आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार राजेश खन्ना और मुमताज़ अभिनीत चर्चित फिल्म “दुश्मन” का एक गीत “सच्चाई छुप नहीं सकती, कभी बनावट के असूलों से, कि खुश्बू आ नहीं सकती, कभी कागज के फूलों से….” जो हो रहे किसान आंदोलन पर सटीक बैठ रहा है। जितनी जल्दी परतें इस आंदोलन की खुलनी शुरू हो चुकी हैं, उतनी जल्दी CAA विरोध […]
श्रेणी: कृषि जगत
रवि शंकर कहते हैं कि दुनिया को खेती करना राजा पृथु ने सिखाया। महाभारत के अनुसार वह मानव इतिहास के चौथे राजा थे। पहले मनुष्य दूध, कन्दमूल खा-पीकर जीवन यापन करता था या फिर अपने-आप उग आए अनाज खाता था। किन्तु पृथु द्वारा खेती करने का तरीका विकसित करने के बाद से भारत में […]
प्रहलाद सबनानी लघु एवं सीमांत किसानों के लिए खेती के साथ-साथ पशुपालन भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। अतः केंद्र सरकार ने देश में डेयरी उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। नीली अर्थव्यवस्था (मछली पालन) एवं बाग़वानी पर भी विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 के […]
केंद्र में माननीय श्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा वर्ष 2014 के बाद से ही किसानों की आय को दुगनी करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है एवं कृषि क्षेत्र में सुधार हेतु कई योजनाओं को लागू किया गया है। इसी कड़ी में, अभी हाल ही में भारतीय संसद ने कृषि क्षेत्र से सबंधित […]
– अभिनव जून 2020 में मोदी सरकार ने कृषि-सम्बन्धी तीन अध्यादेश पेश किये और सितम्बर 2020 में लोकसभा और राज्यसभा में काफ़ी हो-हल्ले के बीच उन्हें पारित कर दिया गया। अचानक सभी पूँजीवादी पार्टियाँ किसानों के पक्ष में खड़ी हो गयीं। यहाँ तक कि कुछ अनपढ़ “मार्क्सवादी” भी धनी किसानों व कुलकों के आन्दोलन के […]
प्रभुनाथ शुक्ल केंद्र सरकार की तरफ़ से कृषि सुधार पर लाया गया बिल सत्ता और विपक्ष की राजनीति में ‘मंदारी और सपेरे’ का खेल बन गया है। सरकार ने बीन बजाई और उसकी झोली से एक उम्दा ‘किसानहित’ बिल निकल गया। लेकिन यह खेल दूसरे सियासी मदारियों को नहीँ पच रहा है। कृषि सुधार के […]
डॉ. कृपाशंकर तिवारी भारत के कृषि प्रधान होने का दावा हमारे किसानों ने सही साबित किया है। आज भारत, कृषि विकास में प्रमुख स्थान प्राप्त कर चुका है। राष्ट्रीय आय का 33त्न भाग कृषि से ही प्राप्त होता है। भारत की लगभग 70त्न आबादी कृषि से जुड़ी है। भारत का प्रत्येक नागरिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष […]
वर्तमान ख़रीफ़ 2020 के मौसम में देश में 1095 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न किया जा चुका है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 1030 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में बुआई का कार्य सम्पन्न हुआ था। चावल, दालें, मोटा अनाज, बाजरा तिलहन आदि की बुआई लगभग सम्पन्न हो चुकी है। कोरोना महामारी का […]
प्रो. कुसुमलता केडिया (लेखिका प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं।) भारत की हजारों वर्षों की जिस संपन्नता की बात की जाती है, वह मुख्यतया किसानों, शिल्पियों और व्यापारियों पर टिकी थी। राजकोष में आने वाले धन का सबसे बड़ा हिस्सा किसानों से प्राप्त होता था। मनुस्मृति, विष्णु धर्मसूत्र, गौतम धर्मसूत्र आदि में स्पष्ट व्यवस्था है कि सामान्यतया राज्य, […]
प्रह्लाद सबनानी कोरोना महामारी के चलते किसानों को कृषि कार्य सम्पन्न करने के लिए वित्त की कमी महसूस नहीं हो, इस बात को ध्यान में रखकर किसानों को बैंकों द्वारा सस्ती ब्याज दरों पर किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वर्तमान ख़रीफ़ 2020 के मौसम में देश में 1095 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में […]