसरी ओर मिशनरी बाइबिल थमाकर उन्हें उनकी सदियों पुरानी सनातन संस्कृति से दूर […]
आशुतोष भटनागर हिमालय की शिवालिक पर्वत श्रंखला पर जहां पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू काश्मीर की सीमा मिलती है, वह स्थान है “विश्वस्थली”। वर्तमान में बसोहली के नाम से प्रचलित यह स्थान जम्मू काश्मीर राज्य के कठुआ जिले की एक तहसील है। रावी नदी के तट पर स्थित बसोहली शांतिप्रेमियों के लिये एक आदर्श पर्यटन […]
प्राचीन काल में मास का आरम्भ अमा के उपरान्त प्रथम चन्द्रदर्शन से किया जाता था। चन्द्रदर्शन की प्रथम रात्रि ही शुक्ल प्रतिपदा कहलाती थी। शुक्ल पक्ष १४ रात्रियों का होता था जिसकी अन्तिम १४वीं रात्रि पूर्णिमा कहलाती थी। कृष्ण पक्ष १५-१६ रात्रियों का होता था और चन्द्रप्रकाश से रहित इसकी अन्तिम तीनों रात्रियों का समुच्चय […]