लोगों पर शासन करने की इच्छा कौन कर सकता है? यशस्वी शक्तियाँ, ज्ञान और कार्यों को कैसे प्राप्त करें? सो अर्णवो न नद्यः समुद्रियः प्रति गृभ्णाति विश्रिता वरीमभिः। इन्द्रः सोमस्य पीतये वृषायते सनात्स युध्म ओजसा पनस्यते।। ऋग्वेद मन्त्र 1.55.2 (सः) वह (परमात्मा) (अर्णवः) समुद्र (न) जैसे कि (नद्यः) नदियाँ (समुद्रियः) समुद्र की तरफ जाते हुए […]
Category: आओ कुछ जाने
मानव शरीर और कर्मेंद्रियों की स्थिति

हमारे शरीर में कर्मेंद्रियों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। ज्ञानेंद्रियों की भांति कर्मेंद्रियां भी पांच ही होती हैं। परमपिता परमात्मा की लीला को देखकर बड़ा आश्चर्य होता है कि उसने ज्ञान और कर्म दोनों का अद्भुत समन्वय इन इंद्रियों के माध्यम से हमारे शरीर में स्थापित किया है। आइए, कुछ विचार करते हैं :- ज्ञानेंद्रियों […]
आप क्यों हंसते हैं*
* (ऋचा अग्रवाल-विभूति फीचर्स) आप किस मजाक पर सिर्फ हंसते हैं व किस मजाक पर दिल खोलकर हंसते हैं, इससे आपके व्यक्तित्व का पता चलता है। इस आधार पर कैलीफोर्निया के कुछ मनोवैज्ञानिकों ने बुद्धि परीक्षण की तरह ही मजाक से व्यक्तित्व परीक्षण का तरीका विकसित किया है। जिन बातों से लोग हंस पड़ते हैं […]
(लेख का उद्देश्य किसी की आस्था को ठेस पहुँचाना नहीं बल्कि सच्चाई बताना है) सभी जानते हैं कि सऊदी अरब मुहम्मद की जन्मभूमि और कर्मभूमि है , और वही ऐसा मुस्लिम देश हैं जहाँ शरीयत का पूरी तरह से पालन किया जाता है , यहाँ के मुस्लिम उसे अपना आदर्श मानते है और उसे असली […]
इस तरह खोज हुई विटामिन ‘ई’ की
डॉ. गुलाबचंद कोटडिय़ा- विभूति फीचर्स विटामिन साधारणतया 4 प्रकार के ही अभी चिन्हित किए गए है। ए.बी.सी और डी। इन चारों में सारी शक्तियां व गुण समाहित होते हैं जिन्हें मनुष्य अपने शरीर के लिए चाहता है। इन विटामिनों की द्रव्य या गोलियां बनी बनाई बाजार में उपलब्ध है। इसके अलावा मजाक में एक और […]
शंका समाधान दिनांक 17/4/2024। नमस्ते स्वामी जी। स्वामी जी आयु या जीवन के संबंध में कठोपनिषद के एक मंत्र को लेकर शंका है, जो निम्न है। 1 )जीवात्मा को उसके कर्मों का फल जाति आयु भोग के रूप में मिलता है आयु के विषय में आप जैसे परम विरक्त विद्वानों से ही सुना है पढ़ा […]
* लेखक आर्य सागर खारी 🖋️। सुदूर अंतरिक्ष में ग्रह, उपग्रह तारे तो हमें आंखों से दिखाई देते हैं .. लेकिन एक खगोलीय संरचना जिसे ब्लैकहोल या श्याम विवर कहा जाता है दुनिया भर के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों खगोल भौतिकशास्त्री के लिए चुनौती बना हुआ था.. इसका घनत्व व गुरुत्वाकर्षण बल इतना शक्तिशाली होता है यह […]
*घ से घोड़ा, बचा है थोड़ा*
🐴🐴🐴🐴🐴🐴🐴 लेखक आर्य सागर खारी 🖋️। पालतू प्राणियों में भारतवर्ष में प्राचीन वैदिक काल से ही गौ के पश्चात अश्व अर्थात घोड़े का सर्वाधिक महत्व रहा है। वैदिक काल में होने वाले बड़े-बड़े यज्ञों में दक्षिणा में गौ के पश्चात अश्व देने का भी व्यापक विधान मिलता है अश्वमेध यज्ञ की तो प्रधान विषय वस्तु […]
सभी मित्रों को भारतीय सृष्टि संवत एक अरब 96 करोड़ 8 लाख 53हजार 125 और विक्रम संवत 2081 की हार्दिक शुभकामनाएं। प्रत्येक प्रकार की वनस्पति में चहुं ओर नवस्फुटन, प्रकृति में छाई हुई एक निराली छटा, प्रत्येक प्राणीमात्र के शरीर में एक नई ऊर्जा का होता हुआ संचार , सूर्य भी अपनी सात किरणों के […]
*दुदुम्भी से बंब, बंब से नगाड़ा* ।
लेखक आर्य सागर खारी🖋️। कथित समृद्धि व आधुनिकता के शोर में लुप्त हो रहा है, नगाड़ों का नाद। रणभेरी ,दुदुम्भी व शंख यह सभी युद्ध वाद्य थे। तीनों का ही महाभारत में उल्लेख मिलता है कुरुक्षेत्र के मैदान में कौरव पांडव दल की ओर से यह युद्ध में बजाए जाते थे। सैन्य दल में ऊर्जा […]